परीक्षा में अच्छे अंक महज स्टूडेंट्स के टैलेंट और परीक्षा की अच्छी तैयारी पर ही निर्भर नहीं करता है। यह अन्य कई बातों पर भी निर्भर करता है जिसे हम या तो नकार देते हैं या फिर अधिक महत्व नहीं देते हैं। परीक्षा में प्रश्नों के उत्तर लिखना एक कला है और इस कला पर मास्टरी के अभाव में हम परीक्षा की चाहे कितनी बेहतर तैयारी क्यों न कर लें, अच्छे मार्क्स पाने का सपना बस एक सपना ही रह जाता है।
सभी स्टूडेंट्स परीक्षा में अच्छे अंक हासिल करना चाहते हैं और यह परीक्षा देने वालों का सबसे कॉमन लक्ष्य होता है। किन्तु यह कार्य आसान नहीं है। क्योंकि परीक्षा की अच्छी तैयारी के बावजूद अच्छे अंक हासिल करने की गारंटी नहीं होती है। शायद यही कारण है कि परीक्षा के रिजल्ट्स अनाउन्स्मेन्ट के बाद अच्छे अंक प्राप्त नहीं कर पाने की शिकायत एक कॉमन प्रॉब्लेम के रूप में शुमार किया जाता है। प्रश्न यह उठता है कि आखिर परीक्षाओं की उत्कृष्ट तैयारी के बावजूद अच्छे मार्क्स क्यों नहीं प्राप्त होते हैं।
सच पूछिए तो परीक्षा में स्टूडेंट्स को कितने मार्क्स प्राप्त होते हैं, यह सीक्रिट सबसे अधिक विभिन्न विषयों की तैयारी पर निर्भर करता है। लेकिन परीक्षा के अच्छे रिजल्ट्स के लिए केवल यही एक पैरामीटर नहीं है। स्टूडेंट्स परीक्षा में विभिन्न सबजेक्ट्स के प्रश्नों के उत्तर कैसे लिखते हैं यह भी परीक्षा मे प्राप्त होनेवाले मार्क्स को काफी प्रभावित करते हैं। परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर को लिखना एक कला है और अच्छे मार्क्स प्राप्त करने के लिए इस कला पर मास्टरी अत्यंत अनिवार्य है। यहाँ पर परीक्षा में प्रश्नों के उत्तर लिखने के कुछ ऐसे ही टिप्स दिए गए हैं जो परीक्षा में अच्छे मार्क्स और रिजल्ट्स प्राप्त करने में काफी सहायक हो सकते हैं।
प्रश्नों को अच्छी तरह पढ़ें
परीक्षा हॉल में क्वेशन पेपर मिलने के बाद प्रश्नों के उत्तर तुरंत लिखना शुरू नहीं करें। प्रश्नों के उत्तर देने के पूर्व आवश्यक निदेर्शों को बड़ी सूक्ष्मता से पढ़ना अनिवार्य है। प्रश्न पत्र में दिए गए निदेर्शों में उत्तर देने के तरीकों का उल्लेख होता है। इन निदेर्शों के अनुसार ही प्रश्नों के उत्तर दिए जाने चाहिए। सीबीएसई और राज्य सरकारों के बोर्ड परीक्षाओं में तो अब केवल प्रश्नों को पढ़ने के लिए ही अलग से 15 मिनट का समय दिया जाता है। इस 15 मिनट के समय को प्रश्नों के उत्तर देने के लिए रणनीति बनाने के लिए यूज किया जाना चाहिए।
आंसर शीट पर एंट्रीज को भी सावधानी से भरें
परीक्षा में अच्छे मार्क्स लाने में केवल प्रश्नों के सही उत्तर की ही नहीं बल्कि आंसर शीट के मुख्य पृष्ठ पर मांगी गयी इनफार्मेशन को भी सही ढंग से लिखने की अहम भूमिका होती है। अपने नाम के साथ अपने रोल नंबर को डिजिट और वर्डस में बिल्कुल सही ढंग से लिखने की जरूरत है। वर्तमान में इन सभी एंट्रीज को उनसे संबंधित ओवल्स को पेंसिल या पेन से गहरा काला करना होता है। इसमें लेटर और अंक से संबंधित ओवल को ही डार्क करना चाहिए नहीं तो गलत इनफार्मेशन परीक्षा के रिजल्ट्स को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है।
परीक्षा देते समय हमेशा याद रखें इन महत्वपूर्ण टिप्स को
-प्रश्नों को सावधानी से पढ़ें और तभी उनके आंसर लिखें।
-कठिन प्रश्नों के उत्तर देने के लिए माथापच्ची करने पर समय बर्बाद नहीं करें। वैसे प्रश्नों के उत्तर लास्ट में दे सकते हैं।
-प्रश्नों के उत्तर छोटे-छोटे पैराग्राफ में और पॉइंट्स में लिखना अच्छा माना जाता है।
-प्रश्नों के उत्तर देते समय शब्द सीमा का ध्यान रखेंक वैसे वर्ड लिमिट के मामले में थोड़ा रिलैक्सैशन दे सकते हैं।
-प्रश्नों के उत्तर देते समय आपके पास परीक्षा के लिए निर्धारित समय में से बचे हुए समय का भी ध्यान रखना जरूरी होता है, जिससे आप सभी प्रश्नों के उत्तर देने में टाइम को मैनेज कर पाएं।
