- तीन दशक बाद निर्मल हिंडन में बह रहा निर्जल पानी
जनवाणी संवाददाता |
सरूरपुर: जीवनदायिनी कहे जाने वाली हिंडन नदी अब निर्मल हो गई है। फैक्टरी दूषित और पानी के बोझ के तले दबी हिंडन नदी में अब साफ-सुथरा पानी आ रहा है और जलस्तर भी ठीक-ठाक हो चला है। इसे लेकर कई जिलों के लोगों के चेहरे पर हिंडन को निर्मल देखरकर फिलहाल मुस्कान है। हिंडन के निर्मल होने से जल प्रदूषण भी काफी हद तक काम हो गया है। बरसात से पहले ही लगभग एक पखवाड़े से हिंडन नदी में बिल्कुल साफ निर्मल पानी आ रहा है, जो किसानों की आंखों में खुशी की झलक ला रहा है।
सहारनपुर से लेकर गाजियाबाद तक फैक्ट्री के दूषित पानी के नीचे तले दबी हिंडन के आसपास के गांव में लोग कैंसर व हेपेटाइटिस जैसी घातक बीमारी से तिल-तिल कर मर रहे थे और कैंसर रोगियों की भरमार हो चुकी थी। इसे निर्मल बनाने के लिए कई वर्ष पूर्व मेरठ के कमिश्नर प्रभात कुमार ने एक बड़ा अभियान चलवाया था। खुद कमिश्नर डा. प्रभात कुमार हिंडन में उतरे थे और उन्होंने निर्मल हिंडन अभियान में हिस्सेदारी दिखाई थी। हालांकि इससे कोई खास प्रभाव तो नहीं पड़ा था, लेकिन कुछ हिस्सों तक हिंडन में सफाई जरूर हो गई थी। अब एक बड़ी खुशखबरी यह है कि यही जीवनदायिनी कहीं जाने वाले हिंडन नदी अब फिर से निर्मल हो गई है।
पिछले एक पखवाड़े से इसी हिंडन नदी में गंगा का साफ-सुथरा पानी बह रहा है। फिलहाल जहां यह चौंकाने वाली खबर भी है तो वहीं हिंडन नदी में एकदम से साफ पानी आने और निर्मल हो जाने से सहारनपुर से लेकर गाजियाबाद तक के लाखों लोगों के लिए राहत भरी खबर भी है। हिंडन किनारे बसे गांव के लोग इसके पानी का पूरा फायदा उठा रहे हैं। सिंचाई के लिए भी अब लोग इसका पानी का खूब इस्तेमाल कर रहे हैं तो वहीं गर्मी से निजात पाने के लिए लोगों ने भी 30 दशक बाद हिंडन का रुख किया है।
दूषित पानी का बोझ ढो रही हिंडन
सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, मेरठ, बागपत और गाजियाबाद जिलों की फैक्ट्रियों के दूषित पानी का बोझ पिछले तीन दशक से हिंडन ढो रही थी। जिससे हिंडन के आसपास के गांव शहरों का पानी काफी हद तक दूषित हो चला था और कैंसर व हेपेटाइटिस जैसे रोगियों की तो भरमार हो गई। अब साफ सुथरा पानी तेज धार के साथ आने से लोगों को ऐसी बीमारियों से भी छुटकारा मिलने की उम्मीद जगी है।