- टीम का हुआ भारी विरोध, बैरंग लौटी टीम
जनवाणी संवाददाता |
कंकरखेड़ा: शोभापुर हाइवे पर हो रहे निर्माण कार्यों पर मंगलवार को मेडा की टीम ने कार्रवाई की। निर्माणकर्ताओं के विरोध करने पर पुलिस ने हिरासत में लेकर थाने भेज दिया। डाबका सुखदेव ढाबा के निकट मेडा की कार्रवाई से नाराज लोगों ने इंजीनियरों की टीम को घेर लिया तथा विरोध किया। भारी विरोध के चलते टीम बैरंग लौट आई। उधर, लोगों की भारी भीड़ प्राधिकरण आॅफिस पहुंच गई तथा प्राधिकरण अफसरों के खिलाफ नारेबाजी की।
भीड़ के बीच ओएसडी रंजीत सिंह पहुंचे तथा लोगों को समझाने का प्रयास किये। प्रदर्शनकारियों के आरोप थे, जो पैसे दे रहा है, उसका निर्माण नहीं तोड़ा जा रहा हैं। निर्माण उसी के तोड़ा जाते हैं, जिससे इंजीनियरों की सेटिंग नहीं होती हैं। इसमें प्राधिकरण उपाध्यक्ष को भी गुमराह कर रहे हैं। इंजीनियरों की भूमिका से प्राधिकरण अफसरों पर भी अंगुली उठ रही हैं। आखिर ऐसा भेदभाव पूर्ण रवैया क्यों अख्तियार किया जा रहा हैं।
हाइवे स्थित शोभापुर चौकी के पीछे लगभग एक हजार गज में शंकर दीक्षित आठ फीट की बाउंड्रीवॉल कर निर्माण कर रहा था। मंगलवार को मेडा की टीम ने निर्माणाधीन बाउंड्रीवॉल का धवस्तीकरण कर कार्रवाई की। उसके बाद रोहटा रोड फ्लाईओवर के निकट दीपक चपराणा निवासी लखवाया के पिलर पर बने एक मंजिला मकान के लेंटर सहित ध्वस्तीकरण कर बिल्डिंग को जमींदोज कर दिया।
दीपक द्वारा विरोध करने पर उसको पुलिस ने हिरासत में लेकर थाने भेज दिया। पास में बन रहे सुशील सिंह पुत्र अनूप सिंह का दो मंजिला निर्माणाधीन मकान लिंटर सहित जमींदोज कर दिया। डाबका हाइवे के निकट नवनिर्मित होटल पर भी ध्वस्तीकरण की। इस दौरान लोगों ने टीम का विरोध किया। विरोध के चलते पुलिस की मौजूदगी में टीम के हाथ-पैर फूल गए। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि वीसी से वार्ता कर 15 दिनों का समय मांगा था, जिसकी स्वीकृति वीसी ने स्वयं दी थी। अधिकारियों के बीच नोकझोंक के बीच अधूरी कार्रवाई कर टीम लौट गई।
दीपक चपराना मेडा की टीम पर पैसे वसूलने का आरोप लगाया। जोनल अधिकारी अर्पित यादव ने बताया कि वीसी के दिशा निर्देश में यह कार्रवाई की गई है। यह कार्रवाई एनजीटी के नियमों का पालन करते हुए कि गई हैं। विरोध कर रही भीड़ ने कहा कि एनजीटी के आदेश सभी के ढाबे और अन्य निर्माण गिराने का हैं, ये सभी ग्रीन वर्ज में हैं। इसमें कुछ निर्माण छोड़े जा रहे हैं। जब निशान लगा दिये गए हैं तो फिर कुछ पर आशीर्वाद क्यों दिया जा रहा हैं।
इसमें अवश्य ही सेटिंग का खेल चल रहा हैं। सरकारी सिस्टम पर ही भीड़ ने सवाल उठा दिये। ध्वस्तीकरण के दौरान एसडीएम संजय कुमार, जोनल अधिकारी अर्पित यादव, जेई मनोज सिसौदिया, सुशील, महादेव शरण, थाना प्रभारी अजय कुमार मय पुलिस मौजूद रहे। उधर, लोगों की भीड़ फिर मेरठ विकास प्राधिकरण के आॅफिस में पहुंच गई तथा भीड़ धरना देकर बैठ गई। भीड़ के बीच ओएसडी रंजीत सिंह पहुंचे तथा लोगों को समझाने का प्रयास किया।
लोगों ने कहा कि 2024 में लोकसभा का चुनाव हैं, ऐसे में भाजपा सरकार का बायकाट किया जाएगा। लोगों को भाजपा की सरकार में बर्बाद कर दिया गया हैं, जो निर्माण बन गए हैं, उनको तोड़ा जा रहा हैं। भाजपा नेताओं के घरों पर भी प्रदर्शन करने का प्रदर्शनकारियों ने निर्णय लिया। कहा कि भाजपा नेताओं के निर्माण को छुआ तक नहीं जा रहा हैं। बाकी पर बुलडोजर चल रहा हैं।