- किसी धर्म के पहनावे पर आपत्ति करना संविधान विरोधी
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: मुस्लिम महिलाओं के हिजाब पहनने को लेकर इस समय देश में बहस छिड़ी हुई हैं। मेरठ के शहर काजी प्रो. जैनुस साजिद्दीन ने किसी धर्म के पहनावे पर आपत्ति करने का संविधान के खिलाफ बताया है। उन्होंने कहा है कि हिजाब मुस्लिम महिलाओं का अधिकार है। किसी भी धर्म-मजहब के पहनावे पर आपत्ति करना संविधान की प्रस्तावना को चुनौती देना है। हिंदुस्तान के संविधान ने सभी धर्म के मानने वालों को अपने हिसाब से रहने और कपड़ा पहनने का अधिकार दिया है।
शहर काजी ने कहा कि हिजाब लगाने को लेकर विरोध करना पूरी तरह गैर संवैधानिक है। कर्नाटक में कालेज की छात्रा मुस्कान ने विरोध करने वालों के खिलाफ खड़ा होकर साहस का परिचय दिया है। उसने दुनिया में देश और महिलाओं का मनोबल बढ़ाया है। भारत की महिलाओं की आजादी को लेकर दुनिया में एक अच्छी तस्वीर पेश की है। सबको अपने हिसाब से संविधान जीवन जीने की आजादी देता है। कुछ सिरफिरे लोग देश का माहौल खराब कर दुनिया में हमारी तहजीब को बदमान करने की कोशिश कर रहे हैं। समाज को ऐसे लोगों के गलत मंसूबे को नाकाम कराने की जरूरत है।