Sunday, June 16, 2024
- Advertisement -
HomeUttar Pradesh NewsMeerutसिर्फ सील करने तक सीमित रह गया आवास-विकास

सिर्फ सील करने तक सीमित रह गया आवास-विकास

- Advertisement -
  • अवैध निर्माणों को गिराने पहुंचने पर हो जाता है विरोध

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: आवास-विकास परिषद तमाम अधिकारियों के लाव लश्कर के बावजूद अवैध निर्माणों को होते हुए देखता रहता है। ज्यादा हो हल्ला होता है तो प्रवर्तन दल की टीम सील करने के लिए पहुंच जाती है। इसमें ताज्जुब की बात तो यह है कि सील होने के बाद भी धड़ल्ले से निर्माण पूरे कर दिये जाते हैं और बाद में वहां व्यापारिक गतिविधियां भी शुरू हो जाती हैं, लेकिन आवास-विकास परिषद के अधिकारी सिवाये हाथ मलने के कुछ नहीं करते हैं। या यूं भी कह सकते हैं कि इन अवैध निर्माणों को आवास-विकास की ही शह मिल रही है।

आवास विकास परिषद के नियमानुसार 150 वर्ग मीटर से अधिक के आवासीय भूखंडों में फ्रंट और सेट बैक छोड़ना अनिवार्य है, लेकिन शास्त्री नगर के सेक्टर एक और बी में अधिकांश लोगों ने पूरे भू-भाग पर निर्माण कर लिया है। इसी तरह शास्त्रीनगर बी ब्लाक में नंबर 121 से सटे मकान में तीन माह पहले नियम विरुद्ध तरीके से हो रहे निर्माण की जानकारी दी थी लेकिन केवल नोटिस ही जारी कर इतिश्री कर ली गई। इसी तरह गत वर्ष शास्त्री नगर सेंट्रल मार्किट में अवैध निर्माणों को सील करने गये आवास-विकास परिषद के प्र्रवर्तन दल को व्यापारियों ने घेर लिया, लेकिन तमाम विरोध के बावजूद टीम ने तीन निर्माणों को सील कर दिया।

14 17

यह गत 29 अगस्त 2023 को कार्रवाई की गई। इस् ापर संयुक्त व्यापार संघ अध्यक्ष नवीन गुप्ता भी व्यापारियों को लेकर मौके पर पहुंचे, लेकिन अधीक्षण अभियंता राजीव कुमार ने सील हटाने से साफ इंकार कर दिया। दरअसल बिना मानचित्र स्वीकृत कराये सेंट्रल मार्किट शास्त्री नगर में एक से तीन मंजिला अवैध निर्माण कराये जा रहे थे। मामले की शिकायत पर प्रवर्तन दल की टीम मौके पर पहुंची। यहां भवन संख्या 666-6, 235-2 तथा 236-2 में निर्माण हो रहे थे। जिन्हें टीम ने सील कर दिया। टीम को व्यापारियों ने घेर लिया तथा हाथापाई का भी प्रयास हुआ, लेकिन सख्ती जारी रखी।

मिमहेन्स अस्पताल गिराने की जगह सिर्फ नोटिस से काम

आवास एवं विकास परिषद ने मंगल पांडे नगर स्थित मिमहेन्स अस्पताल को अनाधिकृत निर्माण पर नोटिस जारी किया। इसके बाद परिषद के अधिकारी तो चुप्पी साधकर बैठे रहे, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने अवैध निर्माण पूरा कर ही लिया। इस मामले में आरटीआई एक्टिविस्ट लोकेश खुराना की ओर से जनसुनवाई के तहत शिकायत की गई। इसमें अधिशासी अभियंता की ओर से बताया कि मंगल पांडे नगर सेक्टर-1 में भूखंड संख्या 281 व 283 में अवैध निर्माण की शिकायत संबंधित जनसुवाई के तहत नोटिस जारी किया गया। शासन स्तर पर ट्रांजिट ओरिएंटेड डवलपमेंट नीति पर मंथन का हवाला देते हुए पल्ला झाड़ लिया गया है।

आरटीआई का मांगने पर भी नहीं देते हैं जवाब

आवास-विकास परिषद के अधिकारियों में एक बड़ा मर्ज यह है कि वह अवैध निर्माणों की शिकायत मिलने पर उसमें कार्रवाई के नाम पर सिर्फ नोटिस जारी कर देते हैं, लेकिन एक खेल यह भी कर देते हैं कि आरटीआई में मांगने पर भी जवाब नहीं देते हैं। आरटीर्आ एक्टिविस्ट लोकेश खुराना ने आरटीआई में पूछा था कि मंगल पांडे नगर योजना संख्या एक में व्यावसायिक भूखंड संख्या 281 परमानंद शर्मा के पक्ष में आवंटित किया गया है,

