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नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉट कॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनन्दन है। सावन का महीना चल रहा है। सनातन धर्म में इस पवित्र माह का अत्यधिक महत्व है। बताया जाता है कि सावन का महीना भगवान शिव का प्रिय महीना है। इस महीने में श्रद्धालु देवों के देव महादेव को खुश करने के लिए विशेष पूजा और अभिषेक करते हैं।
शास्त्रों में भगवान शिव के कई ऐसे चमत्कारिक मंत्रों का उल्लेख है जिनका जाप करने से बड़े से बड़े कष्ट दूर हो जाते है। इन्हीं मंत्रों में एक मंत्र महामृत्युंजय मंत्र भी है। आप भी सावन के इस पवित्र महीने में इस मंत्र का जाप कर भगवान शिव को प्रसन्न कर सकते है।
ऐसे करें महामृत्युंजय मंत्र का जाप
सावन के महीने में इस मंत्र का जाप करना बेहद कल्याणकारी माना जाता है। अगर आप सावन के इतर इस मंत्र का जाप करना चाहते हैं तो इसकी शुरूआत सोमवार से करें। इस मंत्र का जाप करने के लिए रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करना चाहिए।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सवा लाख बार इस मंत्र का जाप करना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति इस मंत्र का सवा लाख बार जाप नहीं कर सकता है तो वह 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप कर सकता है।
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥
महामृत्युंजय मंत्र का हिंदी अर्थ
इस मंत्र का हिंदी में अर्थ इस प्रकार से है- कि इस जगत के पालनहार, तीन नेत्रों वाले भगवान शंकर की हम स्तुति करते हैं। पूरे संसार में सुगंध फैलाने वाले भगवान शिव हमें मृत्यु के बंधन से मुक्ति प्रदान करें। जिससे कि हम मोक्ष की प्राप्ति कर सकें।
महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने का लाभ
महामृत्युंजय मंत्र के प्रभाव से व्यक्ति को अकाल मृत्यु का भय नहीं होता है। इस मंत्र के जाप से भगवान शिव-शंकर प्रसन्न होते हैं और जातक को कष्टों से मुक्ति मिलती है। इस मंत्र के जाप से रोगों का नाश होता है। महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को धन-धान्य की कमी नहीं होती है।
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