जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी के प्रदेश सम्मेलन में नरेश उत्तम पटेल को सपा का दोबारा प्रदेश अध्यक्ष चुना गया है। सपा नेता प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए केवल एक ही नामांकन आया है। नरेश उत्तम का प्रस्ताव पर्चा सही पाया गया। बताया जा रहा है कि नरेश उत्तम को अखिलेश यादव के करीबी होने का लाभ मिला है। 2017 में जब विवाद हुआ था तो अखिलेश यादव ने नरेश उत्तम को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। अब दोबारा उन्हें ही प्रदेश अध्यक्ष चुना गया है। प्रदेश सम्मेलन का आयोजन लखनऊ के रमाबाई अंबेडकर मैदान में हो रहा है।
इस मौके पर अपने संबोधन में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि हमारा सपना है कि समाज को बांटने वाली ताकतों को सत्ता से बाहर करेंगे। सपा ने पिछले लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक फैसला लिया था। हमने बहुजन समाज की ताकत को एक मंच पर लाने का प्रयास किया। हर स्तर पर त्याग किया। डॉ आंबेडकर और लोहिया के सपनों को साकार करने की कोशिश की थी। समाजवादी लोग बड़ी जीत चाहते थे लेकिन सत्ता में बैठे लोगों ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया।
उन्होंने कहा कि 2022 में हम समान विचारधारा के लोगों को एक मंच पर लाए। सत्ता नहीं मिली लेकिन वोट प्रतिशत बढ़ा। उन्होंने कहा कि सिर्फ सपा ही सांप्रदायिक ताकतों को रोक सकती है।
उन्होंने समाजवादी पार्टी के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाई और कहा कि हम जब भी सत्ता में आएंगे किसानों के लिए काम करेंगे। सर्वसमाज को शिक्षित करेंगे। सपा अध्यक्ष ने कहा कि सपा सरकार ने जो काम किया था भाजपा उससे आगे कुछ भी नहीं कर पाई है। उन्होंने अपने भाषण में मेट्रो निर्माण और नदियों की सफाई आदि का मुद्दा उठाया। कार्यक्रम की शुरुआत में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में राष्ट्रगान हुआ। इसके बाद पार्टी का ध्वज फहराया गया।
प्रांतीय एवं राष्ट्रीय सम्मेलन को लेकर सपा नेताओं में जबरदस्त जोश है। पार्टी कार्यालय से लेकर रमाबाई अंबेडकर मैदान तक सड़क के दोनों तरफ सपाई झंडे लगाए गए हैं। जगह-जगह बैनर पोस्टर के साथ कटआउट भी लगाए गए हैं।
खास बात यह है कि ज्यादातर कटआउट पर सिर्फ अखिलेश यादव नजर आ रहे हैं। कुछ में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव और आजम खां, प्रो रामगोपाल सहित अन्य स्थानीय नेताओं की तस्वीर लगी है। लेकिन ये कटआउट इस बात की तस्दीक कर रहे हैं कि यह सम्मेलन पूरी तरह से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर केंद्रित है।