- डासना से मेरठ की दूरी 32 किमी, हैरत: मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस-वे के निर्माण में लग रहा लंबा समय
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: छह वर्ष का लंबा समय। फिर भी दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का निर्माण अधूरा है। कई बार डेड लाइन तय हुई, मगर फिर नयी तारीख रख दी गई। झूठे दावे हर बार किये जा रहे हैं। डासना से मेरठ के बीच की दूरी 32 किमी हैं, लेकिन निर्माण में इतना समय लग रहा है, जो हैरत कर देने वाला है।
आखिर 32 किलोमीटर की दूरी में सड़क निर्माण पूरा करने में छह वर्ष कैसे लग गए? इस तरह से यदि एनएचएआई को निर्माण करने में समय लगेगा तो लंबी सड़कों का निर्माण पूरा करने में कई दशक लग जाएंगे। हालांकि एनएचएआई ने फिलहाल मेरठ से डासना तक के हिस्से पर 88 फीसद काम होने का दावा किया है तथा फरवरी में लक्ष्य पूरा कर लेने का दावा एनएचएआइ कर रहा है।
एनएचएआइ के अनुसार अब सिर्फ 12 फीसद काम बचा है। इसमें तीन मुख्य काम ही हैं। पहला परतापुर तिराहे का इंटरचेंज, दूसरा ईस्टर्न पेरीफेरल हाइवे स ज्वाइंट होना तथा तीसरा डासना का एलिवेटेड स्ट्रक्चर। परतापुर तिराहे पर लूप का कार्य अभी अधूरा हैं। मिट्टी का काम अभी चल रहा है।
मिट्टी का काम भी अधूरा हैं, जिसके पूरा होने में समय लगेगा। क्योंकि मिट्टी का काम पूरा होने के बाद कंकरीट का काम चलेगा, फिर सड़क काली की जाएगी। इसमें पूरी जनवरी लग जाएगी। फरवरी में कहीं जाकर सड़क तैयार होगी। एनएच-58 से दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे की जो एंट्री दी जा रही है, उसमें मिट्टी का काम बहुत बचा हुआ हैं। मिट्टी के साथ-साथ साइड में भी काम अधूरा हैं।
यह दो रैंप भी 30 जनवरी तक तैयार हो जाएंगे, यह मश्किल लग रहा है। मिट्टी भराव व आरई वाल का कार्य तो दोनों रैंप पर चल रहा है, लेकिन अधूरा हैं। महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन की तारीख कई बार बदल चुकी हैं। केन्द्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी इसके उद्घाटन की तारीख 2019 में दे चुकी हैं, मगर 2019 भी बीत गया।
फिर 2020 में उद्घाटन करने के दावे किये गए, मगर डासना से मेरठ के बीच 32 किमी का टुकड़ा नहीं बन पाया। अब कहा जा रहा था कि जनवरी 2021 में एक्सप्रेस-वे चालू कर दिया जाएगा, लेकिन 30 जनवरी तक काम पूरा हो पाएगा, ऐसा संभव नहीं दिख रहा है। फरवरी में ही काम पूरा होने के बाद एक्सप्रेस-वे पर वाहन दौड़ सकेंगे।
ऐलिवेटेड स्ट्रक्चर क्या पूरा हो पाएगा जनवरी तक
ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-से ज्वाइंट के लिए भी रैंप व लूप कुशलिया में बनाए जा रहे हैं। उसका भी कार्य अंतिम चरण में है। डासना का 700 मीटर का एलिवेटेड स्ट्रक्चर 30 जनवरी तक इसलिए भी पूरा कर लिया जाएगा, क्योंकि अब सिर्फ छह स्थानों पर ही छत डालने का कार्य बचा है।
एनएचएआइ के अधिकारी व एक्सप्रेस-वे के प्रोजेक्ट मैनेजर अरविंद कुमार का कहना है कि तीनों मुख्य कार्य जनवरी अंत तक पूरे कराकर ट्रैफिक के लिए खोलने की बात कही जा रही हैं, लेकिन ट्रैफिक तो फिलहाल भी चल रहा है,मगर परतापुर में लूप ही तैयार नहीं है।
लूप पर काम चल रहा है। कुछ काली सड़क कर दी, मगर फिर भी बड़ा कार्य अधूरा हैं,जो फरवरी तक ही पूरा हो पाएगा। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर टोल काशी के पास प्लाजा का निर्माण चल रहा है। यही पर कंट्रोल रूम का निर्माण भी किया जा रहा है। अब टोल प्लाजा की लेन बनाने का काम शुरू कर दिया गया है।
डासना और काशी में बन रहा टोल
एक टोल डासना व दूसरा काशी में बनाया जा रहा है। यहां पर दिल्ली से मेरठ आने-जाने वाले वाहनों से डासना से पहले बनाए जा रहे टोल प्लाजा से ही टोल वसूला जाएगा। वाहनों को कुछ दूर तक ईस्टर्न-पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर ले जाकर फिर दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर दौड़ाने की योजना है। एक्सप्रेस वे चालू होते ही टोल वसूली भी शुरू हो जाएगी।