Thursday, March 20, 2025
- Advertisement -

ज्ञान बिन कुछ नहीं

Amritvani


एक जौहरी के निधन के बाद उसका परिवार संकट में पड़ गया। खाने के भी लाले पड़ गए। एक दिन उसकी पत्नी ने अपने बेटे को नीलम का एक हार देकर कहा-बेटा, इसे अपने चाचा की दुकान पर ले जाओ। कहना इसे बेचकर कुछ रुपये दे दो। बेटा वह हार लेकर चाचा जी के पास गया।

चाचा ने हार को अच्छी तरह से देख परखकर कहा- बेटा, मां से कहना कि अभी बाजार बहुत मंदा है। थोड़ा रुककर बेचना, अच्छे दाम मिलेंगे। लड़के को मायूसी हुई। वह सोचने लगा कि अब घर में खाने के लिए कहां से आएगा। चाचा उसकी मनोदशा समझ गया।

चाचा ने उसे थोड़े से रुपये देकर कहा, फिलहाल ये पैसे ले जाओ और काम करना तुम कल से दुकान पर आकर रोज बैठना। अगले दिन से वह लड़का रोज दुकान पर जाने लगा और वहां हीरों की परख का काम सीखने लगा। एक दिन वह बड़ा पारखी बन गया। लोग दूर-दूर से अपने हीरे की परख कराने आने लगे।

एक दिन उसके चाचा ने कहा, बेटा अपनी मां से वह हार लेकर आना और कहना कि अब बाजार बहुत तेज है, उसके अच्छे दाम मिल जाएंगे। मां से हार लेकर उसने परखा तो पाया कि वह तो नकली है। वह उसे घर पर ही छोड़ कर दुकान लौट आया। चाचा ने पूछा, हार नहीं लाए?

उसने कहा, वह तो नकली था। तब चाचा ने कहा, जब तुम पहली बार हार लेकर थे, तब मैं उसे नकली बता देता तो तुम सोचते कि आज हम पर बुरा वक्त आया तो चाचा हमारी चीज को भी नकली बताने लगे।

आज जब तुम्हें खुद ज्ञान हो गया तो पता चल गया कि हार सचमुच नकली है। सच यह है कि ज्ञान के बिना इस संसार में हम जो भी सोचते, देखते और जानते हैं, सब गलत है।


janwani address 5

What’s your Reaction?
+1
0
+1
1
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

Baghpat News: भाकियू अम्बावत कार्यकर्ताओं ने मुकदमें खत्म करने की मांग की

भारतीय किसान यूनियन अम्बावत ने एसपी कार्यालय पर...

Chaitra Pradosh Vrat 2025: कब रखा जाएगा चैत्र माह का पहला प्रदोष व्रत? जानें तिथि, उपाय और नियम

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत...

सांसों की बदबू से परेशानी है तो क्या करें?

विजेन्द्र कोहली गुरूदासपुरी सांसों की दुर्गन्ध हमारे व्यक्तित्व पर पहाड़...

गार्डनिंग द्वारा भी संभव है विभिन्न व्याधियों का उपचार

सीताराम गुप्ता पेड़-पौधों द्वारा मनोरोगों का उपचार करने के लिए...
spot_imgspot_img