- रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के साथ ही जयंत ने किसान आंदोलन का किया समर्थन
- बुधवार को होने वाले धरना प्रदर्शनों में अधिक से अधिक संख्या में प्रतिभाग करने का आह्वान
मुख्य संवाददाता |
बागपत: रालोद के अध्यक्ष पद की कमान मिलने के साथ ही जयंत चौधरी ने बुधवार के प्रस्तावित किसान आंदोलन (किसान काला दिवस) का समर्थन करते हुए कार्यकर्ताओं से भारी संख्या में भाग लेने का आह्वान किया। उधर, राष्ट्रीय अध्यक्ष के आह्वान के बाद रालोदियों ने रणनीति तैयार कर आज तीनों तहसीलों पर धरना देने का कार्यक्रम जारी कर दिया।
रालोद के मुखिया चौधरी अजित सिंह के निधन के बाद मंगलवार को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने के बाद जयंत चौधरी ने वर्चुअल मीटिंग के माध्यम से 26 मई के किसान आंदोलन का समर्थन किया है।
26 मई को किसानों के आंदोलन को 6 माह पूर्ण होने पर धरने प्रदर्शन, काले झंडे घर पर लगाने का आंदोलन प्रस्तावित है। किसान काला दिवस के रूप में मनाने का ऐलान किसान संगठनों की ओर से पूर्व में कर दिया गया था। जिसे समर्थन करते हुए जयंत ने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया है कि इसमें भारी संख्या में प्रतिभाग करें।
उन्होंने सरकार से भी मांग की है कि वह किसानों से वार्ता कर किसानों की समस्या का समाधान करें। जयंत ने कहा कि किसान की पीड़ा सरकार को सुननी चाहिए। किसान आज अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करने को मजबूर है। किसान छह माह से तीनों कृषि कानूनों के विरोध में सड़कों पर बैठे हुए हैं, लेकिन सरकार कोई रास्ता नहीं निकाल रही है। किसानों की सुनवाई सरकार को कर उनकी मांग पूरी करनी चाहिए।
जयंत चौधरी के आह्वान के बाद जनपदीय स्तर पर भी ज्ञापन का कार्यक्रम जारी कर दिया गया है। रालोद के जिलाध्यक्ष डॉ. जगपाल सिंह तेवतिया ने बताया कि बुधवार को किसान काला दिवस मनाया जाएगा। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी के आह्वान पर किसानों के साथ काला दिवस मनाएंगे। सुबह 11 बजे खेकड़ा तहसील में एसडीएम को ज्ञापन दिया जाएगा।
11 बजे बड़ौत तहसील में एसडीएम को ज्ञापन दिया जाएगा। 12 बजे कलक्टेÑट में ज्ञापन दिया जाएगा। पार्टी कार्यालय पर काला झंडा लगाया जाएगा। हाथ में काली पट्टी बांधी जाएगी। उन्होंने बताया कि सरकार से मांग है कि किसानों के तीनों बिलों को वापस लिया जाए और एमएसपी पर कानून बनाया जाए। रालोद ने हमेशा किसान, गरीब, मजदूर की लड़ाई को लड़ा है और आगे भी लड़ता रहेगा।