Friday, March 29, 2024
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किसान गोभी फसल सीएससी के माध्यम से बेचें: तेजेंद्र

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  • उचित दाम ने मिलने से किसानों ने नष्ट की थी गोभी फसल
  • विधायक ने किसानों को उनके बीच पहुंचकर किया प्रेरित

जनवाणी ब्यूरो |

कैराना: सब्जी मंडी में एक रुपये प्रति किलोग्राम गोभी फसल बिकने से नाराज किसानों द्वारा फसल पर ट्रैक्टर चलाकर फसल नष्ट किए जाने पर कृषि मंत्रालय द्वारा संज्ञान लेने के बाद जहां एक दिन पहले प्रशासन की टीम तहसीलदार के नेतृत्व में जांच करने पहुंची थी, वहीं शनिवार को भाजपा विधायक तेजेंद्र निर्वाल किसानों के बीच पहुंचें। उन्होंने किसानों को अपनी फसल सीएससी के माध्यम से बेचने के लिए प्रेरित किया।

केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानूनों को रद्द किए जाने तथा फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून के दायरे में लाने की मांग को लेकर दिल्ली में किसानों का आंदोलन जहां 24 वें दिन भी जारी रहा, वहीं 4 दिन पहले क्षेत्र के मायापुर रोड निवासी किसान रमेश व गांव झाड़खेड़ी निवासी किसान तनवीर ने अपनी-अपनी गोभी की लहलहाती करीब 15 बीघा फसल पर ट्रैक्टर चलाकर उसे नष्ट कर दिया था।

किसानों का कहना था दिल्ली सब्जी मंडी में उनकी फसल को महज एक रुपये प्रति किलोग्राम खरीदा गया था। एक बीघा गोभी की फसल उगाने में करीब 4 से 5 हजार रुपये का खर्च आता है। यह मामला मीडिया की सुर्खियां बन गया था। एक दिन पूर्व नायब तहसीलदार के नेतृत्व में उद्यान विभाग व कृषि विभाग की टीम किसानों के बीच पहुंचकर रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों को भेजी थी।

इसके बाद सीएससी की डिस्ट्रिक्ट मैनेजर तानिया के नेतृत्व में टीम किसान रमेश व तनवीर से मिली थी। टीम ने 400 किलोग्राम गोभी की फसल को सीएससी के माध्यम से किसान ई-मार्ट आनलाइन पोर्टल पर किसान का रजिस्ट्रेशन कर 10 प्रति किलोग्राम बेचा था। तुरंत ही 4 हजार रुपये किसान के खाते में आनलाइन आ गई थी।
इधर, शनिवार को शामली से भाजपा विधायक तेजेंद्र निर्वाल सीएससी की टीम के साथ किसान रमेश के खेत पर पहुंचे। जहां पर विधायक ने किसान से गोभी की फसल नष्ट करने का कारण पूछा।

इस दौरान विधायक ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों से मंडी में बैठे बिचौलियों को खत्म किया गया है। इसका एक उदाहरण सीएससी की टीम द्वारा जिस तरह मंडी में कम दाम पर बिकने वाली गोभी की फसल को आनलाइन उचित दामों पर बेचकर किसानों को फायदा पहुंचाया हैं।

उन्होंने कहा कि वे स्वयं किसानों के खेतों पर यह देखने के लिए आये हैं कि सरकारी तंत्र द्वारा किसानों की फसलों को आनलाइन अच्छे दामों पर बेचा गया हैं या नहीं। उन्होंने अन्य किसानों को भी सीएससी किसान ई मार्ट आनलाइन पोर्टल के माध्यम से अपनी फसल बेचने के लिए प्रेरित किया।

ऐसे बिकती हैं किसान ई-मार्ट पर फसल

सीएससी की मैनेजर तानिया ने बताया कि सबसे पहले किसान ई-मार्ट आनलाइन पार्टल पर किसान का आधार कार्ड व बैंक पासबुक आपलोड करनी होती हैं। बाद में फसल का फोटो खिचकर क्वालिटी के साथ पार्टल पर डाला जाता हैं। जहां पर वायर व किसान डायरेक्ट फसल की क्वालिटी के हिसाब से दाम तय करते हैं। दाम तय होने के बाद किसान के खाते में फसल की पूरी कीमत आनलाइन भेजी जाती हैं। जिसके बाद वायर किसान के खेत पर ही अपनी ट्रांसपोर्ट की गाड़ी भेजकर फसल उठवा लेता हैं।

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