- हस्तिनापुर रेंज में जानवरों के लिए बने है वॉटर होल और शहरी इलाकों से आती है शिकायते
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: तेज गर्मी और उमस से जहां इंसानों की जिंदगी दुभर कर रखी है वहीं पशु-पक्षियों के भी जिदंगी जीने के लाले पड़े हुए है। शहरी क्षेत्र से पक्षियों के बीमार होने की तमाम तरह की शिकायतें वन विभाग को मिल रही है, जिनका वन विभाग रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ देता है। मई महीने में जहां आधा दर्जन पक्षियों का रेस्क्यू वन विभाग कर चुका है। उमस और गर्मी से पक्षियों में थकावट और डिहाइड्रेशन जैसी शिकायतें अधिक हो रही है।
ऐसे में 20 से 30 पक्षियों का रेस्क्यू किया गया है। इस दौरान जहां उनको पानी पिलाया जाता हैं, वहीं कुछ देर तक उनको चिकित्सकों की देखरेख में भी रखा जाता है। रेस्क्यू वाले पक्षियों में चील, मोर, कबूतर आदि शामिल है। गर्मी की चपेट में आने के बाद पक्षी उड़ान भरने में असमर्थ हो जाते है और वह थकान महसूस करते हैं। ऐसे में वह अधिकतर जमीन पर बंदर या फिर कुत्तों के शिकार भी बन जाते है।
गर्मी अधिक पड़ने की वजह से प्राकृतिक जल स्त्रोत कम हो रहे है, जिससे की पशु और पक्षियों को पानी भी नहीं मिल पा रहा हैं, लेकिन वन विभाग की ओर से जंगल में जानवरों के लिए करीब 12 वॉटर होल बनाए गए है ताकि वह गर्मी से निजात पा सके। जिला वन अधिकारी राजेश कुमार का कहना है कि गर्मी के कारण पक्षियों को काफी परेशानी होती है और उनके बीमार पड़ने की संभावना भी अधिक रहती है।