Home Uttar Pradesh News Shamli अगर बिजली की दरें बढ़ाई गई तो यह जनता से धोखा होगा

अगर बिजली की दरें बढ़ाई गई तो यह जनता से धोखा होगा

अगर बिजली की दरें बढ़ाई गई तो यह जनता से धोखा होगा
  • सपा व्यापार सभा के प्रदेश सचिव ने मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन

जनवाणी संवाददाता  |

कांधला: समाजवादी व्यापार सभा के प्रदेश सचिव ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर बिजली विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश में बिजली के रेट में बढोत्तरी के प्रयास का विरोध किया है।

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समाजवादी व्यापार सभा के प्रदेश सचिव मेहर चंद सिंघल ने जिलाधिकारी जसजीत कौर के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन भेजा है। ज्ञापन में बताया गया कि विद्युत नियामक आयोग ने बिजली कंपनियों द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए दाखिल 85,500 करोड़ रुपये एआरआर प्रस्ताव का अध्ययन कर स्लैबवार टैरिफ प्रस्ताव मांगा है। जवाब 10 दिन में देने का निर्देश दिया गया है।

यह इस बात का अप्रत्यक्ष संदेश है की इस कार्रवाई से बिजली की दरें बढ़ाने का काम आपकी सरकार द्वारा किया जाएगा। जबकि विधानसभा चुनाव 2022 से पहले ऊर्जा विभाग उत्तर प्रदेश शासन द्वारा बिजली की दरें आधी तक करने की बात कही गई थी। तत्कालीन ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने इस संबंध में ट्वीट भी किया था।

हैरानी की बात यह है कि पहली बार विद्युत नियामक आयोग ने राजस्व गैप को शून्य दिखाते हुए बिना सब्सिडी के बिजली दर का प्रस्ताव उपलब्ध कराने का आदेश कंपनियों को दिया है। अगर बिजली की दरें बढाई जाती हैं तो यह प्रदेश की जनता के साथ धोखा है।

बिजली की दरें बढ़ने की जगह घटनी चाहिए। चुनाव पूर्व वादे अनुसार भाजपा सरकार जवाब में बिजली की दरें कम करने की बात लिखे। पहले ही प्रदेश की बिजली दरें देश के अन्य प्रदेशों की तुलना में बहुत महंगी है। समाजवादी पार्टी ने 300 यूनिट फ्री बिजली का वादा किया था और यहां उल्टा आप दरें बढ़ा रहे हैं जबकि भाजपा ने दरें आधा करने का वादा किया था।