Tuesday, April 8, 2025
- Advertisement -

माफियाओं का नेटवर्क तोड़ने में नाकाम रहती है मेरठी पुलिस

  • नकली दवाओं का हब बनता जा रहा है क्रांतिधरा का बाजार
  • ड्रग्स विभाग और जीएसटी की मिलीभगत से चल रहा गोरखधंधा

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: वेस्ट यूपी के सबसे बड़े दवा मार्केट में जिम जाने वाले युवाओं के सेहत और जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले नकली प्रोटीन का खुलासा होने के बाद जिस तरह से कंकरखेड़ा के भोला रोड पर करोड़ों की कीमत के नकली प्रोटीन और स्टेरायड बरामद हुए है उसने साबित कर दिया है कि पुलिस नकली दवाएं बनाने वाले माफियाओं के नेटवर्क को तोड़ने में नाकाम रहती है।

इस कारण नकली दवाओं के कारोबार में लगे व्यापारी तो जेल चले जाते हैं, लेकिन सूत्रधारों तक पुलिस पहुंचने की कोशिश नहीं करती है। पूरे काले धंधे में ड्रग्स विभाग और जीएसटी की भूमिका की भी जांच होनी चाहिये। जीएसटी विभाग इस मामले में खामोश है, उसे उन दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिये जिनके यहां नकली प्रोटीन बेच मोटा मुनाफा कमाया जा रहा था।

एसटीएफ ने 4 अगस्त को खैरनगर में दो दुकानों पर छापा मारकर दो व्यापारियों को पकड़ कर 25 लाख से अधिक की कीमत के नकली प्रोटीन और स्टेरायड बरामद किये थे। एसटीएफ को सूचना मिली थी कि मवाना में कई विदेशी कंपनियों के नाम से प्रोटीन पाउडर का पैकेजिंग का काम चल रहा था। एसटीएफ ने सरताज अल्वी की अवैध फैक्ट्री पर छापा मारा सरताज अल्वी को गिरफ्तार किया था, जो पांच साल से इस का को चला रहा था।

13 17

एसटीएफ ने स्टिकर और होलोग्राम के अलावा, 15 क्विंटल सप्लीमेंट भी जब्त किया था। इस आरोपी का दिल्ली के बवाना इंडस्ट्रियल एरिया में एक और गोदाम है। उसने ये बोतलें और कंटेनर दिल्ली के रोशन कुमार से खरीदे थे जबकि सप्लीमेंट्स खैरनगर के जावेद अहमद से 100 रुपये प्रति किलो के हिसाब से खरीदे गए। इन बक्सों और बोतलों में पैक होने के बाद ये 1,400 से 1,800 रुपये में बिकते थे।

शाहपीर गेट निवासी शाहवेज अहमद ने विदेशी कंपनियों के स्टिकर, लेबल और बैग की आपूर्ति की थी। नकली प्रोटीन सप्लीमेंट की सप्लाई कई शहरों में थी। ये लोग आधे से भी कम दाम में इन प्रोटीन सप्लीमेंट की सप्लाई करते थे। ज्यादा मुनाफे के लालच में कई दुकानदार इन सप्लीमेंट और प्रोटीन पाउडर को खरीदकर बेचते थे।

पुलिस को पता चलना चाहिये था कि इन प्रोटीन पाउडर और बाकी दवाओं का नेटवर्क कहां तक फैला है। पुलिस आज तक यह पता नहीं कर पाई कि किन शहरों में माल सप्लाई किया जा रहा था। नकली प्रोटीन सप्लीमेंट फैक्ट्री का खुलासा करने के बाद पुलिस कई बिंदुओं पर जांच कर रही है।

यह भी पता चला है कि प्रोटीन सप्लीमेंट में खड़िया और केमिकल मिलाया जा रहा था। इसके अलावा कुछ अलग तरह का पाउडर इस्तेमाल किया जा रहा था। अगर पुलिस खैरनगर प्रकरण में नकली प्रोटीन के काले कारोबार की तह तक पहुंच जाती तो कंकरखेड़ा के भोला रोड पर पकड़े गए शाहरुख भी तभी हत्थे चढ़ जाता।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
1
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

Meerut News: बदमाशों ने बिजनेसमैन को मारी गोली, फिर चाकू से गोदकर बेरहमी से कर दी हत्या 

जनवाणी संवाददाता |मेरठ: परतापुर थाना क्षेत्र में स्थित भूड़बराल...
spot_imgspot_img