Thursday, March 28, 2024
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ओलंपिक में ज्यादा पदकों वाले खेलों पर ध्यान जरूरी: डा. नरेन्द्र बत्रा

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  • पेरिस ओलंपिक में और अधिक पदकों की सम्भावना
  • आईओए अध्यक्ष डा. नरेन्द्र बत्रा ने गॉडविन स्कूल के साई सेंटर को देखा

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: अगर ओलंपिक में ज्यादा पदक लाना है तो अब हम लोगों को ज्यादा पदकों वाले खेल जैसे एथलेटिक्स, जिम्नास्टिक, स्वीमिंग और साइकिलिंग पर भी ध्यान देना होगा। इंडियन ओलम्पिक संघ के अध्यक्ष और वर्ल्ड हॉकी फेडरेशन के अध्यक्ष डा. नरेंद्र ध्रुव बत्रा का कहना है कि आगामी पेरिस ओलम्पिक में देश और अधिक पदक ला सकता है। उन्होंने कहा कि अगले ओलंपिक में टॉपटेन देशों में आने का लक्ष्य रखकर तैयारी करनी चाहिये।

बागपत रोड स्थित होटल गॉडविन में डा. बत्रा ने कहा कि एथलेटिक्स में 156 पदक ओलम्पिक में होते हैं, अपने देश को एक पदक मिला। यह अच्छी शुरुआत है। ज्यादा पदकों वाले खेलों पर ध्यान देना होगा। एथलेटिक्स पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। हर राज्य में 100,200,400 और 800 मीटर दौड़ के लिये बच्चों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि सरकार खेलों पर ध्यान दे रही है और इस वक्त न धन कि और न इच्छाशक्ति की कमी है। 50 सालों तक खेलों को नजरअंदाज किया गया था।

अब खेलों की स्थिति बदल गई और खेलों के परिणाम भी सामने आने लगे हैं। डा. बत्रा ने कहा कि अब खेल संघों की कार्यकारिणी में 30 फीसदी भागेदारी महिलाओं की होगी। टोकियो ओलिंपिक में 52 पदक पुरुष और 49 पदक महिलाओं के लिए थे। पेरिस ओलम्पिक में यह 50-50 रहेगा।

उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि अब निजी घराने भी खेलों को बढ़ाने कि लिए न केवल आगे आ रहे हैं, बल्कि हर तरह कि सुविधा भी दे रहे हैं। उन्होंने कहा अब राज्यों ने भी अपने खेल विकसित करने शुरू कर दिए है। यूपी में कुश्ती, मध्य प्रदेश और झारखंड में आर्चरी, जम्मू में फुटबॉल को बढ़ावा दिया जा रहा है। उड़ीसा ने इसमें पहल की है। खुशी की बात यह है कि अब क्रिकेट के अलावा भी लोगों को अन्य खेलों में रुचि बढ़ रही है।

डा. बत्रा ने कहा अब ओलम्पिक में टॉपटेन में आने का लक्ष्य रखना चाहिए। हॉकी में इस बार अच्छा प्रदर्शन हुआ। पुरुष टीम को कांस्य पदक और महिला टीम चौथे स्थान पर रही थी। हॉकी में गोल्ड का लक्ष्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों में पदक के मुकाबले ओलम्पिक में पदक लाना ज्यादा सम्मान की बात है। इससे पहले सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि खेलों इंडिया और यूथ इंडिया के जरिये सरकार खेलों के विकास की ओर अग्रसर है।

आइओए अध्यक्ष डा. बत्रा ने भारतीय वुशू संघ के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह बाजवा और महासचिव जितेंद्र सिंह बाजवा को खेलों के प्रति सकारात्मक सोच के लिए सराहना की। इस मौके पर आइओए अध्यक्ष ने भूपेंद्र सिंह बाजवा, जितेंद्र सिंह बाजवा, वीरेंद्र त्यागी, जुडो एसोसिएशन के मुकेश कुमार, वीरेंद्र कुमार एडवोकेट, अनिल बिज आदि को सम्मानित किया।
ये रहे मौजूद

