नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। आज शुक्रवार कोगुड फ्राइडे मनाया जा रहा है। गुड फ्राइडे ईसाई धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है, जिसे प्रभु यीशु मसीह के बलिदान की स्मृति में मनाया जाता है। यह दिन इस बात की याद दिलाता है कि कैसे यीशु ने मानव जाति के पापों के लिए खुद को बलिदान कर दिया था।
गुड फ्राइडे पर चर्चों में विशेष प्रार्थनाएं होती हैं। शांति और मौन का वातावरण होता है और बहुत से ईसाई इस दिन उपवास भी रखते हैं। यह दिन ईस्टर संडे से ठीक पहले वाले शुक्रवार को आता है, जब यीशु मसीह को क्रूस पर चढ़ाया गया था। ऐसा भी कहा जाता है कि गुड फ्राइडे के दिन किसी भी गिरजा घर में घंटा नहीं बजाया जाता है। इस दौरान सभी लकड़ी के खटखटे बजाते हैं। ऐसे में आइए इस दिन के महत्व को जानते हैं….
गुड फ्राइडे क्यो मनाया जाता है?
गुड फ्राइडे तो सबने सुना है परंतु इसे माने के पीछे की वजह बहुत कम लोग जानते हैं। दरअसल, ऐसा कहा जाता है कि गुड फ्राइडे को प्रभु यीशु को सूली पर चढ़ाया गया था, इसलिए इसे उस घटना को याद और शोक व्यक्त करने के रूप में मनाया जाता है। आपको बता दें, प्रभु यीशु मसीह की पहचान प्रेम के मसीहा के रूप में की जाती है।
वह देश-दुनिया को प्यार संदेश देते थे और उस समय के धार्मिक कट्टरपंथी ने उन्हें रोम के शासक से शिकायत करके सूली पर लटका दिया था। वहीं जिस दिन यीशु को सूली पर चढ़ाया गया था, वह शुक्रवार का दिन था
क्यों कहा जाता है इसे ‘गुड’ फ्राइडे?
हालांकि यह दिन दुख और शोक का प्रतीक है, फिर भी इसे ‘गुड’ फ्राइडे कहा जाता है क्योंकि ईसाइयों का मानना है कि यीशु के बलिदान से ही मानवता को मोक्ष और नया जीवन प्राप्त हुआ। उनके क्रूस पर चढ़ाए जाने के बाद तीसरे दिन उनका पुनरुत्थान हुआ, जिसे ईस्टर के रूप में मनाया जाता है।
प्रभु यीशु के बलिदान को किया जाता है याद
गुड फ्राइडे के दिन ईसाई धर्म के लोग व्रत रखते हैं और सच्चे भाव से प्रभु यीशु के बलिदान को याद करते हैं। वह चर्च में जाकर प्रार्थना करते हुए शोक मनाते हैं। इस दिन मुख्य रूप से दान-धर्म से जुड़े कार्य व लोगों की सहायता की जाती है। इसके अलावा सभी लोग मन को शांत भी रखते हैं। वहीं गुड फ्राइडे का उपवास रखने वाले लोग व्रत में मीठी रोटी बनाते हैं और उसका सेवन करते हैं।