Friday, March 29, 2024
HomeUttar Pradesh Newsमहामंडलेश्वर स्वामी अभयानंद सरस्वती ने बताए अविद्या के स्वरूप

महामंडलेश्वर स्वामी अभयानंद सरस्वती ने बताए अविद्या के स्वरूप

- Advertisement -

जनवाणी ब्यूरो |

लखनऊ: गोमती नदी के तट पर अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संस्थान गोमतीनगर में गीता ज्ञान यज्ञ के अंतर्गत श्रीमद भगवत गीता के 17 अध्याय पर चल रहे कथा के तीसरे दिवस पर महामंडलेश्वर स्वामी अभयानंद सरस्वती जी महाराज अविद्या के स्वरूप बताते हुए कहा कि आवरण ,विक्षेप और मल ही अविद्या के तीन स्वरूप है। अविद्या से ग्रसित व्यक्ति को जो कोई भी, जो कुछ भी बताता है, वह उसी को सच मान लेता है।

आगे की कथा में सदगुरुदेव भगवान ने बताया कि और अविद्या की निवृत्ति सिर्फ विद्या से ही संभव है परंतु इस विद्या को ग्रहण करने की पात्रता होनी चाहिए। ब्रह्म ज्ञान के बिना मुक्ति संभव नहीं है और ब्रह्म ज्ञान की प्राप्ति में भी नहीं लगता पर ब्रह्म ज्ञान को ग्रहण करने की पात्रता की तैयारी में बहुत समय लगता है। ब्रह्मज्ञान को प्राप्त करने के लिए आवश्यक स्थिति की तैयारी पर ही गीता जी का सत्रहवां अध्याय आधारित है।

इस कथा के मुख्य यजमान आर सी मिश्रा है। आज का व्यास पूजन विनोद एवं चंद्रभान मिश्रा ने किया मंच का कुशल संचालन आलोक दीक्षित द्वारा संपन्न हुआ। त्रिवेणी अलमीरा के सीएमडी वरुण तिवारी, लखनऊ विश्वविद्यालय के अंग्रेजी की पूर्व हेड ऑफ डिपार्टमेंट निशा पांडे समेत नगर के अन्याय विभूतियां एवं श्रद्धालु श्रोतागण कथा का लाभ लेने के लिए वहां उपस्थित रहे।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
3
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
- Advertisement -

Recent Comments