यह बात बिल्कुल सत्य है कि संघर्ष में इन्सान अकेला होता है और सफलता में दुनिया साथ खड़ी होती है। हमारे समाज में एक ट्रांसजेंडर को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हिजड़ा किन्नर छक्का न जाने कितने नामो से बुलाते हैं हमारे सभ्य समाज के लोग, यही नहीं समाज में अधिकतर वर्ग उन्हे हेय दृष्टि से देखता है|
चाहें पास पड़ोस हो या घर परिवार हर जगह अपमान झेलना पड़ता है। क्या कभी समझ पाएगा समाज उस दर्द को, जहां एक बेहद दर्दनाक परिस्थिति जिस में ज़िन्दगी, ज़िन्दगी नहीं एक समझौता बन कर रह जाती है जब जिस्म में भावनाएं जरूरतें सब एक स्त्री की, लेकिन शरीर पुरुष को हो तो कैसा लगता है।
कुछ ऐसी ही कहानी है पूजा शर्मा की…इंटरनेट की दुनिया में रोज कुछ ना कुछ वीडियो क्लिप वायरल होते रहते हैं। ऐसा ही हुआ पूजा शर्मा के साथ भी। पूजा इस समय सोशल मीडिया की नई सेंसेशन बन कर उभरी, एक ट्रांसजेंडर हैं, जिन्हें लोग प्यार से पूजा शर्मा ‘रेखा’ के नाम से पहचानते हैं।
पसीने की स्याही से लिखते हैं जो अपने इरादों को उनके मुकद्दर के पन्ने कभी कोरे नहीं हुआ करते…ये बात पूजा शर्मा के ऊपर सही साबित होती है। कौन है पूजा शर्मा, क्या करती है? ऐसे ही मन में घुमड़ते सवालों के जवाब और जानकारी के बारे मे विस्तार से चर्चा करते हैं।
जैसा कि पहले बताया गया है कि पूजा शर्मा एक ट्रांसजेंडर वुमन हैं, जो मुम्बई में 7:40 की लोकल ट्रेन में सफर के दौरान यात्रियों का मनोरंजन करती हुर्इं जाती हैं। एक दिन मुंबई लोकल में सफर के दौरान एक फोटग्राफर ने पूजा शर्मा का वीडियो क्लिप बना कर इंटरनेट पर अपलोड कर दिया, जिसे देखने के बाद हर कोई उनकी सुंदरता और डांस के साथ ड्रेसिंग सेंस की तारीफ करने लगा।
पूजा शर्मा प्रसिद्ध अभिनेत्री रेखा की तरह ही अपने आपको ड्रेसिंग करती साड़ी पहनी हो या बाल बनाने हों, कहने का तात्पर्य यह है कि पूजा शर्मा बहुत कुछ रेखा जैसे ही तैयार होती, सजती संवरती हैं और दिखती भी हैं। इसीलिए उनके जानने पहचानने वाले फैंस मित्रों ने प्यार से नाम दिया पूजा शर्मा ‘रेखा’।
पूजा उर्फ रेखा की हर बात में एक सच्चाई व सकारात्मकता झलकती है। वह हंसमुख, सरल स्वभाव की हैं पूजा कहती हैं कि यह प्रभु को आशीर्वाद है कि इतने सारे लोगों ने मुझे कोई किन्नर भिखारी न समझ कर एक इंसान समझा और अपना स्नेह प्यार दिया। सोशल मीडिया पर पूजा के हजरों लाखों फॉलोवर हैं|
लेकिन इस प्रसिद्धि तक पहुंचने का सफर इतना आसान नहीं था, जितना देखने सुनने और पढ़ने में लग रहा है। पूजा शर्मा रेखा बनने से पहले उन्होंने पॉल्स के रूप में बहुत अपमान और दुख झेला। पूजा बताती हैं कि पॉल्स की ज़िन्दगी जीते हुए वो एक घर में बंद हो गई थीं। एक ऐसा बेसहारा लड़का, जिसे कुछ पता नहीं था क्या करे, कैसे किस से मन की बात कहे कोई मदद नहीं करता था।
पॉल्स के जीवन में बहुत दर्द और तिरस्कार भरा था। मैं सड़क पर जा नहीं सकती थी। लोग छेड़ते थे। मुझे सेक्सुअल हैरेसमेंट भी किया गया। मगर मैं यह बात किसी को नहीं कह सकती थी। पूजा कहती हैं, मैं अपने गुजरे हुए जीवन को भूल जाना चाहती हूं, कुछ भी बुरा याद नहीं रखना चाहती।
एक समय ऐसा आया कि सब कुछ मेरी बर्दाश्त के बाहर हो गया तो मैं घर से भाग गई। अपनी ही कम्युनिटी के लोगों के साथ रहने लगी। वहीं से मैं पॉल्स से पूजा शर्मा बन गई। मुंबई में आकर अपनी नई पहचान बनाई। मेकअप करना, डांस करना, साड़ी पहनकर तैयार होना बचपन से ही बहुत पसंद है।
ट्रेन में सफर के दौरान जब लोग उनसे मिलते हैं उनके पास आ कर खड़े होते हैं, प्यार से बात करते हैं तो पूजा बहुत खुश होती हैं। पूजा को देख कर लगता नहीं कि वह पैसे मांगने के लिए आई हैं, परंतु जब वह प्यार से एक रुपया मांगती हैं तो लोग अपनी मर्ज़ी से एक रुपया से कहीं ज्यादा ही से दे जाते हैं।
पूजा चाहती हैं कि उन्हें उनके नाम से बुलाया जाए। उनके जैसी कम्युनिटी के लोगों को समाज में सम्मान मिले।
किन्नर समाज के प्रति लोगों की सोच बदले। पूजा इस तरह के प्रयास में लगी रहती हैं। भारत की पहली महिला किन्नर महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा था| हम किन्नर सिर्फ प्यार के भूखे होते हैं। प्यार देने के सिवा हमारे पास कुछ नहीं होता। बचपन से हम जैसे लोगों को ही कई नामों से पुकारा जाता है। हम से बेहतर प्यार की अहमियत को कौन समझ सकता है।
उम्मीद करते हैं कि पूजा शर्मा ‘रेखा’ और लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी का यह संदेश इस लेख के माध्यम से समाज में अन्य लोग तक पहुंचे और किन्नर या ट्रांसजेंडर के प्रति समाज में लोगों की सोच का नजरिया बदलने में कामयाब हो?
मंगला रस्तोगी