- सभी के लिए होंगे लाभकारी, गणेश चतुर्थी के दिन नहीं किए जाते चंद्रमा के दर्शन, माना जाता है अशुभ
- बुधवार को गणेश चतुर्थी होने से और बढ़ गया है महत्व
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सनातन धर्म में हर महीना किसी न किसी देवता को समर्पित है। भाद्रपद के महीने में भगवान गणपति को समर्पित 10 दिवसीय गणेश उत्सव मनाया जाता है। इस दौरान घर-घर भगवान गणेश की पूजा अर्चना की जाती है। इसबार गणेश चतुर्थी 31 अगस्त यानि बुधवार को मनाई जाएगी।
गणेश चतुर्थी बुधवार के दिन पड़Þने की वजह से इसका महत्व और बढ़ गया है। क्योंकि बुधवार को दिन भगवान गणेश को समर्पित है। मान्यता के अनुसार भाद्रपद मास की इस चतुर्थी से महाराष्ट्र में गणपति उत्सव शुरू हो जाता है। इस उत्सव के दौरान 10 दिन तक भक्त अपने घर गणपति को स्थापित कर उनकी पूजा-अर्चना करते हैं।
भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को शास्त्रों में गणेश तिथि के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार संसार में शुभता लाने के लिए देवी पार्वती ने भाद्र शुक्ल चतुर्थी तिथि को गणेश भगवान को उत्तन्न किया था।
गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त
पंचांग के मुताबिक भाद्रपद गणेश चतुर्थी की शुरुआत 31 अगस्त से हो रही है। चतुर्थी तिथि की शुरुआत 30 अगस्त दोपहर 3 बजकर 33 मिनट से हो रही है। जबकि चतुर्थी तिथि की समाप्ति 31 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 22 मिनट पर होगी। ऐसे में उदया तिथि की मान्यता के अनुसार, गणेश चतुर्थी का व्रत 31 अगस्त बुधवार को रखा जाएगा।
इस दिन भगवान गणेश की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 05 मिनट से दोपहर 01 बजकर 38 मिनट तक है। गणेश चतुर्थी के दिन घर में गणपति की प्रतिमा स्थापित की जाती है। जिसके बाद धूमधाम से 10 दिनों तक गणेश जी की पूजा अर्चना की जाती है।
गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करने के लिए सुबह स्नान करें। उसके बाद किसी चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर उस पर गणेश जी की प्रतिमा को स्थापित करें। भगवान गणेश का जल से अभिषेक करें। अभिषेक के बाद उन्हें अक्षत, दूर्वा दल, फूल, फल, पुष्प माला इत्यादि अर्पित करे और उन्हें लड्डू का भोग लगाएं।
धूप-दीप से उनकी आरती करे। मान्यतानुसार गणेश चतुर्थी के दिन विधिवत पूजा करने से गणपति बप्पा का आशीर्वाद प्राप्त होता हैं, साथ ही जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।