Tuesday, May 20, 2025
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तेजी से उभरता कॅरियर डोमेन कार्टोग्राफी

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shreeprakashसाइंस और स्पेस टेक्नोलॉजी के साथ सिविलाइजेशन के तेज रफ़्तार से विकसित होती हुई मॉडर्न दुनिया में कार्टोग्राफी के डोमेन में भी नई संभावनाएं तेजी से अंकुरित हो रही हैं। जाहिर है आनेवालो दशकों में कार्टोग्राफी का क्षेत्र बेशुमार जॉब्स और कॅरियर आॅप्शंस से भरा हुआ होगा। कार्टोग्राफी का नाम लेते ही जेहन में मानचित्र, ग्लोब और पृथ्वी के विभिन्न इमेज सिनेमा के रील की भांति बड़ी तेजी से गुजरते चले जाते हैं। स्कूल और कॉलेज में देश-दुनिया के विभिन्न प्रकार के मानचित्र और ग्लोब जियोग्राफी के क्लास के अनिवार्य टीचिंग टूल्स में शुमार किए जाते हैं।

देश और विदेश में टूअरिस्ट्स के अपने डेस्टिनेशन तक पहुंचने में मैप्स की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता है। यही कारण है कि हाल के वर्षों में कार्टोग्राफी एक लोकप्रिय करियर आॅप्शन के रूप में स्थापित हो चुका है।

कार्टोग्राफी क्या होता है?

तकनीकी रूप से मानचित्र और ग्लोब्स बनाने की कला और उनकी स्टडी के प्रैक्टिस को कार्टोग्राफी कहा जाता है और जो प्रोफेशनल इस कला में एक्सपर्ट होते हैं उन्हें कार्टोग्राफर कहा जाता है। लेकिन कार्टोग्राफी की दुनिया और विश्व अर्थव्यवस्था में इसकी महत्ता यहीं तक सिमट कर नहीं रह जाती है।

सच पूछिए तो 1990 के दशक के ग्लोबलाइजेशन के तीव्र लहर ने जिस तरह से दुनिया के दायरे को सीमित कर दिया है, उसके परिप्रेक्ष्य में कार्टोग्राफी के डोमेन के एक्सपोजर में भी काफी डेवलपमेंट हुआ है। कार्टोग्राफी में नए करियर आॅप्शंस और जॉब अपोर्च्युनिटिज की संभावनाओं में भी काफी वृद्धि हुई है।

इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी, जीआईएस और सैटेलाइट कम्युनिकेशन के तेजी से विकास के साथ मैप बनाने की कला हाल के वर्षों में काफी सॉफिस्टिकेटेड हो गयी है। मैप स्टैक, नेचुरल अर्थ इत्यादि कार्टोग्राफी सॉफ्टवेयर्स ने कार्टोग्राफर के कार्य को काफी आसान और साइंटिफिक बना दिया है।

स्प्रेडशीट, चार्ट्स और डाइग्राम्स से प्राप्त डाटा के आधार पर बिलकुल करेक्ट और उत्कृष्ट मैप निर्माण एक क्रिएटिव आर्ट है जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के प्रोफेशनल्स करियर का निर्माण कर सकते हैं और रोजगार पा सकते हैं।

कार्टोग्राफर का जॉब प्रोफाइल

वैसे तो कार्टोग्राफर का मुख्य कार्य जीआईएस और सैटेलाइट कम्युनिकेशन की मदद से मैप्स का निर्माण करना होता है लेकिन तकनीक के विकास के साथ इसका दायरा काफी विस्तृत हो चुका है।

इनका काम नक़्शे, ग्लोब इत्यादि का निर्माण करना, नक़्शे के निर्माण में एक्यूरेसी और एग्जेक्टनेस का ध्यान रखना, मैप के निर्माण के लिए आवश्यक डाटा और सूचना एकत्र करना, संग्रहित सूचनाओं का विश्लेषण करना, डाटा और सूचनाओं के आधार पर नक़्शे, ग्राफ्स, इलस्ट्रेशन और लेआउट के डिजाइन तैयार करना, नक्शे को अधिक सूचनाप्रद बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के रंगों, संकेतों और स्टाइल्स का उपयोग करना।

