- आधुनिक्ता ने छीन ली ग्रीटिंग कार्ड्स की पहचान
- कार्ड खरीदने के लिए दुकानों पर उमड़ी युवाओं की भीड़ देती थी नववर्ष के आगमन का संदेश
फहीम उस्मानी |
देवबंद: शहर-शहर गांव-गांव तक इंटरनेट की पहुंच और खास मोबाइल के आम हो जाने से हम डिजिटल दुनिया के उस मकाम पर ला खड़ा किया है जहां पर परम्परागत चीजें हम से दूर हो गई हैं। बल्कि कुछ चीज़े तो ऐसी भी हैं जिनका वजूद ही खतरे में पड़ गया है। उन्हीं चीजों में से एक है ‘ग्रीटिंग कार्ड्स’। आधुनिक युग में ग्रीटिंग कार्ड का स्थान सोशल नेटवर्किंग साइटों ने ले लिया है। जिसके चलते अब परंपरागत ग्रीटिंग्स कार्ड्स विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गए हैं।
एक समय था जब दिसंबर माह आते ही बाजार ग्रीटिंग्स कार्ड्स की दुकानों से गुलजार हो जाते थे और युवाओं की भीड़ कार्ड खरीदने के लिए उमड़ पड़ती थी। यह उत्साह नववर्ष के आगमन संकेत होता था। लोग अपने प्रियजनों को नये साल की बधाई देने के लिए ग्रीटिंग्स कार्ड्स का सहारा लिया करते थे।
दूर-दराज के शहरों में मौजूद परिचितों तक अपने बधाई संदेश पहुंचाने के लिए भारतीय डाक सेवा की सहायता ली जाती थी। जिसके चलते दिसंबर माह के अंतिम दिनों में डाकखानों के बाहर भी लोगों की खासी भीड़ लगी रहती थी। इन ग्रीटिंग्स कार्ड्स पर लिखे गए मन को छू लेने वाली शायरी निश्चित तौर पर अपनेपन का अहसास कराने के लिए काफी होती थी। लेकिन, धीरे-धीरे ये सब बातें बीते जमाने की हो गई हैं। बदलते वक्त ने सबकुछ बदल कर रख दिया है।
इंटरनेट की आम आदमी तक पहुंच और नई पीढ़ी की बदली सोच ने परंपरागत माध्यमों को बदलकर रख दिया। यही कारण है कि अब ग्रीटिंग कार्ड का स्थान मोबाइल एसएमएस, खासकर सोशल नेटवर्किंग साइटों ने ले लिया है। अब लोग मोबाइल के द्वारा ही अपने प्रियजनों व परिचितों को बधाई संदेश भेजते है जिसके चलते नये साल सहित अन्य पर्वों की बधाई देने का पुराना और परंपरागत माध्यम ग्रीटिंग्स कार्ड्स बाजारों से गायब हो गया है।
सोशल साइट्स व एसएमएस ने डाला ग्रीटिंग्स कार्ड्स बिक्री पर प्रभाव
नगर में ग्रीटिंग्स कार्ड्स की दुकान करने वाले प्रदीप का कहना है कि मोबाइल एसएमएस व सोशल नेटवर्किंग साइट्स के बढ़ते प्रचलन के कारण प्रतिवर्ष ग्रीटिंग्स कार्ड्स की बिक्री में निरंतर कमी आ रही है। पूर्व में दिसंबर माह शुरू होते ही ग्रीटिंग्स कार्ड्स की बिक्री शुरू हो जाती थी और युवाओं में ग्रीटिंग्स कार्ड्स खरीदने का यह क्रेज जनवरी के प्रथम सप्ताह तक जारी रहता था। लेकिन, अब स्थिति बिल्कुल विपरीत ग्रीटिंग कार्ड बिक्री अब नाममात्र ही रह गयी है। गिने-चुने ही लोग नववर्ष व अन्य पर्वों की बधाईयां ग्रीटिंग्स कार्ड्स के माध्यम से देना पसंद करते है।