- मार्शल पिच से डिफेंस रोड पर किया जा रहा आधा दर्जन दुकानों का अवैध निर्माण
जनवाणी संवाददाता |
कंकरखेड़ा: क्षेत्र में जगह-जगह अवैध निर्माण जोड़ों पर है। यह सब मेरठ विकास प्राधिकरण के कर्मचारियों की सांठगांठ से चल रहा है। हालांकि कई बार दुकानों और अवैध निर्माण पर एमडीए की सील तो लगाई जाती है, लेकिन तिरपाल से ढककर अवैध निर्माण लगातार चलता रहता है। जिससे एमडीए की सील का भी कोई औचित्य नहीं रह जाता। इस तरह कई बार सील की कार्रवाई होती हैं। फिर भी अवैध निर्माण करता तिरपाल ढककर अधिकतर निर्माण करते देखे गए हैं। इस तरह की कंकरखेड़ा में पूर्व में भी घटनाएं सामने आ चुकी है।
मार्शल पिच के निकट कुछ लोगों द्वारा अवैध रूप से आधा दर्जन से अधिक दुकानें है बनाई जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि दुकानें करीब दो महीने से बनाई जा रही थी। करीब चार दिन पूर्व मेरठ विकास प्राधिकरण की टीम ने आकर दुकानों पर सील लगा दी, लेकिन अवैध निर्माण करने वालों ने नई युक्ति निकालकर दोबारा से अंदर ही अंदर निर्माण कार्य चालू कर दिया।
दरअसल, अवैध निर्माणकर्ताओं ने दुकान पर तिरपाल लगाकर पूरी तरह से ढक दिया है। जिससे दुकानों के अंदर होता हुआ निर्माण कार्य किसी को दिखाई ना दे। तिरपाल ढकने के बाद यह दुकान और चर्चा में आ गई। लोगों में चर्चा है की अब अवैध निर्माण तिरपाल में ढककर किया जा रहा है।
हादसों को दावत रहे मेरठ-बड़ौत रोड के गड्ढे
मेरठ: मेरठ-बड़ौत रोड पर गहरे गड्ढे हादसों को दावत दे रहे हैं। जिनसे बचाने के लिए अधिकांश वाहन चालक अपनी साइड छोड़कर रोंग साइड पर वाहन चला रहे हैं। जिसके चलते यहां कभी भी कोई गंभीर हादसा होने की संभावना बनी हुई है। उधर, बडेÞ-बडेÞ गड्ढों को भरने के लिए पीडब्ल्यूडी के कर्मचारी केवल मिट्टी या टूटी र्इंटें डालकर ही अपना पल्ला झाड़ रहे हैं।
बता दें कि रोहटा रोड पर लखवाया से लेकर खिवाई मोड तक क ई जगह पर काफी दिनों से बड़े-बड़े गड्ढे बने हुए हैं। जिनकों बचाने के चक्कर में वाहन चालक अचानक कट मार रहे हैं। वहीं गहरे गड्ढों से बचने के लिए वाहन चालक अपने वाहनों को गलत साइड में भी चला रहे हैं। रोडवेज बस, र्इंटों से भरे ट्रक, समेत भारी वाहन रोंग अधिकांश जगह पर रोंग साइड चल रहे हैं।
जिसके चलते यहां हादसा होने की संभावना बनी हुई है। उधर, रात के समय में अंधेरा होने पर सड़क के गड्ढे साफ दिखाई नहीं देते। जिसके चलते वाहन चालकों और राहगीरों को रात में अधिक परेशानी उठानी पड़ रही है। उधर पीडब्ल्यूडी के अधिकारी इस बाबत सब कुछ जानते हुए भी मौन साधे हुए हैं। कर्मचारी उक्त गड्ढों में या तो मिट्टी डाल रहे हैं या फिर टूटी हुई र्इंटों से इन्हें भरने की कोशिश कर रहे हैं।
यहां से आवागमन करने वाले राहगीरों व वाहन चालकों को भारी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में बड़ा सवाल यह बनता है कि यदि उक्त गड्ढों की वजह से किसी के साथ कोई अप्रिय घटना घट जाती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा।