Saturday, July 27, 2024
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नगर निगम की ‘कबाड़ से जुगाड़’ योजना को लगे पंख

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  • पीएम के मन की बात से मिली थी शाबाशी
  • महानगर के प्रमुख स्थलों पर सजावट का सामान बनेगा दो दशक पुराना कबाड़

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: नगर निगम की ‘कबाड़ से जुगाड़’ योजना को पंख लग गए हैं। पीएम के मन की बात से मिली शाबासी के बाद अब बच्चा पार्क डिवाइडर का सौंदर्यीकरण कराया गया है। आने वाले समय में नगर निगम के स्टोर में जमा दो दशक से अधिक पुराना कबाड़ महानगर के विभिन्न प्रमुख स्थलों पर सजावट के सामान की तरह शोभा बढ़ाते हुए देखा जा सकेगा।

इस योजना का काम देख रहे स्वच्छ भारत मिशन के टीम लीडर मयंक मोहन ने बताया कि कुछ अरसा पहले नगर आयुक्त अमित पाल शर्मा के दिशा-निर्देशन में ‘कबाड़ से जुगाड़’ योजना का खाका तैयार किया गया, जिसकी शुरुआत कमिश्नरी चौराहा और मेरठ कालेज से की गई।

इसमें मुख्य रूप से पुराने समय में कबाड़ ढोने वाली गाड़ियों के पहियों को लेकर पहले जंग रहित कराने का प्रयास किया। इसके बाद प्राइमर लगाते हुए अलग-अलग रंगों से सजाकर तैयार किए गए डिजाइन के अनुसार बनवाया गया। नगर निगम के इस प्रयास को जहां जिले से लेकर प्रदेश मुख्यालय स्तर के अधिकारियों ने सराहा, वहीं पीएम नरेन्द्र मोदी ने मन की बात के दौरान मेरठ नगर निगम की ‘कबाड़ से जुगाड़’ योजना का उल्लेख करते हुए इससे प्रेरणा लेने का संदेश दिया।

मयंक मोहन के अनुसार पीएम से मिली शाबासी के बाद नगर निगम के अधिकारियों से लेकर छोटे कर्मचारी तक सभी के हौसले बुलंद हुए हैं और नगर आयुक्त के निर्देशन में याजना को आगे बढ़ाने की प्रक्रिया पर तेजी से काम शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि नगर निगम के स्टोर में जमा कराए गए दो दशक तक पुराने कबाड़ ढोने वाले ठेलों के चक्कों यानि पहियों को अलग करके और दूसरे सामान की साफ-सफाई कराकर शहर के सौंदर्यीकरण में काम लेने का सिलसिला पूरे जोश-ओ-खरोश के साथ शुरू कर दिया गया है।

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बच्चा पार्क डिवाइडर पर चक्कों को लगाकर बेहद खूबसूरती के साथ लगाने का काम मंगलवार को पूरा कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में महानगर के प्रमुख स्थानों का इसी तरह ‘कबाड़ से जुगाड़’ करके बनाए जाने वाले सामान से सौंदर्यीकरण किया जाएगा। जहां जैसी जरूरत महसूस की जाएगी, वहां चक्कों और फ्रेम के सामान के साथ-साथ लकड़ी के तख्तों को भी किसी न किसी रूप में प्रयोग किया जाएगा।

वहीं, स्टोर विभाग में काम करने वाले लिपिक राजेश कुमार ने बताया कि सौंदर्यीकरण के प्रयोग के बाद बचने वाले लोहे के सामान की नीलामी और लकड़ी के सामान को सर्दी के मौसम में अलाव के प्रयोग लाने पर अधिकारी विचार कर रहे हैं।

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