नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉट कॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनन्दन है। सावन का महीना चल रहा है। सनातन धर्म में इस पवित्र माह का अत्यधिक महत्व है। बताया जाता है कि सावन का महीना भगवान शिव का प्रिय महीना है। इस महीने में श्रद्धालु देवों के देव महादेव को खुश करने के लिए विशेष पूजा और अभिषेक करते हैं। 3 सावन सोमवार बीत चुके हैं। अब चौथा सावन का सोमवार 31 जुलाई यानि कल है।
बताया जा रहा है कि, श्रावण मास के चौथे सोमवार पर रवि योग बन रहा है। साथ ही इस दिन रुद्राभिषेक के लिए शिववास भी है, लेकिन यह सुबह जल्द ही खत्म भी हो जाएगा। तो चलिए जानते हैं चौथे सोमवार पर पूजा विधि और रुद्राभिषेक मुहूर्त…
बहुत शुभ माना गया है..
इस दिन रवि योग सुबह 05 बजकर 42 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 58 मिनट तक है। इसके अलावा विष्कम्भ योग सुबह से लेकर रात 11 बजकर 05 मिनट तक रहेगा। फिर प्रीति योग शुरू हो जाएगा। रवि और प्रीति योग को बहुत शुभ माना जाता हैं।
रुद्राभिषेक का समय
कल के दिन प्रात: काल से लेकर सुबह 07 बजकर 26 मिनट तक है। ऐसे में जिन लोगों को सावन के चौथे सोमवार पर रुद्राभिषेक कराना है, वे सुबह 07 बजकर 26 मिनट से पहले करा सकते हैं। इस दिन शिववास नंदी पर है।
ऐसे करें पूजा
सुबह उठकर स्नान के बाद व्रत और शिवजी की पूजा का संकल्प लें।
सुबह शुभ मुहूर्त में किसी शिव मंदिर में जाकर या घर ही शिवलिंग की विधि पूर्वक पूजा अर्चना करें।
इन चीजों से करें अभिषेक
इसके बाद भगवान शिव शम्भू को को चंदन, अक्षत, सफेद फूल, बेलपत्र, भांग की पत्तियां, शमी के पत्ते, धतूरा, भस्म और फूलों की माला अर्पित करें।
इसके बाद शिव जी शहद, फल, मिठाई, शक्कर, धूप-दीप अर्पित करें।
शिव चालीसा का पाठ और सोमवार व्रत कथा का पाठ करें।
आखिर में शिवलिंग के समक्ष घी का दीपक जलाएं और भोलेनाथ की आरती करें।