Friday, July 5, 2024
- Advertisement -
HomeUttar Pradesh NewsMeerutअवैध ई-रिक्शा बने अफसरों के गले की फांस

अवैध ई-रिक्शा बने अफसरों के गले की फांस

- Advertisement -
  • कोर्ट ने पूछा, मुसीबत से छुटकारे के लिए अब तक क्या किया?
  • 60 हजार ई-रिक्शाओं की मुसीबत पर हाईकोर्ट में सुनवाई इसी सप्ताह

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: 60 हजार अवैध ई-रिक्शा अब अफसरों के गले की फांस बन गए हैं। ई-रिक्शाओं की मुसीबत से बचाने को सिस्टम ने अब तक क्या किया है? इस जानकारी के साथ हाईकोर्ट ने अफसरों को तलब कर लिया है। इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की कोर्ट में होनी हैं। शहर के लोगों के लिए मुसीबत बनी अवैध ई-रिक्शाओं को लेकर एक जनहित याचिका मिशन कंपाउंड निवासी मनोज चौधरी की ओर से दायर की गयी है। इस मामले में पिछली सुनवाई 25 को हुई थी। अगली सुनवाई 31 मई को होनी थी, लेकिन कोर्ट नहीं बैठी थी।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के सभी शहरों में बेतरतीब तरीके से चले रहे हजारों बैटरी रिक्शा के संदर्भ में राज्य सरकार से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि इतनी बड़ी संख्या में शहरों में दौड़ रहे बैटरी रिक्शा के लिए कोई गाइड लाइन है या नहीं। इनके कारण लोगों को हो रही परेशानी कम करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली एवं न्यायमूर्ति विकास मंगलवार की खंडपीठ ने मेरठ के मनोज कुमार चौधरी की जनहित याचिका पर अधिवक्ता सौरभ सिंह को सुनकर दिया है।

सौरभ सिंह ने कोर्ट को बताया कि प्रदेश के प्रत्येक शहर में हजारों गैर रजिस्टर्ड बैटरी रिक्शा दौड़ रहे हैं। खास बात ये कि इनकी न कोई गाइडलाइन है और न ही रूट निर्धारित हैं। ये ट्रैफिक जाम व सड़क दुर्घटनाओं कारण हैं। मेरठ की 30 लाख आबादी में 13,443 बैटरी रिक्शा रजिस्टर्ड हैं, जबकि 60 हजार से ज्यादा बैटरी रिक्शा दौड़ रहे हैं। इससे शहरों की ट्रैफिक व्यवस्था की हालत गंभीर है और लोग परेशान हैं। इसके बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही।

खतरनाक हाथों में ई-रिक्शा

हाईकोर्ट को बताया गया है कि उचित गाइडलाइन न होने के कारण युवाओं के अलावा बच्चे, बुजुर्ग, वृद्ध महिला, युवतियां कोई भी बैटरी रिक्शा चला रहा है। इनके बेतरतीब तरीके से चलाने से स्पष्ट होता है कि इनके चालकों को ट्रैफिक नियमों की कोई जानकारी नहीं है। क्योंकि ये एंबुलेंस को भी निकलने का रास्ता नहीं देते। गाइडलाइन न होने के कारण ही अधिकतर स्थानों पर इन बैटरी रिक्शा में चार की जगह छह सवारी ढोई जा रही है और सुबह, शाम, देर रात किसी भी समय बहुत तेज आवाज में फिल्मी गीत बजाते हुए चलते हैं।

बेगमपुल और हापुड़ स्टैंड चौराहे पर नो एंट्री

जनहित याचिका को लेकर सवाल पर एसपी टैÑफिक राघवेन्द्र मिश्रा ने बताया कि टैÑफिक पुलिस इसको लेकर गंभीर है। काफी काम हुआ है। बेगमपुल व हापुड़ स्टैंड चौराहा ई-रिक्शा के लिए बंद कर दिया गया है। काफी काम जारी है। जवाब दाखिल करा दिया जाएगा।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
1
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent Comments