- किसान 80 फीसदी आग में झुलसा, जिससे बिगड़ गई है ज्यादा हालात
- वन विभाग एवं राजस्व की टीम ने सरकारी भूमि होने का किया दावा
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: न्याय नहीं मिलने पर किसान ने लापरवाह सरकारी सिस्टम के खिलाफ एसडीएम मवाना के आॅफिस के सामने खुद को आग लगा ली। ये विभत्स घटना शुक्रवार की है। हस्तिनापुर के अलीपुर मोरना निवासी किसान जगबीर ने खुद पर पेट्रोल उड़ेलकर आग लगा ली। कुछ ही क्षणों में आग धधकने लगी। आग लगाने के बाद किसान तड़पने लगा। आत्मदाह के प्रयास से हड़कंप मच गया। मेरठ से लेकर लखनऊ तक फोन घनघनाने लगे।
दरअसल, किसान के परिजनों का कहना है कि जगबीर सिंह के पास 12 बीघा में गेहंू की फसल पर वन विभाग ने टैÑक्टर चलवाकर फसल नष्ट कर दी। वन विभाग इस जमीन को अपना बता रहा हैं, जबकि किसान के परिजन अपना दावा कर रहे हैं। इसके लिए कोई नोटिस जारी नहीं किया गया और बुलडोजर चला दिया। किसान बर्बाद हो गया। वन विभाग के बुलडोजर चलाने के बाद किसान ने खुद को आग लगाकर जान देने की कोशिश की।
इस पूरे घटनाक्रम से पुलिस-प्रशासन के आला अफसरों में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में हस्तिनाुपर से विधायक व राज्यमंत्री दिनेश खटीक, डीएम दीपक मीणा, एडीएम सिटी अमित कुमार, एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह, सीएमओ व अन्य अफसरों की गाड़ियां एकाएक गढ़ रोड स्थिति न्यूटिमा हॉस्पिटल पहुंच गई, जहां आग में बुरी तरह से झुलसे किसान की हालत गंभीर बनी हुई हैं।
डॉक्टरों का कहना है किसान 80 फीसदी आग में झुलस गया हैं, जिससे ज्यादा हालात बिगड़ गई हैं। राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने कहा है कि घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं, जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। वहीं, दूसरी ओर डीएम दीपक मीणा ने भी प्रशासनिक स्तर पर जांच की बात कही है तथा एसपी देहात कमलेश बहादुर ने भी विधिक कार्रवाई की बात कही है।
काफी लंबे समय से किसान का चला आ रहा था कब्जा
मवाना तहसील के अलीपुर मोरना निवासी किसान की 12 बीद्या जोत की भूमि मकदूमपुर नहर के निकट खोले के जंगल में हैं। आरोप है कि वन विभाग के अधिकारियों ने किसी सूचना के उनकी खड़ी गेंहू की फसल पर ट्रैक्टर चलाकर नष्ट कर दिया है। इससे किसान परिवार को काफी नुकसान हुआ है। शुक्रवार को जब किसान को अफसरों से इंसाफ नहीं मिला तो उन्होंने अपने जीवन को नष्ट करने की ठान ली और तेल छिड़कर आत्मदाह करने का प्रयास किया।
अलीपुर मोरना निवासी जगबीर पुत्र धनपाल द्वारा आत्मदाह करने की देर रात वन विभाग के डीएफओ राजेश कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया जारी करते हुए कहा है कि गुरुवार को वन विभाग हस्तिनापुर एवं तहसील मवाना राजस्व विभाग की टीम द्वारा आइजीआरएस एवं तहसील दिवस में की गई शिकायतों के आधार पर वन विभाग की भूमि की पैमाईश की गई। अधिकारियों ने जमीन को पैमाइश के दौरान अतिक्रमण मुक्त करवाने का दावा किया। कहा कि ग्रामीणों की उपस्थिति में बिना किसी बल प्रयोग के कार्रवाई की गई है। अधिकारी के अनुसार शुक्रवार दोपहर में पीड़ित किसान मवाना तहसील पहुंचा।
और उक्त घटना से क्षुब्द होकर तहसील परिसर में खुद को तेल छिड़कर आत्मदाह करने का प्रयास किया है। जिसमें किसान काफी झूलस गए हैं। जिनका सीनियर डाक्टर की देखरेख में उपचार चल रहा है। डीएफओ ने दावा किया है कि वन विभाग एवं राजस्व विभाग द्वारा विधिक कार्रवाई और बिना किसी बल प्रयोग के शांतिपूर्वक प्रक्रिया के तहत कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा है कि जिला प्रशासन की पहली प्राथमिकता उनकी अच्छी इलाज की है एवं साथ ही इस विषय पर आवश्यक कार्रवाई भी की जा रही है।