जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: अधिवक्ता ओमकार तोमर के आत्महत्या मामले में हैंडराइटिंग फॉरेसिंक जांच रिपोर्ट अहम साबित होगी। इसकी रिपोर्ट आने के बाद ही भाजपा विधायक दिनेश खटीक की गिरफ्तारी होगी या फिर नहीं, यह तय किया जाएगा। फिलहाल तमाम अधिवक्ता भाजपा विधायक की गिरफ्तारी की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं तथा रविवार को भी अधिवक्ताओं का कचहरी में क्रमिक अनशन चला तथा अधिवक्ताओं ने डीएम को ज्ञापन दिया।
ओमकार के सुसायड नॉट के बाद ही भाजपा विधायक दिनेश खटीक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। सुसाइड नोट में हैंडराइटिंग की फॉरेंसिक जांच पुलिस करा रही है। इसमें स्पष्ट होगा कि हैंडराइटिंग ओमकार की ही है या फिर किसी अन्य की।
दरअसल, अधिवक्ता ओमकार के आत्महत्या करने का मामला सुर्खियों में हैं। क्योंकि एक तो अधिवक्ता के आत्महत्या करना और फिर विधायक की नामजदगी से यह प्रकरण हाइप्रोफाइल हो गया है। यही नहीं, ओमकार की मौत के मामले में नामजद आरोपी संजय मोतला का शव पेड़ पर लटका मिला था।
यह घटना दौराला थाना क्षेत्र की थी। इस तरह से यह प्रकरण उलझ गया है। कहानी का सच जो भी हो, इसके लिए पुलिस विवेचना कर रही है, लेकिन ओमकार तोमर के सुसाइड नोट को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद यह साफ हो जाएगा कि सुसाइड नोट ओमकार तोमर ने ही लिखा है, जिसके बाद भाजपा विधायक दिनेश खटीक की गिरफ्तारी होना तय है।
उधर, प्रदेश भर के अधिवक्ता विधायक की गिरफ्तारी की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं। यही नहीं, कचहरी में रविवार को भी अधिवक्ता क्रमिक अनशन पर बैठे तथा डीएम को ज्ञापन देकर विधायक की गिरफ्तारी की मांग की। यह पूरा मामला तूल पकड़ गया हैं।
महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि ओमकार तोमर के परिजनों ने यह बात भी छुपाई थी कि अधिवक्ता को परिजन हॉस्पिटल भी लेकर गए थे, जो सीसीटीवी फुटेज से पुलिस को पता चला। फुटेज भी पुलिस ने कब्जे में ले लिये थे। फुटेज में सुसाइड की पूरा घटनाक्रम कैद हैं। फुटेज में ओमकार के सुसाइड नोट में लिखे गए आरोप पुष्ट भी हो रहे हैं, जो सबूत में अहम भी हो सकते हैं।