- बंद कराने के बाद वाहन चालक बार-बार तोड़ देते हैं डिवाइडर
जनवाणी संवाददाता |
कंकरखेड़ा: एनएच-58 पर बने अवैध रूप से कटों को बंद कराया जाएगा। खड़ौली चौपला के आसपास काफी संख्या में लोगों ने अवैध रूप से कट बना लिए है। जो फर्राटा भर रहे वाहनों के आगे आने से मौत का कारण बन जाते हैं। बागपत चौपले से कंकरखेड़ा तक दर्जनों अवैध रूप से कट बने हैं। जिनसे दो पहिया वाहन चालक अवैध रूप से निकलते रहते हैं। जबकि हाइवे पर बड़े वाहन बड़ी तेज गति से दौड़ते हैं, लेकिन दो पहिया वाहन चालक मौत की परवाह किये बगैर इन अवैध कटों से हाइवे पार करते हैं।
एनएच-58 पर बने अवैध कट से से बंद कराये जाएंगे। नेशनल हाइवे अथॉरिटी आॅफ इंडिया के पीडी डीके चतुर्वेदी का कहना है कि मोदीपुरम से बागपत चौपला तक नेशनल हाइवे समय-समय पर टूटे हुए डिवाइडर का निर्माण कराके बंद करता रहता है, लेकिन कुछ लोग हाइवे पर दौड़ती मौत की भी अनदेखी करते हैं और अवैध रूप से डिवाइडरों को तोड़कर कट बना लेते हैं। ऐसे लोगों को अब चिह्नित किया जाएगा और उनके खिलाफ कार्रवाई भी कराई जा सकती है।
फिलहाल नेशनल हाइवे इन अवैध रूप से बने कटों को दोबारा बंद करने का कार्य जल्द ही करेगा। बताते चले कि खड़ौली चौपला पर आए दिन दुर्घटना होती रहती थी। हादसों को रोकने के लिए पुलिस ने इस कट को बंद करा दिया था। इसके बाद दो पहिया वाहन चालकों ने चौपला के बराबर में बने डिवाइडर को तोड़कर अवैध रूप से कट बना लिए। जिन पर दुर्घटना होने के चांस अधिक रहते हैं। आए दिन वाहन चालक बाइक सवार को कुचल डालता है, लेकिन कट बंद न होने की वजह से वाहन चालक काल का ग्रास बन रहे हैं।
तेजी से निकलते हैं कट से
जहां पर अवैध कट खुले हुए है, वहां से एनएचएआई द्वारा छोड़े गए कटों की दूरी 200 से 400 मीटर के करीब है, लेकिन फिर भी वाहन चालकों को यह मुनासिब नहीं लगता कि वह नियमानुसार वैध कट से ही टर्न लें। जल्दबाजी के चलते वाहन चालक अवैध कट से ही अपने वाहन निकालते हैं और दूसरी लेन से अपनी रफ्तार में आने वाले वाहनों से भिड़ंत हो जाती है। दरअसल गाड़ी की स्पीड इतनी तेज होती है कि कट होने के कारण कुछ नहीं दिखता है और हादसा हो जाता है।
हादसे के बाद दौड़ते हैं
इन अवैध कटों के चलते कोई हादसा होने पर टोल प्लाजा की एंबुलेंस को दौड़ाया जाता है। हाइवे पर टोल की दो एंबुलेंस और एक क्रेन है। हाइवे पर हादसे कम हों, इसके लिए समय-समय पर यात्रियों को जागरूक किया जा रहा है। हाइवे पर हो रहे हादसों में घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस सबसे पहले पहुंचती है।
जिसका यही कारण है कि घायलों की जान भी बच जाती है। लेकिन सवाल यह है कि ये अवैध कट बंद क्यों नहीं होते, जिससे इन हादसों पर ही रोक लग सके। नेशनल हाइवे अथॉरिटी आॅफ इंडिया के पीडी डीके चतुर्वेदी का कहना है कि इन टूटे हुए डिवाइडर का कई निर्माण किया जा चुका, लेकिन कुछ लोग बार-बार तो डालते हैं। अब फिर से टूटे हुए डिवाइडर का निर्माण कराया जाएगा।