- 24 करोड़ की सम्पत्ति 198 रुपये में 99 वर्ष के लिए लीज पर दी, बोर्ड बैठक में लगी सहमति की मुहर
- कैटल कॉलोनी के लिए पहले होगा डिमांड सर्वे, फिर बढ़ेगी आगे बात
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कमिश्नर सुरेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में मेरठ विकास प्राधिकरण (एमडीए) की सोमवार को बोर्ड बैठक हुई, जिसमें शताब्दीनगर में स्टेशन और पावर स्टेशन के लिए करीब 24 करोड़ कीमत की जमीन 99 वर्ष के लिए 198 रुपये में लीज पर देकर विकास का बड़ा तोहफा दिया है। इस पर बोर्ड में सहमति की मुहर लगा दी गई।
डेयरियों को शहर से बाहर शिफ्ट करने के लिए कैटल कॉलोनी विकसित करने का प्रस्ताव भी रखा गया, जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि पहले डिमांड सर्वे कराया जाएगा। पशु डेयरी संचालकों से पंजीकरण के लिए प्रत्येक डेयरी संचालक से 10 हजार रुपये जमा कराये जाएंगे।
डेयरी संचालकों को काशी स्थित नंगला पातू में कैटल कॉलोनी के लिए जगह पसंद है या फिर नहीं। डेयरी संचालकों से बातचीत कर डिमांड सर्वे किया जाएगा, इसके बाद ही आगे कदम उठाये जाएंगे। जो कॉलोनियां एमडीए से नगर निगम को हैंडओवर हो चुकी है, उनमें सीवर शुल्क को दो वर्ष के लिए फ्रीज करने का प्रस्ताव भी रखा गया, जिसे पर बोर्ड ने विचार किया।
बोर्ड ने तय किया कि सीवर शुल्क वसूला जाए तथा इडेक्स के अनुसार बढ़ाकर लिया जाए। यह भी फाइनल कर दिया गया। इसमें जनता को किसी तरह की राहत बोर्ड ने नहीं दी, बल्कि बढ़ाकर शुल्क वसूलने पर सहमति बन गई। सबसे पहला प्रस्ताव कैटल कॉलोनी का ही रखा गया। इस पर डिमांड सर्वे कराने पर सहमति बनी। इसके बाद ही आगे की प्लानिंग करने का निर्णय लिया गया।
दूसरा प्रस्ताव शताब्दीनगर योजना के सेक्टर-2 में स्थित व्यावसायिक भूखंड संख्या सी-12, जिसका क्षेत्रफल 2269.37 वर्ग मीटर है, इसको रैपिड रेल को स्टेशन के निर्माण के लिए तथा सेक्टर 4-सी में स्थित 4000.00 वर्ग मीटर व्यवसायिक भूमि सब स्टैशन के निर्माण के लिए आरआरटीएस को देने का निर्णय लिया। इस जमीन की कीमत करीब 24 करोड़ रुपये आंकी गई हैं, जिसे मात्र 198 रुपये में 99 वर्ष के लिए आरआरटीएस को लीज पर सर्वसम्मति से देने का निर्णय लिया गया।
इसमें शासनादेश भी पहले आ चुका था। हालांकि पूर्व में एमडीए ने इस पर आपत्ति जतायी थी, लेकिन मामला यूपी और केन्द्र सरकार से जुड़ा है, इसलिए सर्वसम्मति से 198 रुपये में उक्त जमीन देने का निर्णय किया गया। इसके साथ ही विभिन्न न्यायालयों में वादों में अधिवक्ताओं की फीस पुनरीक्षित करने का निर्णय लिया गया। सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता को अब 20 हजार रुपये देने का निर्णय किया गया।
अवैध निर्माण को लेकर जेई पर भड़के कमिश्नर, सुधर जाओ नहीं तो जेल भिजवा दूंगा
कमिश्नर सुरेन्द्र सिंह सोमवार को पूरे तेवर में दिखे। एमडीए बोर्ड बैठक जैसे ही आरंभ हुई, तभी कमिश्नर अवैध निर्माण के मुद्दे पर उखड गए। कमिश्नर ने कहा कि कौन जेई कितने रुपये कहां से लाया है, ये भी मालूम हैं। इसमें सुधर जाओ…नहीं तो जेल भेज दूंगा। कमिश्नर के तल्खी देखकर बोर्ड बैठक में मौजूद एमडीए के अधिकारी सन्न रह गए। अधिकारियों को उम्मीद नहीं थी कि इस तरह से कमिश्नर अवैध निर्माण को लेकर राशन-पानी लेकर चढ़ाई कर देंगे।
कमिश्नर ने कहा कि बार-बार कह रहा हूं अवैध निर्माण पर अंकुश लगाये, लेकिन फिर भी कार्रवाई नहीं हो रही हैं। कमिश्नर ने एक जेई को इंगित करते हुए पूरा गुस्सा निकाला। कहा कि जेई नहीं सुधर रहे हैं, इनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई होगी, तब सुधरेंगे। इस तरह से कमिश्नर अवैध निर्माण के मामलों को लेकर बेहद खफा दिखाई दिये। शहर की कोई सड़क होगी, जहां पर अवैध निर्माण नहीं चल रहे हैं। अवैध निर्माणों पर प्रभावी कार्रवाई करने की कमिश्नर ने हिदायत दी, जिसके बाद ही बोर्ड बैठक आरंभ हुई।
पखवाड़े भर में पेट्रोल पंप का कराएं मानचित्र स्वीकृत फिर होगी कार्रवाई
एमडीए बोर्ड बैठक में यह तथ्य भी सामने आया है कि शहर में कुछ ऐसे पेट्रोल पंप चल रहे हैं, जिनके एमडीए से मानचित्र स्वीकृत नहीं हैं। ऐसे पेट्रोल पंपों मालिकों को पन्द्रह दिन की मोहल्लत मानचित्र स्वीकृत कराने के लिए दी गई हैं। यदि इस बीच भी किसी पेट्रोल पंप मालिक ने मानचित्र स्वीकृत नहीं कराया तो डीएम स्तर से एक टीम पेट्रोल पंप पर जाएगी और संबंधित पेट्रोल पंप पर सील की कार्रवाई की जाएगी। इस फैसले पर भी एमडीए बोर्ड की बैठक में सर्वसम्मति से मुहर लगाई गयी।
ये रहे उपस्थित
कमिश्नर सुरेन्द्र सिंह, डीएम दीपक मीणा, प्राधिकरण उपाध्यक्ष मृदुल चौधरी, सचिव चंद्रपाल तिवारी, एसई केपी सोनकर, तहसीलदार विपिन मोरल, एक्सईएन अरुण शर्मा समेत तमाम विभागों के आला अफसर मौजूद रहे।