- चौराहों को लेफ्ट साइड खोलकर उन्हें चौड़ा किया जाएगा, लेफ्ट साइड फ्री की जाएगी
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: प्रथम गोलमेज हैकेथॉन में प्रस्तावित परियोजनाओं को लेकर मिले सुझावों का संज्ञान लेकर मेरठ विकास प्राधिकरण के अधिकारी प्लान बनाने में जुट गए हैं। हालांकि महानगर को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए चौराहों को बेहतर बनाने का काम प्राथमिकता से किया जाएगा। चौराहों की लेफ्ट साइड खोलकर उन्हें चौड़ा भी किया जाएगा। मेडा के इंजीनियर्स का मानना है कि चौराहों का बोझ हल्का होते ही वाहन चालकों को कई हद तक जाम से राहत मिल जाएगी। इसी के साथ प्रमुख सड़कों के चौड़ीकरण का कार्य भी किया जाएगा।
महानगर से जाम को टाटा और बाय-बाय करने के लिए मेरठ विकास प्राधिकरण ने लैंडमोनेटाइजेशन से जुटाई गई 350 करोड़ रुपये की रकम को खर्च करने की योजना बनाई है। इसको लेकर मंगलवार को प्रथम गोलमेज हैकेथान का आयोजन किया गया था। जिसमें जनप्रतिनिधियों, विषयों के जानकारों, संबंधित विभागों के अधिकारी, मेडा के इंजीनियर्स और गणमान्यों लोगों के सामने प्रस्तावित परियोजनाओं को पेश किया गया था। साथ ही उनके सुझाव लिए गए थे। सभी 48 प्रस्तावित परियोजनाओं पर लगभग 100 सुझाव मिले।
इन्हें नोटिट करते हुए मेडा ने अब इनपर काम करना शुरू कर दिया है। मेरठ विकास प्राधिकरण के नगर नियोजक विजय कुमार सिंह ने बताया कि इन सभी सुझावों पर सात दिन में काम कर लिया जाएगा। इसके बाद प्लान के मुताबिक टेंडर का काम शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सबसे पहले चौराहों पर काम करने की तैयारी है। चौराहों की चौडाई बढ़ाने के साथ-साथ उनके लेफ्ट साइड को पूरी तरह से फ्री कर दिया जाएगा, ताकि लेफ्ट साइड वाले वाहन चालक निरंतर चलते रहे, ऐसे में चौराहों से जाम का बोझ कम होगा और रास्तों पर भी वाहन चालकों को जाम से मुक्ति मिलेगी।
उन्होंने कहा कि इसी के साथ-साथ प्रमुख सड़कों के चौड़ीकरण, डिवाइडर और रेलिंग के कार्य को भी प्राथमिकता दी जाएगी। मेरठ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने बताया कि हैकेथान में जिन लोगों ने भी सुझाव दिए है, उन्हें नोट कर लिया गया था। सभी बिंदुओं पर काम किया जा रहा है। संबंधित विभागों के अधिकारियों और इंजीनियर्स के साथ मेडा के अधिकारी और इंजीनियर्स आपस में समन्व्य स्थापित करके पूरा प्लान तैयार करेंगे। इसके बाद ही आगे का कार्य किया जाएगा।
शहर के जाम में फंसी एसपी सिटी की गाड़ी
मेरठ: अफसर भले ही कुछ भी दावें करें, लेकिन शहर का जाम लाइलाज बीमारी बनता जा रहा है। शहर घंटाघर के सटे इलाके की हालत सबसे ज्यादा खराब है। बुधवार को घंटाघर से बुढ़ानागेट चौकी तक भीषण जाम लग गया। आलम ये रहा कि अपने कार्यालय से निकले एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह भी करीब 15 मिनट जाम में फंसे रहे। गाड़ी से उतरे पुलिसकर्मियों ने बामुश्किल जाम खुलवाया। तब जाकर वह निकल सके। शहर में जाम एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है। शायद ही कोई दिन जाता हो, जब यहां जाम न लगता हो। कई रूट ऐसे हैं, जिनसे गुजरना लोगों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होता।
घंटाघर से खैरनगर की ओर जाने वाला रास्ता भी कुछ इसी तरह का है। बुधवार को यहां फिर भीषण जाम लग गया। प्यारेलाल शर्मा जिला अस्पताल के गेट से वाहनों की कतार लगनी शुरू हुई और खैरनगर चौराहे तक लगती चली गई। दोनों तरफ वाहनों की कतार लग गई। कई महत्वपूर्ण वाहन जाम में फंस गए, जिनमें एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह भी शामिल रहे। वह कार्यालय से निकले और डफरिन के सामने जाम में फंस गये। भीषण जाम देख पुलिसकर्मी गाड़ी से उतरे और जाम खुलवाने की मशक्कत में जुट गये। इतनी सी दूरी तय करने में करीब 15 मिनट लग गए। इसके बाद भी वहां लगातार जाम लगता रहा।
सड़कों पर अवैध कब्जे बने हैं मुसीबत
व्यापारी जाम से परेशान हैं। उन्हें स्थाई समाधान की दरकार है। एक व्यापारी ने बताया कि यह पुराना मार्ग है। चौड़ा नहीं किया जा सकता। यहां दुकानों के बाहर अतिक्रमण कर वाहन खड़े कर दिए जाते हैं, जिससे जाम लग जाता है। चार पहिया वाहन खड़ा होते ही मुसीबत खड़ी हो जाती है। यही स्थिति खैरनगर से बुढ़ानागेट चौकी वाले चौराहे की है, लेकिन पुलिस को अतिक्रमण नहीं दिखता।