- हाड़कंपाने वाली ठंड से कांपा शहर, दिन का तापमान 11 डिग्री पर पहुंचा
- अभी दो से तीन दिन नहीं है ठंड से राहत
जनवाणी संवाददाता |
मोदीपुरम: शुक्रवार का दिन एक बार फिर से सबसे सर्द रहा है। सबसे ज्यादा ठंड का असर अब जनवरी माह में दिखाई दे रहा है। मौसम वैज्ञानिकों की माने तो अभी तीन चार दिन तक कोई राहत नहीं है। दिन और रात का तापमान कम रहेंगे। पिछले 10 साल में शुक्रवार का दिन सबसे सर्द रहा है। लगातार बढ़ती ठंड के बीच शहरवासी घरों में कैद हो रहे है।
ठंड के तेवर बढ़ते जा रहे है और मौसम बदल रहा है। मौसम में बढ़ती नमी के साथ दिन रात अन्य दिनों की अपेक्षा ज्यादा सर्द हो रहे है। मौसम में बढ़ती ठंड से अभी कोई राहत नहीं मिलेगी। मौसम कार्यालय पर दिन का अधिकतम तापमान 11.0 डिग्री व रात का न्यूनतम तापमान 6.6 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
अधिकतम आर्द्रता 100 और न्यूनतम 90 दर्ज की गई। शुक्रवार सुबह कोहरा और फिर तेज सर्द हवा और बादलों के चलते धूप नहीं निकली, जिस कारण से मौसम अन्य दिनों से ज्यादा सर्द दिखाई दिया। मौसम के सर्द होने के चलते जनजीवन पर भी इसका असर दिखाई दिया। मौसम अभी राहत देने को नहीं है।
बिना धूप के ज्यादा दिखता है ठंड का असर
मौसम वैज्ञानिकों की माने तो बिना धूप के ठंड का असर ज्यादा दिखता है। दिन में शुक्रवार को थोड़ी देर के लिए भी धूप नहीं रिकली। जिस कारण से कारण से मौसम सर्द बना हुआ है। जब तक धूप नहीं निकलेगी, तब तक मौसम सर्द रहेगा और तापमान भी सामान्य से नीचे रहेगा। अभी पिछले एक सप्ताह से दिन का तापमान और रात का तापमान सामान्य से नीचे ही चल रहा है।
शहर का प्रदूषण हुआ कम
मेरठ का प्रदूषण हवा के चलते कम दिख रहा है। रविवार को प्रदूषण 174 दर्ज किया गया। जबकि बागपत में 214, गाजियाबाद में 275, मुजफ्फरनगर में 329, जयभीमनगर में 143, गंगानगर में 160, पल्लवपुरम में 205 दर्ज किया गया। अभी आगे भी मौसम में बदलाव के चलते प्रदूषण के कम रहने के आसार है।
10 साल में अधिकतम तापमान
वर्ष तापमान
2015 21.4
2016 16.4
2017 14.2
2018 15.9
2019 18.7
2020 18.1
2021 22.4
2022 21.9
2023 18.1
2024 11.0
- पांच दिन शुष्क रहेगा मौसम
पश्चिमी जेट स्ट्रीम हवाओं के कारण अगले 5 दिन तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लगभग सभी जिलों में वर्तमान शीतलहर का दौर जारी रहने और मौसम शुष्क रहने के आसार है। आलू, गेहूं व अन्य खड़ी फसल में हल्की सिंचाई कर उचित नमी बनाए रखें। -डा. यूपी शाही, मौसम वैज्ञानिक