- आवास विकास कार्यालय में दिन में ही चल रहे हीटर
- कोई भी अधिकारी या कर्मचारी नहीं कमरे में मौजूद
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सरकारी कार्यालयों में बिजली का गलत इस्तेमाल कैसे होता है यह आवास विकास के कार्यालय में जाकर देखा जा सकता है। यहां अधिकारी कमरों में हीटर लगाकर गायब हो जाते हैं। कमरों में हीटर चल रहे हैं, अधिकांश कार्यालयों में से अधिकारी गायब हैं और हीटर चल रहे हैं।
यहां बिजली का बिल आवास विकास परिषद देता है। अधिकारियों को इसका भुगतान नहीं करना पड़ता है। जिसके चलते सरकारी पैसे का दुरुपयोग किया जा रहा है।
हाड़ कंपा देने वाली ठंड पड़ रही है। ऐसे में हर कोई घरों में, कार्यालयों में हीटर लगाना चाहता है। सरकारी कार्यालयों में भी अधिकारी हीटर का इस्तेमाल करते हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि इसके आने वाले विद्युत बिल का खर्च सरकार उठाती है।
अपने घरों में किये जाने वाला विद्युत खर्च अधिकारी हो या आम आदमी उसे खुद ही देना पड़ता है, लेकिन सरकारी कार्यालयों में इसका गलत इस्तेमाल किया जाता है। सरकारी सुविधाओं को दुरुपयोग किया जाता है। हम बात कर रहे हैं आवास विकास परिषद कार्यालय की।
शास्त्रीनगर स्थित आवास विकास परिषद कार्यालय के साथ-साथ शहर के सभी सरकारी विभागों में अधिकांश अधिकारियों ने हीटर चलाने शुरू कर दिया है। यह हीटर उस वक्त भी चलते रहते हैं। जिस समय यहां कमरों में कोई अधिकारी या अन्य कर्मचारी तक मौजूद नहीं होता।
आवास विकास परिषद के एक कार्यालय में कुछ ऐसा ही हाल देखने को मिला। यहां कार्यालय में अधिकारी की कुर्सी के पास ही हीटर चल रहा है, लेकिन यहां अधिकारी कुर्सी पर नहीं है। इसके अलावा कमरे में और भी कई कुर्सियां हैं, लेकिन सभी खाली है। मतलब यहां इस कार्यालय में एक भी कर्मचारी या कोई अधिकारी मौजूद नहीं था और शनिवार को कमरे में हीटर ऐसे ही चल रहा था।
इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि विद्युत का दुरुपयोग किस प्रकार किया जाता है। अधिकारियों को जेब से बिजली के बिल का भुगतान नहीं करना होता है। विद्युत बिल आवास विकास परिषद जमा कराता है। इससे साफ कहा जा सकता है कि बिजली का गलत इस्तेमाल इन्हीं सरकारी कार्यालयों में खुलेआम किया जाता है।