शुरुआत कहां से करें

कार्टोग्राफी में कॅरियर की शुरुआत बारहवीं क्लास पास करने के बाद से की जा सकती है। इस डोमेन में कॅरियर बनाने के इच्छुक कैंडिडेट को बारहवीं के बाद कार्टोग्राफी के एक मुख्य सब्जेक्ट के साथ तीन वर्षीय अंडरग्रेजुएट कोर्स करना होता है। कार्टोग्राफी में स्पेशलाइजेशन के लिए कई कोर्स अवेलेबल हैं जिसमें एडमिशन की योग्यताएं अलग-अलग होती है।

किंतु सामान्य रूप से अंडरग्रेजुएट कोर्स के लिए बारहवीं पास या फिर आवश्यक सब्जेक्ट्स के साथ क्वालीफाइंग एग्जामिनेशन क्लियर करना होता है।

मुख्य रूप से कार्टोग्राफी में कोर्स जियोग्राफी में इंटरेस्टेड कैंडिडेट्स के लिए काफी फेवरिट माना जाता है। वैसे कार्टोग्राफी को जियोग्राफी का ही उप-डोमेन सब्जेक्ट माना जाता है लेकिन कुछ एजुकेशनल इंस्टीट्यूटस विशेष रूप से कार्टोग्राफी में प्रोग्राम कंडक्ट करती है।

कार्टोग्राफी में कुछ मुख्य कोर्स

कार्टोग्राफी में सर्टिफिकेशन लेवल कोर्स : तीन महीने से लेकर एक वर्ष की अवधि के इस कोर्स के लिए न्यूनतम योग्यता जियोग्राफी विषय के साथ बारहवीं कक्षा पास की होती है।

डिप्लोमा इन कार्टोग्राफी: दो से तीन वर्ष की अवधि वाला यह कोर्स कार्टोग्राफी में डिप्लोमा लेवल का होता है जिसके लिए मिनिमम एलिजिबिलिटी जियोग्राफी विषय के साथ बारहवीं कक्षा पास की होती है।

ग्रेजुएट लेवल कोर्स

बीई जियोइन्फोर्मेटिक्स: चार वर्ष के इस कोर्स के लिए न्यूनतम योग्यता जियोग्रफी विषय के साथ बारहवीं कक्षा पास की होती है।

बी टेक इन जियोइन्फोर्मेटिक्स: चार वर्ष के इस कोर्स के लिए न्यूनतम योग्यता जियोग्रफी विषय के साथ बारहवीं कक्षा पास की होती है।

जियोग्रफी में बीएससी / बी.ए: तीन वर्ष के इस कोर्स के लिए न्यूनतम योग्यता जियोग्राफी विषय के साथ बारहवीं कक्षा पास की होती है।

कार्टोग्राफी में मास्टर लेवल कोर्स

  • पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा इन ज्योग्राफिकल कार्टोग्राफी