-प्रश्न संख्या अच्छी तरह से लिखें और उसे एक गोले में घेर दें। इससे कॉपी चेक करते समय परीक्षक को आसानी होती है।
-जहां पर किसी प्रश्न का उत्तर समाप्त हो रहा हो वहीं से दूसरे प्रश्न का उत्तर लिखना शुरू नहीं करें। दूसरे प्रश्न का उत्तर थोड़ा स्पेस छोड़कर लिखें ताकि परीक्षक दो प्रश्नों के अलग-अलग उत्तर को एक ही प्रश्न का उत्तर समझ कर ईवैल्यूऐट न कर लें।
-उत्तर के मुख्य बिंदुओं को हाइलाइट कर देना बेहतर होता है ताकि कॉपी चेक करते समय वे बिन्दु आसानी से दिखाई पड़े।
-जहां तक संभव हो प्रश्नों के उत्तर प्वाईंट वाइज दें। इससे उत्तर के मुख्य बिंदुओं को जल्दी से जाना जा सकता है और जिसके मूल्यांकन में परीक्षक को कोई परेशानी नहीं होती है।
-गणितीय प्रश्नों को स्टेप वाइज हल करें। इस रणनीति से परीक्षक को उत्तर के मूल्यांकन में आसानी होती है जो अच्छे मार्क्स पाने में मदद करता है।
-प्रश्नों के उत्तर में आवश्यकतानुसार साफ-सुथरे डाइग्राम्स, ग्राफ और पिक्चर जरूर यूज करना चाहिए।
-लिटरेचर के विषयों और मानविकी के अन्य विषयों में जहां तक संभव हो महापुरुषों और विषय के विद्वानों के सारगर्भित और प्रासंगिक सूक्तियों और कविताओं की कुछ पंक्तियों का उल्लेख अवश्य करना चाहिए। इससे प्रश्न के उत्तर काफी उत्कृष्ट होते हैं जो उत्कृष्ट अंक दिलाने में काफी सहायक होते हैं।
-प्रश्नों के उत्तर सीक्वन्स में देना चाहिए। वैसे यह कोई नियम तो नहीं है लेकिन ऐसे करने से कॉपी का ईवैल्यूऐशन आसान हो जाता है।
-एक ही प्रश्न के उत्तर कॉपी में कई पेज पर लिखने से बचना चाहिए। इस प्रकार के उत्तर के बिना मूल्यांकन के बचे रहने का भी जोखिम होता है।
-जो भी लिखें सारगर्भित लिखें और प्रासंगिक लिखें। ब्लफिंग और झूठे तथ्यों को लिखने से परहेज करना चाहिए।
-प्रश्नों के उत्तर लिखते समय लेफ्ट साइड में मार्जिन जरूर रखें। इससे परीक्षकों को उत्तर के लिए दिए गए मार्क्स को लिखने में आसानी होती है।
-प्रश्नों के उत्तर लिखने में ओवरराइटिंग न हो तो बहुत अच्छा है। यदि किसी गलत शब्द या वाक्य को काटना ही हो तो केवल उसे एक हॉरिजॉन्टल सीधी रेखा खींचकर काट देना चाहिए।
परीक्षा के दिन तैयारी कैसी हो
विद्यार्थी जीवन में परीक्षा सबसे बड़ा स्ट्रेस का कारण होता है। यह दिन किसी भी स्टूडेंट के लिए भ्रम, भय और घबराहट का होता हैक इसके कारण स्टूडेंट्स न तो ढंग से खाना खा पाते हैं और न ही सो पाते हैं। परीक्षा की अच्छी तैयारी के बावजूद उनके मन में कई संदेह और कन्फ़्युजन बना ही रहता हैक खुद को परीक्षा के डर, तनाव और संदेहों से बचा कर रखने के लिए और अपना परफॉरमेंस अच्छा करने के लिए परीक्षा के दिन स्टूडेंट्स को निम्न बातों पर अवश्य ध्यान देना चाहिए –
-डरें नहीं और धैर्य रखेंक खुद पर आत्मविश्वास रखें और यह मानकर चलें कि सब कुछ अच्छा होगा।
-इस दिन प्राय: स्टूडेंट परीक्षा के डर के कारण नाश्ता नहीं करते हैं। यह उचित नहीं है। नाश्ता अवश्य करें।
-परीक्षा के लिए अपने घर से समय से पूर्व चलें ताकि व्यस्त ट्रैफिक में आपका टाइम खराब न हो।
-सुनिश्चित कर लें कि आपने अपने साथ एडमिट कार्ड या हॉल टिकट रख लिया हैक इसके अतिरिक्त अच्छी क्वालिटी के दो-तीन पेन, पेंसिल, इरेजर, स्केल जरुर रखें।
-अपने साथ मोबाइल, कैलकुलेटर, इलेक्ट्रॉनिक वॉच और अन्य डिजिटल इक्विपमेंट्स कभी भी साथ नहीं रखें, क्योंकि ये सारे उपकरण एग्जामिनेशन हॉल में अलाउड नहीं होते हैं।
-परीक्षा हॉल में परीक्षा के शुरू होने का इंतजार करते समय गहरी सांस लें। इससे आपको कोई घबराहट नहीं होगी।
-परीक्षा हॉल में कॉपी या स्क्रिप्ट मिलने के बाद फ्रंट पेज पर आवश्यक इनफार्मेशन को सावधानी से भरें।
-आंसर शीट और क्वेश्चन पेपर पर लिखे गये सभी निदेर्शों को सावधानी से पढ़ें और उसके अनुसार कार्य करें।
श्रीप्रकाश शर्मा