Thursday, March 28, 2024
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गन्ना मूल्य वृद्धि को सत्ता पक्ष ने सराहा, विपक्ष बोला- सिर्फ खानापूर्ति

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  • चार साल में सिर्फ 25 रुपये, विपक्ष ने कहा-गन्ना मूल्य वृद्धि नाकाफी

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: गन्ना मूल्य वृद्धि पर साढ़े चार साल से प्रदेश के गन्ना किसानों की निगाहें लगी हुई थी। उम्मीद की जा रही थी कि यह चुनावी साल है, इसमें हरियाणा और पंजाब सरकार के बराबर गन्ना मूल्य घोषित किया जा सकता हैं, लेकिन गन्ना मूल्य वृद्धि तो की गई, लेकिन हरियाणा व पंजाब सरकार से कम गन्ना मूल्य घोषित किया गया।

रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गन्ना मूल्य में 25 रुपये की वृद्धि का ऐलान कर दिया, जिसको लेकर जहां भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री की सरहाना की, वहीं विपक्षी नेताओं ने 25 रुपये मूल्य वृद्धि को नाकाफी बताया। वेस्ट यूपी गन्ना बेल्ट हैं, यहां की आर्थिक स्थिति गन्ने पर निर्भर करती हैं।

गन्ने को लेकर बड़े-बड़े आंदोलन यूपी में हुए हैं। वर्तमान में भी किसानों का दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन चल रहा है, लेकिन आंदोलन कृषि कानून के खिलाफ चलाया जा रहा है, अब गन्ना मूल्य को भी भाकियू ने मुद्दा बना दिया है। गन्ने को लेकर वेस्ट यूपी में उबाल आ सकता हैं।

विपक्ष ने तो यहां तक कह दिया कि पंजाब व हरियाणा सरकार से भी क्या यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कमजोर हैं, जो वहां के बराबर भी गन्ना मूल्य घोषित नहीं कर पाए। इसको लेकर अब किसान सड़क पर भी उतर सकते हैं। अब देखना यह है कि भाजपा से नाराज चल रहे वेस्ट यूपी के किसानों को भाजपा कैसे मनाती हैं या फिर किसान और ज्यादा आक्रामक हो सकते हैं।

गन्ना मूल्य पर भाजपा को वेस्ट में विरोध का सामना करना पड़ सकता हैं। हरियाणा के बराबर गन्ना मूल्य घोषित किया होता तो शायद इतना विरोध नहीं होता। इसको लेकर अभी भाजपा किसानों के बीच कैसे जाएगी। हालांकि बिजली की दरों को लेकर भी राहत देने की बात कही है। क्योंकि गन्ना मूल्य व बिजली के दामों को लेकर किसान आक्रामक है।

25 रुपये वृद्धि किसानों के साथ धोखा: जयंत                                                                                                                   

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रालोद  मुखिया अध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि योगी सरकार ने चार वर्ष में 25 रुपये की वृद्धि की है। यह गन्ना किसानों के साथ धोखा किया है। चार वर्षों में गन्ना मूल्य बढ़ने की राह किसान देख रहा था। गन्ना मूल्य के सवाल पर भी किसानों को भाजपा ने निराश ही किया है। बिजली, खाद, डीजल और कीटनाशक दवाइयों की कीमत लगातार बढ़ रही है। पंजाब ने 360 रुपये व हरियाणा ने 362 रुपये गन्ना मूल्य घोषित कर रखा है तो फिर यूपी के किसानों के साथ योगी आदित्यनाथ ने क्यों मजाक किया हैं? बकाया भुगतान भी नहीं किया गया। पहले ही किसान बड़ी मुश्किल से गुजर रहा है। इस भाव तो किसानों की बढ़ी हुई लागत भी घर में नहीं आएगी।

गन्ना मूल्य में वृद्धि ऊंट के मुंह में जीरे के समान: शाहिद                                                                                                   

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पूर्व कैबिनेट मंत्री शाहिद मंजूर ने कहा कि योगी आदित्यनाथ यूपी के सबसे कमजोर मुख्यमंत्री हैं। इनसे ज्यादा तो मायावती और मुलायम सिंह यादव भी गन्ने का मूल्य बढ़ा चुके हैं। योगी आदित्यनाथ के चार वर्ष के कार्यकाल में सिर्फ 25 रुपये गन्ना मूल्य में बढोतरी बता रही है कि जब योगी सरकार चुनावी वर्ष में भी हरियाणा के बराबर गन्ना मूल्य घोषित नहीं कर सकती है तो गन्ना लॉबी के कितने दबाव में काम कर रही है। गन्ना किसानों की सिर्फ वोट भाजपा को चाहिए, लेकिन गन्ना मूल्य देने के लिए कदम नहीं बढ़ाये जा रहे हैं। किसान बर्बाद हो रहा है। मंहगाई तो लगातार बढ़ रही हैं, लेकिन गन्ना मूल्य लगातार क्यों नहीं बढ़ाया गया। चार वर्ष में अब चुनाव आ गए है तो सिर्फ 25 रुपये का इजाफा गन्ना मूल्य में कर दिया, जो ऊंट के मुंह में जीरे के समान है।

योगी का सराहनीय कदम: विजय पाल                                                                                                                            

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भाजपा के राज्यसभा सांसद ठाकुर विजयपाल सिंह तोमर ने कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 25 रुपये की गन्ना मूल्य वृद्धि कर किसानों की हित में कदम उठाया है। यह उनका कदम सराहनीय हैं। इसकी जितनी तारीफ की जाए कम है। कहा कि गन्ना ऐसे वक्त में बढ़ाया गया, जब चीनी के दाम कम हैं। किसानों के लिए भाजपा सरकार समर्पित है। क्योंकि कुछ लोग किसानों को भ्रमित करने का काम कर रहे हैं। अब भाजपा नेता गांव-गांव पहुंचकर किसानों को बतायेंगे कि किसान हित में हर निर्णय सिर्फ भाजपा सरकार ही लेती है और आगे भी लेती रहेगी। किसान की आय दोगुना करने का फार्मुला सिर्फ भाजपा के पास हैं। बाकी पार्टी के नेता सिर्फ राजनीति कर रहे हैं।

गन्ना मूल्य वृद्धि नाकाफी: मानवेन्द्र                                                                                                                                 

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जय किसान आंदोलन के प्रदेश अध्यक्ष मानवेंद्र वर्मा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा घोषित गन्ने के मूल्य को नाकाफी बताया है। उत्तर प्रदेश सरकार के हिसाब से किसान की लागत प्रति कुंटल 345 आती है, फिर सामान्य जाति के गन्ने का मूल्य 340 वह अगेती प्रजाति का मूल्य 350 कुंतल नुकसान का सौदा है। पड़ोसी राज्य पंजाब के गन्ना मूल्य 365 कुंतल से भी 15 कम है। यह उत्तर प्रदेश के किसान का अपमान है। मानवेंद्र वर्मा ने बताया कि जय किसान आंदोलन की मांग थी कि गन्ने का मूल्य 345 कुंतल से 50% का लाभ जोड़ कर देना चाहिए, जो लगभग 515 बैठता है। जय किसान आंदोलन के प्रदेश अध्यक्ष मानवेंद्र वर्मा ने कहा कि गन्ने का मूल्य 25 कुंतल बढ़ाकर उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों का अपमान किया है।

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