- शहर में छोटे-बड़े मिलाकर हैं कुल 315 नाले
- शहर के तीन बड़े नालों में गिरते हैं छोटे नाले
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: शहर के नालों की सफाई पर नजर रखने के लिए निगम के अधिकारियों ने नया तरीका निकाला है। नगरायुक्त की ओर से नाला सफाई को लेकर सख्ती करने के निर्देश दिए गए हैं और इसकी जांच के लिए एक कमेटी तक बना दी गई है। अब इस कमेटी के सदस्य नालों की सफाई का ड्रोन से निरीक्षण कर रहे हैं। कहां-कहां कितनी सफाई हो पाई है या नहीं इसकी रिपोर्ट नगरायुक्त को दी जा रही है।
शहर में छोटे बड़े 300 से अधिक नाले हैं और यह सभी नाले नालियों का पानी शहर के तीन बड़े नालों में गिरता है। हर बार इन नालों की सफाई पर लाखों करोड़ों रुपये खर्च होते हैं, लेकिन नाले साफ नहीं हो पाते। शहर के ओडियन नाले की हालात तो किसी से छिपे ही नहीं है। इस पर नगरायुक्त अमित पाल शर्मा ने यहां नालों की सफाई को लेकर काफी सख्ती बरती है।
उन्होंने यहां नालों की सफाई कराने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए और खुद ही ओडियन नाले समेत तमाम जगहों का निरीक्षण भी किया जहां नाले ठीक प्रकार से साफ नहीं हो सके हैं। उन्होंने निरीक्षण के बाद एक कमेटी भी बनाई और कहा कि प्रतिदिन नालों की सफाई की रिपोर्ट उन्हें सौंपी जाएगी और इसके लिए सभी अलग अलग क्षेत्रों में प्रभारी तक नियुक्त किए।
अब यहां कमेटी के सदस्यों की ओर से नालों की सफाई के बाद उनका निरीक्षण भी किया जा रहा है। इसके लिए ड्रोन का सहारा लिया जा रहा है। शनिवार को भी शहर में कई जगहों पर ड्रोन से नजर रखकर वहां निरीक्षण किया गया और इसकी रिपोर्ट नगरायुक्त को सौंपी गई।
- निगम की बोर्ड बैठक न होना बना विकास में बाधा
नगर निगम में वार्डों के विकास अगर अधूरे हैं तो उसके पीछे एक बड़ा कारण नगर निगम की बोर्ड बैठकों का हंगामेदार होना या फिर उनका न होना है। अब पिछले कुछ माह ही की बात करें तो अभी तक सात माह के करीब का समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक बोर्ड बैठक नहीं हुई। जिस कारण विकास की बात को लेकर कोई बात होती नजर नहीं आती है। अब आने वाली सात जुलाई को मेयर की ओर से कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई है।
अब देखना यह है कि उसमें क्या नतीजा निकलता है? नगर निगम में बोर्ड बैठकों में हंगामा होना कोई नई बात नहीं है, लेकिन अगर बैठकें ही न हों तो यह बात जरूर अलग है। अब मेरठ नगर निगम इस समय इसलिए सुर्खियों में है कि यहां अगर बैठकें होती हैं तो हंगामेदार होती हैं या फिर होती नहीं। नगर निगम की पिछली बैठक की बात की जाए तो उसमें शहर के विकास के लिए करीब 700 करोड़ के आसपास के प्रस्तावों को रखा गया था,
लेकिन उनमें से कितनों पर कार्य हुए और कितना बजट आया इसकी जानकारी निगम की कार्यकारिणी के पास तक नहीं है। अब आने वाले कुछ ही माह में दिसंबर में निगम का कार्यकाल खत्म होने वाला है और बोर्ड बैठक का अभी तक न होना यहां चर्चा का विषय बना हुआ है।
सात जुलाई को होगी निगम कार्यकारिणी की बैठक
मेयर सुनीता वर्मा ने बताया कि मेरठ नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक सात जुलाई को टाउन हॉल परिसर में होगी। बैठक की सूचना सभी सदस्यों तक पहुंचा दी गई है। इस बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह निगम के विभिन्न विभागों में कार्यों की रिपोर्ट देंगे कि कहां कहां क्या कार्य किए गए हैं। इस दौरान शासन की ओर से निर्देशित कार्यों पर भी चर्चा और उनकी समीक्षा की जाएगी।