सांसद राजेन्द्र अग्रवाल, डा. दिनेश अग्रवाल, डा.राजीव आनंद, एसपी देशवाल, मुकेश कुमार, जगदीश त्यागी, राकेश महाजन, लोकेश वत्स, अशोक अग्रवाल, जनरल रेखी, समय सिंह सैनी, देवेन्द्र गर्ग, एडवोकेट वीरेन्द्र कुमार, वुशु एसोसिएशन आफ इंडिया के अनिल विज, विजय सर्राफ, सीईओ सुहैल अहमद, प्रधानाचार्य विनम्र शर्मा, हर्ष गोयल आदि मौजूद रहे।

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बच्चों की प्रतिभा के कायल हुए आईओए अध्यक्ष

इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. नरेन्द्र बत्रा बुधवार को गॉडविन पब्लिक स्कूल स्थित साई सेंटर गए और वहां की व्यवस्था से बेहद खुश नजर आए। उन्होंने शूटिंग, वुशु और हॉकी से जुड़े बच्चों के उत्साह को देखकर कहा कि साई सेंटर की व्यवस्था बहुत अच्छी है और इसके रिजल्ट भी अच्छे आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि आईओए हर संभव मदद करने को तैयार है। उन्होंने बच्चों के साथ ग्रुप फोटो भी करवाए और बेहतर प्रदर्शन के लिये प्रोत्साहित भी किया।

डा. बत्रा ने शूटिंग रेंज में जाकर रायफल और पिस्टल से निशाना भी साधा। उन्होंने 10 में छह अंक हासिल किये। काफी खुश डा. बत्रा ने कहा कि बच्चे 10 में 10 अंक हासिल कर रहे है। इसका मतलब यह है कि इस सेंटर में कोच मेहनत कर रहे हैं। इससे पहले गॉडविन पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य विनम्र शर्मा ने मुख्य अतिथि डा. बत्रा और भारतीय वुशु संघ के अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह बाजवा का स्वागत किया।

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देशी विदेशी छोड़िये, जो बेस्ट वही कोच बनेगा

डा. नरेन्द्र धु्रव बत्रा का कहना है कि खेल प्रशिक्षण अब बेहद साइंटिफिक हो चला है। कुछ लोग विदेशी कोच को प्रशिक्षण में लेने पर विरोध जताते हैं जबकि सच यह है कि एक समय दुनिया को हॉकी सिखाने वाले भारतीय अब दुनिया से हॉकी सीख रहे हैं। इसमें हमें कोई शर्म महसूस नहीं होनी चाहिए। जहां से अच्छी सीख मिले, अच्छा प्रशिक्षण मिले उसे लेना चाहिए।

जो भी कोच अच्छा होगा, वह चाहे देश का हो या विदेश का हो, उन्हें ही प्रशिक्षण के लिए आमंत्रित किया जाएगा। इसी तरह खेलो इंडिया के ट्रेनिंग सेंटरों में भी प्रदर्शन के आधार पर खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। खेल संगठन, पदाधिकारियों व खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए डॉ बत्रा ने कहा कि एक समय था जब मेरठ के खिलाड़ी अधिक संख्या में राष्ट्रीय हॉकी टीम में रहा करते थे, लेकिन पिछले कुछ सालों में यह क्रम टूट गया। अब यहां एस्ट्रो टर्फ बन रहा है तो उम्मीद है कि हॉकी फिर से अपने रंग में लौटेगी।

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हॉकी के लिये 60 एकेडमी खोली गई

आईओए अध्यक्ष डा. नरेन्द्र बत्रा ने बताया की खेलो इंडिया के अंतर्गत तमाम खेलों को निचले स्तर से बढ़ाने के साथ ही हॉकी को भी बढ़ाया जा रहा है। इसके अंतर्गत करीब 60 एकेडमी देश भर में खोली गई हैं। इनके अलावा छह से सात एलिट अकादमी सरकार के साथ मिलकर खोली जा रही हैं।

इनमें से एक एलिट एकेडमी हॉकी की लखनऊ में होगी। इन एलिट अकादमी में देश के बेहतरीन 100-100 खिलाड़ियों को चयनित कर उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिससे 600 से 700 खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर के रहेंगे। उन्हीं में से टीमें बनाकर अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं और ओलंपिक में टीम भेजी जाएगी। उन्होंने बताया कि अब हॉकी प्रो लीग भी शुरू हो चुकी है, जिसमें दुनिया की बेहतरीन टीमें हिस्सा लेंगी। भारत की भी महिला व पुरुषों की 16-16 खिलाड़ियों की टीम उसमें हिस्सा ले रही है।

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