जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास भारत और चीनी सैनिकों के बीच जारी गतिरोध को लेकर आज संसद में एक बयान दे सकते हैं। संसदीय सूत्रों ने यह जानकारी दी। विपक्ष द्वारा इस मुद्दे पर चर्चा कराए जाने की मांग के बीच यह बयान काफी महत्व रखता है।
राजनाथ की हाल में मास्को में चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंगहे के साथ मुलाकात हुई थी। कुछ दिन पहले विदेश मंत्री जयशंकर की भी चीन के उनके समकक्ष वांग यी के साथ मुलाकात हुई थी। इसमें पांच बिंदुओं पर सहमति बनी थी।
इस बीच, कैबिनेट और मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की मंगलवार अपराह्न वीडियो कांफ्रेंस के जरिए बैठक हो सकती है। सरकार के सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
सोमवार से शुरू हुए संसद के मानसून सत्र में विपक्ष भारत-चीन मुद्दे, कोविड की स्थिति, आर्थिक शिथिलता और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने का कोई मौका छोड़ने के पक्ष में नहीं है। पहले दिन भी सरकार को विपक्ष ने कई मुद्दों पर घेरा।
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर आमने-सामने वाली सभी जगहों पर तनाव चरम पर है। भारत और चीन के विदेशमंत्रियों के बीच मॉस्को में पांच सूत्री सहमति के पांच दिन बाद भी तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर शीर्ष स्तर की बातचीत से भी समाधान निकलता नहीं दिखाई दे रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, भारत और चीन की सेनाएं एलएसी पर डटी हुई हैं। भारतीय सेना चीन की हर हरकत पर नजर रखे हुए है। जब तक जमीनी स्तर पर कोई सार्थक नतीजा नहीं निकलता, तब तक सेना सीमाओं पर सुरक्षा में कोई ढील नहीं देना चाहती। दरअसल, सेनाओं की कोर कमांडर स्तर की बातचीत से भी सीमा विवाद का हल नहीं निकल पा रहा है।
माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों तक यह बातचीत जारी रहेगी। पांच सूत्री सहमति के तहत तेजी से सेनाओं को पीछे हटाना, सेनाओं के बीच निश्चित दूरी बनाए रखना, बातचीत जारी रखना और सीमा प्रबंधन के बारे में सभी प्रोटोकॉल और समझौतों का पालन करना था।
Very good