- विवि में दारोगा सहित 170 होमगार्ड एवं पुलिसकर्मी की तैनाती
- छात्र-छात्राओं और शिक्षकों में भारी दहशत का माहौल
- सिक्योरिटी के नाम पर करोड़ों खर्च, विवि के सभी दावे फेल
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में आए दिन होने वाली फायरिंग, झगड़े एवं छात्रों के पास से बरामद अवैध हथियारों का आखिकार जिम्मेदार कौन है? जबकि, विवि द्वारा छात्र-छात्राओं की सुरक्षा को लेकर बड़े बड़े दावे किए जाते रहे हैं। साथ ही सिक्योरिटी के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा चुकी है। और विवि में 165 होमगार्ड समेत दारोगा एवं सिपाही की तैनाती है। बावजूद इसके विवि में आए दिन मामूली कहासूनी पर छात्र गुटों में गैंगवार छिड़ जाती है। जिसके कारण हजारों अध्ययनरत छात्रों का भविष्य अंधकारी में है।
विवि में सुरक्षा ना के बराबर दिखाई दे रही है। अब तो आलम ये है कि दूरदराज से आने वाले छात्र उक्त घटनाओं के होने से काफी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, लेकिन विवि के पास उक्त घटनाओं से निपटने के लिए पर्याप्त बंदोबस्त नहीं हैं। स्थानीय प्रशासन द्वारा विवि की सुरक्षा के लिए करीब 165 होमगार्ड की हर दिन विवि में ड्यूटी रहती है। इसके साथ विवि के बीच में एक पुलिस चौकी भी है। जहां पुलिस प्रशासन द्वारा एक दारोगा समेत तीन सिपाही हर समय मौजूद रहते हैं।
इसके बावजूद हथियारबंद छात्रों का विवि में वर्चस्व कायम है।
सूत्रों की माने तो विवि में जगह-जगह छात्रों के झुंड लगे रहते हैं, लेकिन सिपाही से लेकर दारोगा एवं होमगार्ड ऐसे छात्रों को कुछ भी कहने से कतराते हैं। जबकि पूर्व में छात्र संगठन के छात्र विवि प्रशासन से बाहरी लोगों के प्रवेश पर पाबंदी की मांग कर चुके हैं, लेकिन विवि द्वारा आज तक उन छात्र नेताओं की बाद पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जिसका खामिया आए दिन विवि को होने वाली फायरिंग से भुगतना पड़ता है।
विवि में पहचान पत्र और पास के सभी दावे फेल
पूर्व में हुई फायरिंग एवं झड़के के चलते दो छात्र गुट के करीब पांच छात्र को जेल जाना पड़ा था। जहां कुछ छात्रों ने बाहरी छात्रों पर फायरिंग का आरोप लगाते हुए विवि में चारों ओर सुरक्षा की मांग की थी। हालांकि, इस मांग पर विवि ने बिना पास व पहचान पत्र के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी थी, लेकिन यह सिलसिला कुछ दिनों तक तो चला बाद में वह हवा हवाई हो गया, लेकिन न तो छात्रों ने उक्त नियम को माना और न ही विवि में तैनात कर्मचारियों ने जिसके कारण आए दिन इस तरह की घटनाएं होती रहती है।
आखिर विवि में कौन कर रहा हथियारों की सप्लाई?
चौधरी चरण सिंह विवि देश से लेकर विदेश में अपना परचम हैं, लेकिन जिम्मेदारों का छात्रहितों से मोह भंग-सा होता नजर आ रहा है। विवि में कई बार फायरिंग की धटना हो चुकी है, लेकिन यह समक्ष से परे है कि आखिकार विवि में कौन अवैध हथियार सप्लाई कर रहा है। जबकि विवि में चप्पे-चप्पे पर भारी पुलिस बल तैनात रहती है। इसके बावजूद पुलिस प्रशासन से लेकर विवि प्रशासन के पास इससे निपटने के पुख्ता इंतजामात नहीं है।
फायरिंग के बाद विवि की टूटी कुंभकर्णी नींद
चौधरी चरण सिंह विवि में कई बार फायरिंग की घटना हो चुकी है, लेकिन ऐसे में विवि कुलपति द्वारा सुरक्षा की नई पहल पर कई सवाल खड़े होते नजर आ रहे हैं। विवि में बड़ी घटना के बाद ही विवि प्रशासन की नींद टूटती नजर आ रही है। जिसके भुनाने के लिए कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला कोई भी मौका गंवाने के लिए तैयार नहीं है। इससे में उन्होंने आगे आकर विवि की में सुरक्षा के बड़े दावे किए और वाकी टॉकी टावर की स्थापना कर दी। जिसका श्रेय कुलपति ने प्रोक्टर प्रो. बीरपाल सिंह एवं डा. दुष्यंत चौहान को दिया है।
डेढ़ करोड़ की चोरी का शोर, मामला लेनदेन का
टीपीनगर के मेवला फाटक के समीप साहनी कॉम्प्लेक्स स्थित एक गोदाम में बुधवार की रात डेढ़ करोड़ के स्क्रेप चोरी का शोर मच गया। इतनी बड़ी रकम की चोरी की सूचना पर पुलिस में हड़कंप मच गया, लेकिन जांच में मामला आपसी लेनदेन का निकला। पुलिस के मुताबिक दो भाइयों शौकत व फरमान निवासी रशीद नगर लिसाडी रोड का साहनी कॉम्प्लेक्स में गोदाम है। उनकी साझेदारी में फरमान व सुहेल निवासी महलका इंचौली ने रियल एस्टेट में 1.22 करोड़ का इन्वेस्ट किया है।
इसके अलावा स्क्रेप के काम में भी करीब भारी भरकम रकम साझेदारी मे ंइन्वेस्ट की है। गुरुवार की सुबह शौकत ने टीपीनगर पुलिस को गोदाम में डेÞढ करोड़ के स्क्रैप चोरी की सूचना दी। एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने जानकारी दी कि जब की जांच की गयी तो मामला साझेदारी में लेनदेन के विवाद का निकला। फरमान व सुहेल पक्ष का कहना है कि उनका पैसा इन्वेस्ट है, इसलिए वो अपना स्क्रैप उठा कर ले गए। चोरी जैसी कोई बात नहीं। पुलिस इस मामले में अभी जांच कर रही है।