- अक्सर जनवरी माह में पाला पड़ता रहा अब तक
- पाला से गन्ना समेत कई फसलों हो सकता है नुकसान
जनवाणी संवाददाता |
ऊन: पछुआ तेज हवाओं की दस्तक के साथ ही मौसम ने करवट बदल ली है जिससे ठंड में इजाफा हो गया है। रविवार को सर्दी के साथ-साथ मौसम में पाले ने भी दस्तक दे दी है। मौसम और अधिक सर्द हो गया है। पाला पड़ने से फसलों को नुकसान होने की संभावना बढ़ गई है।
वेस्ट यूपी में पिछले तीन दिनों से चल रही तेज पछुआ हवा के कारण दिन और रात के तापमान में निरंतर गिरता जा रहा है। हवाओं के कारण दिल्ली में तापमान ने नवंबर के महीने में 14 साल पुराना रिकर्ड तोड़ दिया है। रविवार को मौसम ने एक बार फिर करवट ली है। पाला पड़ गया पाला पड़ने के कारण ठिठुरन बढ़ गई। हवाएं सर्द हो गई।
पाला पड़ने से फसलों को नुकसान होने की संभावना बढ़ गई है। आमतौर पर पाला जनवरी माह में पड़ना शुरू होता है लेकिन इस बार नवंबर माह में पाले ने दस्तक दे दी। पाला पड़ने के कारण फसलों को नुकसान होने की आशंका गहरा गई है। गेहूं की फसल की बुवाई चल रही है लेकिन अत्यधिक ठंड होने के कारण फसल का जमाव प्रभावित होना स्वाभाविक है।
पाला पड़ने से गन्ने की फसल का अगोला सूख जाएगा जिससे चीनी रिकवरी भी कम होगी। साथ ही, पशुओं के लिए हरे चारे की समस्या गहराने का संकट पैदा हो सकता है। इसके अलावा सरसों तथा आलू की फसल को भी भारी नुकसान होने का खतरा हो सकता है। हरे चारे की फसल भी बढ़वार नहीं कर पाएगी।
इसके अलावा रविवार को दिन का अधिकतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस रहा, वहीं न्यूनतम 8 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। हालांकि सोमवार को दिन के तापमान में एक डिग्री सेल्सियस की वृद्धि के चलते 23 डिग्री सेल्सियस तापमान होने का अनुमान मौसम विभाग का है जबकि रात का तापमान यथावत रहेगा।