जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: सावन का महीना 4 जुलाई 2023 से शुरू हो रहा है। भोले बाबा के भक्तों की तैयारियां शुरू हो गई हैं। हर बार की तरह महादेव के चाहने वाले इस बार भी कांवड़ यात्रा की तैयारियों में जुट गए है। इसी को लेकर सूचना आई है कि, इस बार कांवड़ मेले में डीजे प्रतिबंधित नहीं रहेगा। बल्कि पुलिस इसे नियंत्रित करेगी। साथ ही यात्रा के दौरान कोई भी 12 फीट से ऊंची कांवड़ नहीं ला सकेगा।
मिली जानकारी के अनुसार, यह निर्णय बीते दिन यानि शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय में हुई अंतरराज्यीय समन्वय बैठक में लिए गए हैं। इसी दौरान बैठक में सात राज्यों उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और पंजाब के पुलिस अधिकारियों और आईबी व अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया था।
बैठक के दौरान हुई वार्तालाप के दौरान यह तय हुआ है कि, प्रतिएक कांवड़ यात्री को अपने साथ पहचानपत्र लाना अनिवार्य होगा। इस साल चार जुलाई से 15 जुलाई तक कांवड़ यात्रा का आयोजन होना है।
कांवड़ मेला क्षेत्र को 12 सुपर जोन, 32 जोन और 130 सेक्टरों में बांटकर सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी। कांवड़ यात्रा की व्यवस्था में लगे सभी नोडल अफसरों का व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाएगा। इसके अलावा सभी चेकपोस्ट और बैरियरों पर संयुक्त रूप से चेकिंग की जाएगी।
सभी जगह इसके लिए इलेक्ट्रोनिक साइन बोर्ड लगाए जाएंगे। रास्तों में उपद्रव को रोकने के लिए खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर तैयारियां की जा रही हैं। कोई भी यात्री अपने साथ लाठी, बेस बाॅल बैट, नुकीले भाले और अन्य हथियार नहीं ला सकेगा।
डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि
यात्रा मार्ग पर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड पुलिस का सीसीटीवी कवरेज भी पूरी तरह से ऑनलाइन है। इसके लिए सभी कैमरों को गुगल मैप के माध्यम से जोड़ा गया है।
उन्होंने बताया कि उत्तराखंड पुलिस के 500 सीसीटीवी कैमरे हैं। जबकि, उत्तर प्रदेश पुलिस 1000 कैमरों से नजर रखेगी। उन्होंने बताया कि 333 सीसीटीवी कैमरे केवल हरिद्वार के मेला क्षेत्र में लगे हुए हैं।
हजारों पुलिसकर्मी रहेंगे तैनात
कांवड़ मेले की सुरक्षा व्यवस्था के लिए हरिद्वार क्षेत्र में पांच हजार से अधिक पुलिसकर्मी और अधिकारी तैनात रहेंगे। जबकि, पूरे यात्रा मार्ग पर इनकी संख्या सात हजार से भी अधिक होगी। इस बार 12 कंपनी पैरामिलिट्री फोर्स केंद्र से मांग की गई है।
इसके अलावा तीन टीमें बम डिस्पोजल स्क्वाड और श्वान दलों की मांगी गई हैं। इनमें से कितना फोर्स मिलेगा यह अगले कुछ दिनों में पता चल जाएगा। इसके अलावा समय-समय पर रूट डायवर्जन की व्यवस्था भी की जाएगी।