जिसका क्षेत्रफल 129.20 वर्ग मीटर है। विक्रय के बाद भूखंड का नामांतरण अरुण शर्मा के पक्ष में किया गया। वहीं भूखंड संख्या 283 सुंदरलाल सिंहल के पक्ष में आवंटित हुआ। लोकेश खुराना ने मामले आवास एवं शहरी नियोजन विभाग में शिकायत की और कहा कि दोनों भूखंडों को अनाधिकृत विलय करके निर्माण कराए गए।

13 20

करीम समेत दो दर्जन से ज्यादा होटलों को मेडा ने किया सील

मेडा का दस्ता बुधवार सुबह ही अवैध रूप से संचालित ओयो होटलों पर कहर बनकर टूट पड़ा था। दरअसल, तीन दिन पूर्व भाजपा नेताओं ने इस प्रकरण में मेडा पर हल्ला बोला था। इन लोगों का आरोप था कि घरों में अवैध रूप से ओयो होटल चलाकर अनैतिक कार्य किये जा रहे हैं। इसपर मेडा उपाध्यक्ष अभिषेक पांड्ेय ने सख्त कदम उठाते हुए प्रवर्तन दल को कार्रवाई के निर्देश दिये। मेडा उपाध्यक्ष का फरमान मिलते ही बुधवार की सुबह अवर अभियंता पवन शर्मा तथा जोनल अधिकारी अर्पित यादव के नेतृत्व में मेडा का दस्ता बागपत रोड पर पहुंचा। टीम के साथ जानी थाने की पुलिस भी थी। टीम ने अवैध रूप से बागपत रोड पर सार्थक सिटी में दो दर्जन से ज्यादा ओयो होटलों को सील किया।

यह सभी ओयो होटल यहां सार्थक सिटी के घरों, फ्लैटों तथा कोठियों में चलाये जा रहे थे। बताया जाता है कि इन ओयो होटलों में अनैतिक कार्य होने की शिकायतें लंबे समय से चल रही थीं। मेडा के प्रवर्तन दल के उप प्रभारी पवन भारद्वाज ने बताया कि दो दर्जन ओयो होटल संचालित करने वाले भवन स्वामियों को इनके भवन सील करने के बाद नोटिस देकर पूछा गया है कि वह घरेलू में स्वीकृत भवनों में किस आधार पर अवैध कारोबार कर रहे हैं। यदि संतोषजनक जवाब नहीं दिया जाता है तो यह सभी भवन गिराये जायेंगे।

खुलने के 20 दिन बाद फिर सील हुआ करीम होटल

खुलने के ठीक 20 दिन बाद करीम होटल फिर सील कर दिया गया है। मेडा की टीम ने तड़के ही होटल को सील करने के बाद वहां किसी भी तरह की व्यावसायिक गतिविधियां करने पर प्रतिबंध लगाया है। ईदगाह के पास दिल्ली रोड पर होटल करीम बनाया गया था। यह होटल बनने के साथ ही चर्चा का केन्द्र बन गया था। दरअसल, इस होटल में अवैध रूप से फ्रंट की 20 फिट की नाले की जगह भी घेर ली गई थी। जबकि मेडा की ओर से यहां मेन रोड पर प्रस्तावित नाला बना हुआ था, जिसका विस्तार होना था। लेकिन होटल संचालक ने नाले की जगह को अवैध रूप से घेर लिया था। जिसपर करीम होटल को खास उद्घाटन के दिन ही सील कर दिया गया।

15 17

होटल संचालक ने भागदौड़ कर मेडा में अपने होटल की कंपाउंडिंग की फाइल स्वीकृत कराई। मेडा ने इस शर्त के साथ अनुमति दी कि 20 फिट फ्रंट की जगह को होटल स्वामी स्वयं ही तोड़ देगा। इस पर इसी माह 2 मई से सील हटा दी गई थी। लेकिन होटल संचालक ने अगले हिस्से में खुद द्वारा किये गये अवैध कब्जे को न तो हटाया और न ही उसको तोड़ा। बल्कि वह धड़ल्ले से होटल चलाता रहा। इसपर शिकायत मिलने पर बुधवार को तड़के 5 बजे मेडा का दस्ता अवर अभियंता पवन शर्मा के नेतृत्व में पहुंचा तथा करीम होटल को फिर से चारों तरफ से सील कर दिया। प्रभारी अधिकारी अर्पित यादव ने कहा कि यदि अवैध निर्माण नहीं गिरया गया तो मेडा खुद ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करेगा।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
1
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
- Advertisement -

Recent Comments