Tuesday, February 11, 2025
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शुभ और शुक्ल योग में मनेगी नाग पंचमी

  • आज मनाई जाएगी नाग पंचमी दो दिन का बन रहा शुभ योग
  • इस दिन शिव की पूजा के साथ-साथ नागदेवता की भी की जाती है पूजा

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: नाग पंचमी श्रावण के शुक्ल पक्ष की यानि 21 अगस्त सोमवार को मनाई जाएगी। ज्योतिषाचार्य अमित गुप्ता ने बताया कि नाग पंचमी का त्योहार देशभर में बड़ी धूमधाम से माना जाता है। इस दिन सावन सोमवार व्रत भी रखा जाएगा। कुंडली में राहु और केतु की दशा चल रही है उन्हें भी नाग देवता की पूजा करनी चाहिए। इस उपाय से राहु केतु दोष से मुक्ति मिलेगी। कालसर्प दोष से भी मुक्ति मिलती है।

नाग पंचमी शुभ मुहूर्त व शुभ योग

सावन शुक्ल पंचमी तिथि 21 अगस्त को रात 12 बजकर 21 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन 22 अगस्त को दोपहर 2 बजे होगा। ऐसे में नाग पंचमी का त्योहार 21 अगस्त दिन सोमवार को मनाया जाएगा। इस बार नाग पंचमी के दिन 2 शुभ योग बन रहे है। पहला शुभ योग 21 अगस्त को प्रात: काल से रात्रि 9 बजकर 4 मिनट तक रहेगा। उसके पश्चात दूसरा शुक्ल योग प्रारंभ होगा जो पूरी रात रहेगा।

अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 55 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। यह समय पूजा के लिए शुभ रहता है। नाग पंचमी के दिन अनंत, वासुकि, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट, शंख, कालिया और पिंगल नामक देव नागों की पूजा की जाती है।

नाग पंचमी के दिन होगा सावन सोमवार व्रत

नाग मंचमी के दिन सावन का सोमवार होने के कारण इस दिन का महत्व बढ़ गया है। इस दिन शिव की पूजा के साथ- साथ नागदेवता की भी पूजा होगी, जिससे भक्तों के कष्टों का निवारण होगा। इस दिन व्रत रखने का संकल्प लें और किसी मंदिर या घर पर ही शिवलिंग, नाग देवता और शिव परिवार पर गंगाजल व दूध चढ़ाएं।

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इसके बाद ओम नम: शिवाय मंत्र का जप करते हुए भगवान शिव का जलाभिषेक करें। इसके आलाव शिवलिंग पर सफेद फूल, अक्षत, सफेद चंदन, भांग धतूरा, गाय का दूध, धूप, पंचामृत, सुपारी, बेलपत्र आदि चढ़ाएं। नागदेवता पर इत्र लगाए। सावन के सोमवार का व्रत कर रहे हैं तो सावन सोमवार की कथा जरुर पढ़ें। अंत में भगवान शिव को प्रसाद जरुर चढ़ाएं।

कालसर्प दोष शांति के लिए क्या करें?

पितृदोष और मांगलिक दोष की तरह कुंडली में काल सर्प दोष को भी अशुभ माना जाता है। जब राहु केतु के बीच सारे ग्रह समा जाते हैं, तब काल सर्प योग या काल सर्प दोष का निर्माण होता है। माना जाता है कि पूर्व जन्म में किसी अपराध या शाप की वजह से कुंडली में काल सर्प दोष बनता है।

काल सर्प दोष होने पर व्यक्ति के हर काम में बाधा आती हैं, वो चाहे कितनी मेहनत कर ले, लेकिन उसे मेहनत के हिसाब से परिणाम नहीं मिल पाते। उसे जीवन में तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यदि आपकी कुंडली में भी काल सर्प दोष है, जिसके कारण आपके बने बनाए काम बिगड़ जाते हैं तो इसके निवारण के लिए सावन की नाग पंचमी का दिन बहुत शुभ है।

  • नाग पंचमी के दिन किसी सपेरे से नाग और नागिन का एक जोड़ा खरीद लें। उसके साथ एक जंगल में जाएं और वहां इस जोड़े को मुक्त करा दें। काल सर्प दोष के प्रभाव को समाप्त करने के लिए ये उपाय बहुत कारगर माना जाता है।
  • नाग पंचमी के दिन नाग देवता के दर्शन करके उनका पूजन करें और उन्हें दूध से स्नान करवाएं।
  • नाग पंचमी के दिन काल सर्प दोष शांति पूजा करवाएं। इसके बाद चांदी से बना नाग नागिन का जोड़ा बहते जल में प्रवाहित कर दें। इससे भी काल सर्प दोष दूर होता है।
  • किसी ऐसे शिवलिंग पर जहां पहले से नाग नहीं लगा हुआ हो, वहां पंच धातु का नाग लगवाएं। शिवलिंग का दूध, जल या पंचामृत से अभिषेक करें और नाग देवता को प्रणाम करें व उनसे प्रार्थना करे। इससे भी काल सर्प दोष के प्रभाव दूर होते है।
  • अगर कसिी की कुंडली में कालसर्प दोष हो तो नाग पंचमी के दिन घर पर मोर पंख लाकर रखें और रोजाना श्रीहरि की उपासना करे। श्रीहरि की आराधना से भी काल सर्प दोष दूर होता है।
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