जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: भारतीय विदेशमंत्री डॉ. एस जयशंकर फिजी दौरे पर हैं, साथ ही एस जयंशकर नाडी में हो रहे 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन में शामिल हुए। वहीं, आज भारत के विदेशमंत्री फिजी के पीएम से मिले और दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने को लेकर बातचीत भी हुई।
External Affairs Minister Dr S. Jaishankar launches 'Solarization of Residences of Pacific Heads of State Project' in the presence of President of Fiji Ratu Wiliame Maivalili Katonivere in Suva, Fiji pic.twitter.com/sBc5ujxfFQ
— ANI (@ANI) February 15, 2023
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने फिजी के सुवा में फिजी के पीएम सीतवेनी राबुका के साथ द्विपक्षीय बैठक की। व एस. जयशंकर ने फिजी के राष्ट्रपति रातू विलियामे मैवालिलि कटोनिवेरे की उपस्थिति में ‘सोलराइजेशन ऑफ रेजिडेंस ऑफ पैसिफिक हेड्स ऑफ स्टेट प्रोजेक्ट’ का शुभारंभ किया।
External Affairs Minister Dr S. Jaishankar holds a bilateral meeting with Fiji's PM Sitiveni Rabuka in Suva, Fiji pic.twitter.com/RSjTFDYEfA
— ANI (@ANI) February 16, 2023
भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि भारत और फिजी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक तौर पर बेहद करीबी देश हैं। हमने दोनों देशों के बीच वीजा में छूट के समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह दोनों देशों के नागरिकों के बीच पर्यटन को बढ़ावा देगा। हिंदी सम्मेलन का अनुभव भी सभी प्रतिनिधियों और उनके परिवारों को फिजी आने को प्रेरित करेगा।
विदेश मंत्री ने कहा कि हमने फिजी के गन्ना उद्योग में काम किया है। साथ ही हम अक्षय ऊर्जा और छोटे और मध्यम उद्योगों को आईटी सपोर्ट मुहैया कराने पर भी विचार कर रहे हैं। फिजी प्राकृतिक आपदाओं के लिए संवेदनशील इलाका है और भारत हमेशा फिजी के मुश्किल समय में उसके साथ खड़ा रहा है। कोरोना जैसे समय में हमने फिजी की मदद की और वैक्सीन मैत्री के तहत फिजी को एक लाख वैक्सीन की डोज भेजी गईं थी।
फिजी के पीएम से जब पूछा गया कि क्या ईएएम एस जयशंकर और उनके बीच वार्ता में चीन पर चर्चा हुई थी, तो वह बोले कि, हमने सोचा की किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में बात करना बुरा व्यवहार है जो इमारत में नहीं है। हमने अपने स्वयं के सहयोग के बारे में बात की और हम बहुत भाग्यशाली हैं कि इतनी बड़ी शक्ति और अर्थव्यवस्था हमसे बात कर रही है
साथ ही फिजी की पीएम सीतवेनी राबुका ने यह भी कहा कि, भारत हमारे बहुत पुराने मित्र हैं और वास्तव में नए मित्रों की तलाश करने की कोई आवश्यकता नहीं है। इस क्षेत्र में वास्तव में कोई नया मित्र नहीं है। हम भारत के मित्र रहे हैं, हम चीन के मित्र रहे हैं। हम अपने रिश्ते जारी रखेंगे।