Saturday, July 27, 2024
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अपने आधार की बाट जोहता हस्तिनापुर का ‘चेतावाला’ पुल

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  • गाइडबंध ही हैं इसके आधार, वित्त विभाग से अनुमोदन के बाद सीएम की हां का इंतजार
  • लंबा खिंचता इंतजार: भारी भरकम धनराशि के चलते स्वीकृति में रोड़ा!
  • पीडब्ल्यूडी के गले की हड्डी बन चुका है पुल

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: हस्तिनापुर में भीकुंड से बिजनौर के चांदपुर को जोड़ने वाला गंगा नदी पर बना पुल सालों से अपने आधार (गाइडबंध) की बाट जोह रहा है। गाइडबंध न बनने के चलते इस पुल पर पिछले कुछ समय से मानों शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव है। बताते चलें कि शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव बेहद कष्टदायी होता है और यही प्रक्रिया इस समय इस पुल पर अटकी हुई है।

हस्तिनापुर के इस चर्चित पुल का सेंक्शन 2008 में हुआ था। काफी लम्बी प्रक्रिया के बाद यह पुल वजूद में आया, लेकिन तब से लेकर आज तक यह पुल अपने गाइडबंधों की बाट जो रहा है। पिछले कुछ समय से पुल के साथ जो अप्रिय घटनाएं घटित हो रही हैं उनके पीछे कहीं न कहीं गाइडबंध का न बनना है। पीडब्ल्यूडी अभियंताओं के अनुसार पूर्व में इस पुल के गाइडबंधों के लिए 119 करोड़ रुपये का टोटल बजट एप्रूवल के लिए भेजा गया था,

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लेकिन शासन स्तर से इसके डिजाइन को लेकर कुछ आपत्ति लग गई। बाद में आईआईटी रुड़की के इंजीनियरों की मदद ली गई और इसका फिर से एस्टीमेट बनाकर शासन को एप्रूवल के लिए भेजा गया। इस बार यह बजट 186 करोड़ का है। पीडब्ल्यूडी के अभियंता व इस कार्य को देख रहे एई पवन कुमार ने बताया कि यह धनराशि वित्त विभाग के पास एपू्रवल के लिए गई हुई है।

यहां से अनुमोदन के बाद यह फाइल मुख्यमंत्री के पास जाएगी और वहीं से इस बजट के लिए अन्तिम ‘हां’ होगी। उधर, पीडब्ल्यूडी से जुड़े कुछ सूत्र बताते हैं कि चूंकि धनराशि मोटी है जिसके चलते स्वीकृत होने में समय लग रहा है, लेकिन यदि अगले साल बरसात से पूर्व गाइडबंध न बने तो यह पुल एक बार फिर से पीडब्ल्यूडी के लिए जी का जंजाल तो बनेगा ही साथ ही साथ इस पुल पर आवागमन भी लोगों के लिए नई मुसीबत खड़ा कर सकता है।

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