  • जियोग्राफी में एम.ए / एम.एससी

  • जियोइन्फोर्मेटिक्स में एम.ई / एम.एससी

  • रिमोट सेंसिंग और ज्योग्रफिकल इनफार्मेशन सिस्टम में (जीआईएस ) में एम.टेक

कोर्स के लिए प्रमुख संस्थान

  • अन्नामलाई यूनिवर्सिटी, चेन्नई

  • इंडियन इंस्टीट्यूट आॅफ सवेर्इंग एंड मैपिंग, हैदराबाद

  • इंडियन इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी, मुंबई

  • जामिया मिलिया इस्लामिया, दिल्ली

  • एमएस यूनिवर्सिटी, वड़ोदरा

  • नार्थ ओडिशा यूनिवर्सिटी, बड़ीपाड़ा

  • ओस्मानिया यूनिवर्सिटी, हैदराबाद

  • पंडित रविशंकर यूनिवर्सिटी, रायपुर

  • सैम हिग्गिनबोटोम इंस्टीट्यूट आॅफ एग्रीकल्चर, इलाहाबाद

अनिवार्य स्किल्स

लेबोरेटरी वर्क के साथ फील्ड जॉब में कठिन मेहनत करने की तत्परता
डाटा एनालिसिस, फोटोग्राफी और स्पेसिअल और एरियल एप्टीट्यूड में कुशलता
तार्किक सोच और क्रिएटिविटी पावर इमेजिनेशन पावर, वैज्ञानिक, कलात्मक और तकनीकी कुशलता कंप्यूटर, मैथमेटिक्स, स्टेटिस्टिक्स, स्केचिंग और डिजाइन में कुशलता, डिजिटल मैपिंग और वेब मैप्स में उच्च स्तर की प्रवीणता
विभिन्न स्रोतों से प्राप्त डाटा की शुद्धता के बारे में जागरूकता

कार्टोग्राफी जॉब्स कहां हैं

केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकारों तक और लोकल गवर्नमेंट से निजी व्यक्ति भी आज विविध प्रकार के नक्शा निर्माण के लिए कार्टोग्राफर की मांग करते हैं। टेक्नोलॉजी और सभ्यता के विकास ने इस डोमेन में अभूतपूर्व रूप से जॉब्स के लिए राहें आसान कर दी हैं।

कार्टोग्राफी का मुख्य कार्य नक्शा निर्माण का होता है और यही कारण है कि जिस भी सेगमेंट में मैप मेकिंग का कार्य होता है उसमें कार्टोग्राफर की भी डिमांड होती है। इस लिहाज से आधुनिक समय में कार्टोग्राफर की दरकार इंजीनियरिंग और आर्किटेक्चर सेक्टर में भी बड़े पैमाने पर हो रही है।

वैसे हाल के वर्षों में कार्टोग्राफी के डोमेन का सेल्फ-एम्प्लॉयमेंट और फ्रीलान्स बिजनेस के रूप में भी तेजी से विकास हुआ है। कार्टोग्राफी के एक्सपर्ट्स खुद के बिजनेस स्थापित कर सकते हैं और खुद के असिस्टेंस के लिए अन्य कार्टोग्राफी प्रोफेशनल्स को भी अपॉइंट कर सकते हैं।

इस तरह से कार्टोग्राफर एक लुक्रेटिव करियर का प्रारंभ कर सकते हैं। फ्रीलांसर के रूप में कार्टोग्राफी प्रोफेशनल्स का कार्य करने का फैशन और भी तेजी से विकसित हो रहा है। व्यक्तिगत तौर पर अपने कई क्लाइंट्स के लिए अपनी शर्तों और सुविधाओं के मुताबिक कार्य करने के सिस्टम में भी कॅरियर का आगाज किया जा सकता है।

मुख्य नियोक्ता

सरकारी क्षेत्र के अंतर्गत डिफेन्स और मिलिट्री डिपार्टमेंट्स, केंद्र और राज्य सरकारों के अंतर्गत नेशनल इन्फॉर्मैटिक्स सेंटर, शहरी, ग्रामीण और ट्राइबल डेवलपमेंट मंत्रालय, सेंसस, पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट, आर्किटेक्चर, लैंड मैनेजमेंट, आर्किटेक्चर, वाटर सप्लाई, पावर सप्लाई कंपनी, ट्रैफिक मैनेजमेंट, कंस्ट्रक्शन, एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग, हाउसिंग सेक्टर, टेलीकम्यूनिकेशन, ट्रांसपोर्ट, एविएशन, जियोलॉजिकल, सवेईंग कंपनी , टूरिज्म सेक्टर, हायर एजुकेशनल और रिसर्च इंस्टीट्यूट्स, इंडियन स्पेस एंड रिसर्च आॅर्गेनाइजेशन (इसरो), नासा, यूनाइटेड नेशंस आॅर्गेइजेशन, नेशनल सर्वे एंड मैपिंग आॅर्गेनाइजेशन


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