Tuesday, May 20, 2025
- Advertisement -

आत्मसंवाद व्यक्तिगत आत्मा का सार्वभौमिक चेतना से मिलन

जनवाणी संवाददाता |

रुड़की: सर्वे भवन्तु सुखिन: भारत की दीर्घकालिक परम्परा को चरितार्थ करती है अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आत्मसंवाद भी व्यक्तिगत चेतना या आत्मा का सार्वभौमिक चेतना से मिलन की क्रिया है। इसके माध्यम से योगी,ऋषि-मुनियों ने बड़ी-बड़ी सिद्धियां प्राप्त की हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर वासुदेव लाल मैथिल सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज ब्रह्मपुर,रुड़की(हरिद्वार) के द्वारा नवें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आत्म संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। आत्म संवाद कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए शिशु मंदिर प्रमुख कमल किशोर डुकलान सरल ने कहा कि सर्वे भवन्तु सुखिनः भारत की प्राचीन दीर्घकालिक परम्परा को चरितार्थ करती है।

आत्मसंवाद भी व्यक्तिगत चेतना या आत्मा का सार्वभौमिक चेतना से मिलन की एक क्रिया है। इसके माध्यम से हमारे ऋषि-मुनियों को बड़ी-बड़ी सिद्धियां प्राप्त हुई है। योग हमारा 5000 वर्ष पुराना प्राचीन भारतीय ज्ञान का प्रमुख अंग रहा है।

अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर विद्यालयी छात्र,अध्यापको सम्बोधित करते हुए कमल किशोर डुकलान ने कहां कि यद्यपि योग को कई लोग केवल शारीरिक व्यायाम ही मानते हैं वर्तमान समय में जहां लोग शरीर को तोड़ते-मरोड़ते का काम करते हुए हैं और स्वांस लेने के जटिल तरीके अपनाते हैं। वास्तव में अगर देखा जाए तो योग की वो तमाम क्रियाएं जो यहां पर अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर विद्यालयी भैया-बहिनों ने योगिक क्रियाएं करके दिखाई है वे सभी क्रियाएं मनुष्य के मन और आत्मा की अनंत क्षमताओं की परतों को खोलने वाले योग विज्ञान का ही एक प्रमुख सतही पहलू है। जो हमारे शरीर में स्फूर्ति,मस्तिष्क को शान्त और आत्मा को परिष्कृत करता है। योग को अगर समग्र दर्शन के रूप में देखा जाए तो हमारी सम्पूर्ण शारीरिक गतिविधियों के विपरीत मनुष्य के शरीर को अंदर-बाहर से साफ रखने में योग सहायता प्रदान करता है। जिसे हम प्राणायाम भी कहते हैं। केवल वही व्यक्ति शारीरिक,मानसिक और आत्मिक अंतर को समझ सकता है,जो योग को अपनी दैनिक दिनचर्या का प्रमुख अंग बनाता है।

यम, नियम, आसन ,प्रत्याहार, ध्यान, धारणा समाधि ये अष्टांग योग शरीर,मन,बुद्धि के विकास में अत्यधिक सहायक है। वर्तमान भागदौड़ भरी व्यस्ततम समय में मनुष्य के अन्दर अशांति,असन्तुलन,तनाव,थकान, एवं चिड़चिड़ापन जैसी अनेक विकृतियों की ओर धकेला है जिस कारण हमारे शरीर में अनेक रोगों ने जन्म लिया है और हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर किया है। वर्तमान बिषमता और विसंगतिपूर्ण जीवन को स्वस्थ और ऊर्जावान बनाये रखने के लिए योग हमारे लिए रामबाण उपाय है। योग हमारा दैनिक जीवन का अंग बनना चाहिए।

नवें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य राजेश कुमार चौहान ने कहा कि योग में हम जितनी भी महारथ प्राप्त करते जाएंगे हमें उतनी ही आन्तरिक आश्चर्य चकित सिद्धियां अर्जित होती चली जायेंगी। यह कार्य केवल एक दिन अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के दिन ही पूर्ण होने वाला नहीं है यह तो नित्यप्रति नियमपूर्वक सम्पूर्ण समर्पण भाव के साथ सम्भव होने वाला है। इसके लिए यह भी अनिवार्य है कि हम अपने परिवार में योग को विकसित करने के सभी प्रयत्न पूर्वक प्रारम्भ करके समाज में एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत कर सकेंगे।

नवें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर आयोजित आत्मसंवाद कार्यक्रम की संयोजिका श्रीमती मंजू सैनी के कुशल संयोजक में चले कार्यक्रम में कु पूजा गोदियाल,इंदू गुप्ता, कु.शीतल, कु.अभिलाषा, शालू गिरी ने भैया बहिनों को योग की योगिक क्रियाओं का साहसिक प्रदर्शन करवाया। योग दिवस की संयोजिका मंजू सैनी ने सभी कार्यक्रम में भाग लेने वाले भैया बहनों तथा आचार्य स्टाफ का आभार व्यक्त किया कार्यक्रम का समापन कल्याण मंत्र सर्वे भवन्तु सुखिन:—- की मंगल कामना के साथ सम्पन्न हुआ।

spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

Baghpat News: शादी में नाचने के मामूली विवाद में युवक की कार से कुचलकर हत्या

जनवाणी संवाददाता |खेकड़ा: नगर के अहिरान मोहल्ला के इंजीनियर...

Saharanpur News: देवबंद कोतवाली पुलिस ने किए नाबालिग से गैंगरेप के दो आरोपी गिरफ्तार

जनवाणी संवाददाता |सहारनपुर: देवबंद कोतवाली पुलिस ने नाबालिग से...

Saharanpur News: विवाहिता की हत्या कर शव बोरे में डालकर जंगल में फेंका, कुछ महीनों पूर्व किया था प्रेम विवाह

जनवाणी संवाददाता |सहारनपुर: संदिग्ध परिस्थितियों में एक विवाहिता की...
spot_imgspot_img