Thursday, July 3, 2025
- Advertisement -

अपनों ने छोड़ा साथ, सेवादारों ने पकड़ा हाथ

  • स्वामी सत्यानंद सेवा धाम आश्रम में नि:स्वार्थ सेवा करते हैं सेवादार
  • लालकुर्ती स्थित शक्ति धाम मंदिर ट्रस्ट के सानिध्य में चल रहा आश्रम

जनवाणी ब्यूरो |

मेरठ: माता-पिता को भगवान का दूसरा रूप समझा जाता है और इनकी सेवा करने से ही चारों धाम की यात्रा हो जाती है। मगर आज के दौर में कुछ ऐसे भी पुत्र हैं जो अपने बूढ़े मां-बाप को बोझ समझते हैं। पुत्र अपने आलीशान मकान में किराएदार रख सकता है, लेकिन बूढ़े माता-पिता के लिए जगह नहीं होती।

हमारे बुजुर्ग माता-पिता बस हमारा साथ चाहते हैं। तो अगली बार जब परदेश से देश आएं तो भले ही उनके लिए तोहफे लाना भूल जाएं पर घर जाकर उनके साथ वक्त जरूर बिताएं। मत भूलिए! वो तब हमारे साथ थे, जब हम अपने पैरों पर चल भी नहीं पाते थे।

माता-पिता जीवन में अनेकों दु:ख-दर्द सहकर भी कभी बच्चों को आहट तक नहीं होने देते। जिससे बच्चों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो, लेकिन जब उन्हीं माता-पिता को बच्चों की आवश्यकता पड़े तो बच्चे उनको दर-दर की ठोकरे खाने के लिए छोड़ दे तो सोचो उन माता-पिता को कितनी पीड़ा होती होगी।

जी हां! कुछ इसी तरह का नजारा रजबन स्थित स्वामी सत्यांनद आश्रम में देखने को मिला। जहां जनवाणी टीम ने बुजुर्गों से बात की तो पता चला कि कुछ बूढ़े मां-बाप को उनके बच्चे आश्रम में छोड़ गए, तो कुछ बुजुर्गों को परिस्थितियों ने भीख मांगकर खाने को मजबूर कर दिया, लेकिन ऐसे विषय परिस्थिति में शक्ति धाम मंदिर ट्रस्ट द्वारा संचालित स्वामी सत्यानंद सेवा धाम आश्रम ऐसे बुजुर्गों के जीवन में अच्छा पल लेकर आया। जिसमें आश्रम की तरफ से बुजुर्गों को घर जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई।

कोविड में भी नहीं ली अपनों ने सुध

कोविड-19 के संक्रमण में सभी अपने को वायरस के प्रति सावधानी बरतने के लिए कह रहे थे। वहीं, स्वामी सत्यानंद आश्रम में रह रहे बुजुर्गों के बच्चों एवं रिश्तेदार ने उनकी सुध भी नहीं ली, लेकिन फिर भी आश्रम के सेवादारों ने विपरीत परिस्थिति में भी बुजुर्गों का साथ नहीं छोड़ा और दिन प्रतिदिन देखभाल की।

बुजुर्गों ने कहा कि इस बात मलाल तो है कि अपनों ने सुध नहीं ली। मगर जिस तरह से सेवादार सेवा करते हैं कोई अपना भी नहीं करेगा। बता दें कि लालकुर्ती स्थित शक्ति धाम मंदिर द्वारा रजबन में स्वामी सत्यानंद सेवा धाम आश्रम की 20 वर्ष पूर्व 23 अप्रैल 2000 को स्थापना की थी।

तभी से श्री नीरजमणि जी से सेवा भाव से सभी बुजुर्गों के सेवा में लगे हुए है। इतना हीं नहीं विभिन्न सेवादार भी सेवा करने के लिए नि:स्वार्थ से आते हैं। जिसमें बुजुर्गों को चेकअप करने के लिए डा. दिनेश अग्रवाल, डा. मंजुला लखनपाल, डा. उमग वर्मा, डा. सुभाष सचदेवा सहित अन्य शहर के डाक्टर नि:शुल्क बुजुर्गों का चेकअप करने आते हैं।

वहीं, विषय परिस्थिति में आनंद अस्पताल एवं लोकप्रिय में नि:शुल्क इलाज भी किया जाता हैं। शक्ति धाम मंदिर के मुख्य पुजारी एवं स्वामी सत्यांनद सेवा धाम आश्रम के संचालक श्रीनीरज मणि ने बताया कि निरंतर सभी बुजुर्गों की सेवा शक्ति धाम ट्रस्ट द्वारा की जाती है। साथ ही किसी भी बुजुर्गों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो उसका सेवादार भरपूर ध्यान रखते हैं। बुजुर्गों का जो खाने का मन करता है उसी अनुसार व्यवस्था की जाती है। जिससे उनको यहां आश्रम वाला माहौल न लगे।

वृदांवन में 30 वर्षों तक बाजा बजाकर भरा पेट
10 16
वृदांवन में 30 वर्षों तक जीवन व्यापन करने वाली विमला देवी ने बताया कि उन्होंने वृदांवन में 30 वर्षों तक कीर्तन में बाजा बजाया। जिसके 20 रुपये घंटे मिलते थे। उन पैसों के सहारे ही वह अपने दो वक्त के खाने का इंतजाम करती थी। पांच वर्ष पूर्व जब उनको स्वामी सत्यांनद सेवा धाम आश्रम वाले लेकर आएं तो उन्हें विश्वास नहीं था कि नि:स्वार्थ कोई इतनी सेवा कर सकता है। उन्होंने कहा कि यहां पर बिल्कुल घर जैसा माहौल मिलता है। वह अपने दिन की शुरुआत ठाकुर जी के आराधना से करती हैं।

बच्चे भी नहीं रखेंगे इस तरह ध्यान

11 13
आनंद प्रकाश शर्मा ने बताया कि वह कई वर्षों से इस आश्रम में रहे हैं। आश्रम में सेवादार परिवार से बढ़कर सेवा करते हैं। खाने से लेकर दवाई तक का भरपूर ध्यान रखा जाता है। कोई अपना बेटा भी क्या रखेगा।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

Meerut News: मिलावटी पेट्रोल से आपकी गाड़ी हो सकती है सील!

जनवाणी संवाददाता |लावड़: किसी भी वाहन को चलाने के...

Meerut News: बीसी लाइन में जर्जर सड़कें, गंदगी से मुख्य मार्ग ही हो गया बदरंग

जनवाणी संवाददाता |मेरठ: आमतौर पर सैन्य क्षेत्र को लेकर...
spot_imgspot_img