- चाइनीज फूड्स और बर्गर के बेजा इस्तेमाल से बच्चे और जवान भयंकर बीमारियों की आ रहे गिरफ्त में
जनवाणी संवाददाता |
परीक्षितगढ़: वर्तमान समय में घर का खाना खाने की वजह ज्यादातर लोग बाहर के खाने का आनंद उठाते हैं। चाइनीज फूड्स का चलन इतना है कि व्यक्ति रोजाना कुछ न कुछ चाइनीज फूड्स जरूर खाते हैं। यहां तक कि युवा वर्ग के लोग चाइनीज फूड्स खाकर ही सो जाते हैं। इन चाइनीज फूड्स का बुरा प्रभाव पेट पर पड़ता है।
विशेषज्ञों के मुताबिक पेट से संबंधित जितनी भी डिजीज होती हैं, वह सब खान-पान के कारण होती हैं। अगर व्यक्ति का खानपान ठीक रहेगा तो उसे कोई भी बीमारी नहीं होगी, लेकिन वर्तमान में खाने-पीने का ट्रेंड बदल गया है। लोग मसालेदार या चाइनीज खाना पसंद करते हैं, जिसकी वजह से पेट में समस्याएं होती हैं।
अब शहरों को छोड़िए, गांव-गांव में जंक फूड आसानी से मिलने लगा है। रही-सही कसर स्विगी और जोमैटो जैसी कंपनियों ने पूरी कर दी है। इससे देश के अधिकतर इलाकों में भरपूर फूड डिलीवरी हो रही है। इससे लोगों को सुस्वाद भोजन तो मिल रहा है, लेकिन इसका असर कहीं और भी दिखा है। आज जंक फूड बच्चों के मनपसंद है। उनके घरवाले भी बडे शौक से उन्हे बर्गर, चाउमीन दिला देते हैं।
मगर कभी ये सोचा है कि यह फूड बच्चों का पेट तो भर देते हैं, लेकिन उन्हें गंभीर बीमारियां भी दे रहे हैं। जंक फूड के चलते बच्चों में एनीमिया, डिप्रेशन, एंजाइटी, चिड़चिड़ापन आदि समस्या हो जाती है। इसके अलावा उनकी भूख धीरे-धीरे खत्म हो जाती है। यह समस्या बच्चों में काफी देखने को मिल रही है।
घर के खाने के बजाय परोसा जा रहा जंक फूड
महिला चिकित्सक डा. प्रियंका सिंघल का कहना है कि यह हैबिट डिसआर्डर का रूप में बच्चों को घर का बना हुआ खाना खाने की आदत कम सिखाई जा रही है। उन्हें बाहर का जंक फूड परोसा जाता है। जिसके चलते उन्हें कम भूख लग रही है। घर का खाना नहीं खाने से बच्चों में पूरी तरह प्रोटीन नहीं जा पा रहा है। बच्चा कुछ खा ले इस सोच के साथ उन्हें फास्ट फूड व जंक फूड की आदत डाली जाती है। महिलाओं में भी खून की कमी होना, पेट में चर्बी का बढ़ जाना, दर्द का होना जंक व फास्ट फूड के कारण ही होता है। इसलिए इससे परहेज करे।
बच्चों को पौष्टिक आहार देना चाहिए
हिंदुस्तान लैटक्स फैमिली प्लानिंग प्रमोशन ट्रस्ट रिजनल मैनेजर मनोज प्रजापति का कहना है बच्चों को सही गलत के बारे में नहीं बताया जाता और उनकी हर बात को पूरा किया जाता है। मोबाइल, गेम आदि हाथ में देकर उन्हें खाना खिलाया जा रहा है। बच्चों की हर आदत को लाड प्यार में इंग्लोर किया जा रहा है। इसलिए भी बच्चों का पूर्ण विकास नहीं हो रहा है। बच्चों को पौष्टिक भोजन खाने की आदत डालनी चाहिए।
फास्ट फूड बच्चों को कर रहे बीमार
डा. मुश्ताक ने बताया कि जंक व फास्ट फूड खाने से बच्चों के पेट में कब्ज का होना, मोटापा होना, बवासीर के लक्षण उत्पन्न होने का खतरा रहता है। साथ ही पेट में कीड़ों का पैदा होना, खून की कमी होना, क्लोस्ट्रोन का बढ़ जाना है। जिससे बच्चों का संपूर्ण विकास नहीं होता है। अभिभावकों को बच्चों को जंक फूड के बजाय पौष्टिक वाले आहार देने चाहिए। जिससे बच्चों का विकास तेजी से हो सके और बीमारियों से बचाया जा सके।
अभिभावक को बच्चों पर देना चाहिए ध्यान
सीएचसी प्रभारी डा. रवि शंकर का कहना है कि बच्चा खाना ठीक से खाता है या नहीं, बच्चों को नींद में पेशाब करना, प्यास ज्यादा लगना, लगातार वजन कम होना बच्चे में शुगर के लक्षण हो सकते हैं। बच्चे में शुगर की बीमारी को लेकर लगातार भ्रांतियां बनी हुई है। 30 फीसदी से ज्यादा बच्चे मोटापे के शिकार है। इसकी वजह बच्चों में जंक फूड, कोल्ड ड्रिक्स की बढ़ती आदते हैं। परिवार बच्चों पर शुरुआत से ध्यान दे, ऐसे खानपान से दूर रखे।