- महंगाई के चलते छोटे-छोटे आभूषणों की डिमांड बढ़ी, नये-नये डिजाइन की ज्वैलरी की जा रही तैयार
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: दीपावली और करवाचौथ को लेकर ज्वैलर्स ने भी तैयारी शुरू कर दी है। सोने के दामों में वृद्धि होने के कारण ज्वैलर्स ने हर वर्ग के हिसाब से आभूषण तैयार किये हैं। छोटे-छोटे आइटम तैयार कर उन्हें शोरूम में रखा गया है। इसके साथ ही सभी ज्वैलरी को समय पर तैयार कर हॉलमार्किंग के लिये भेजा जा रहा है। वर्तमान में हॉलमार्किंग ज्वैलर्स के लिये बड़ी समस्या है। जिन आभूषणों पर हॉलमार्किंग नहीं होंगी ज्वैलर्स उन्हें नहीं बचे पायेंगे।
आगामी माह से त्योहारी सीजन शुरू होने वाला है। इस त्योहारी सीजन को भुनाने के लिये सभी व्यापारियों की ओर से तैयारी की जा रही है। शहर के सराफा बाजार में भी जोरों के साथ तैयारी की जा रही है। सोने के दाम की बात करें तो पिछले एक साल में सोने के दामों में 10 हजार रुपये तोला तक की गिरावट हुई है। मंगलवार की बात करें तो मार्केट में सोने के दाम 46,900 रुपये प्रति तोला तो चांदी के दाम 62, 250 रुपये किलो रहे।
छोटे आभूषणों को किया जा रहा तैयार
सोना चांदी बाजार व्यापार संघ के अध्यक्ष संत कुमार वर्मा ने बताया कि उनकी ओर से भी त्योहारी सीजन को भुनाने की पूरी तैयारी है। बाजार में हर वर्ग को ध्यान में रखकर आभूषण तैयार किये जा रहे हैं। कुछ ग्राहकों की ओर से तो आॅर्डर पर आभूषण भी तैयार किये जा रहे हैं। करवाचौथ और दीपावली को लेकर हर प्रकार के आइटम बनाये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सोने की महंगे दामों को ध्यान में रखते हुए हल्के आभूषण तैयार किये जा रहे हैं।
जिससे आम आदमी उसे आसानी से खरीद सके। छोटे टॉप्स, झुमके, नथ समेत हार तक भी कम वजन में तैयार किये जा रहे हैं जो ग्राहकों को पसंद भी आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनकी ओर से आभूषणों को हॉलमार्किंग के लिये भेजा गया है। बिना उसके आभूषण नहीं बिक पायेंगे। दीपावली और करवाचौथ पर बड़ी संख्या में आभूषणों की खरीद होती है जिसकी पूरी तैयारी है।
हॉलमार्किंग कर सकती है समस्या खड़ी
संत कुमार वर्मा ने बताया कि हॉलमार्किंग के बगैर कोई भी ज्वैलर आभूषण नहीं बेच सकता और वर्तमान हालातों में आभूषणों पर हॉलमार्किंग कराने में बड़ी दिक्कत आ रही है। पहले से ही हॉलमार्किंग के सेंटरों की कमी थी और कुछ सेंटर यहां अब बंद हो गये हैं। केवल दो सेंटर ऐसे हैं, जहां पर हॉलमार्किंग कराई जा रही है। ऐसे में ज्वैलर्स को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। अगर हॉलमार्किंग सभी आभूषणों पर नहीं हुई तो उन्हें बेचना मुश्किल होगा।