Friday, March 29, 2024
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अब 10 मई को सुनवाई, जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कुछ कहा ?

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जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में कोरोना महामारी के संबंध में ऑक्सीजन की आपूर्ति, दवा की आपूर्ति और अन्य नीतियों से संबंधित मामले की सुनवाई अब 10 मई को होगी। परंतु इससे पहले शुक्रवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि केंद्र सरकार 100 फीसदी टीकों की खरीद क्यों नहीं करती?

इसे राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के मॉडल पर राज्यों को वितरित क्यों नहीं करती, ताकि वैक्सीन के दामों में अंतर न रहे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आखिरकार यह देश के नागरिकों के लिए है।

सुप्रीम कोर्ट ने ऑक्सीजन सप्लाई, दवा सप्लाई और अन्य मुद्दों पर जिरह के दौरान सख्त टिप्पणी की। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकारों तक से सवाल पूछे और जमकर फटकार भी लगाई।

सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ ने की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय विशेष पीठ ने साफ कहा कि केवल राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों की ही सुनवाई होगी।

  1. उच्चतम न्यायालय ने कहा कि कोविड-19 पर सूचना के प्रसार पर कोई रोक नहीं होनी चाहिए।
  2. उच्चतम न्यायालय ने कहा, कोविड-19 संबंधी सूचना पर रोक अदालत की अवमानना मानी जाएगी, इस सबंध में पुलिस महानिदेशकों को निर्देश जारी किए जाएं।
  3. उच्चतम न्यायालय ने केंद्र से कहा कि सूचनाओं का मुक्त प्रवाह होना चाहिए, हमें नागरिकों की आवाज सुननी चाहिए।
  4. उच्चतम न्यायालय ने कहा कि इस बारे में कोई पूर्वाग्रह नहीं होना चाहिए कि नागरिकों द्वारा इंटरनेट पर की जा रही शिकायतें गलत हैं।
  5. सुप्रीम कोर्ट ने यहां तक पाया कि डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को भी अस्पतालों में बिस्तर नहीं मिल रहे हैं, कहा- स्थिति खराब है।
  6. कोर्ट ने कहा कि छात्रावास, मंदिर, गिरिजाघर और अन्य स्थानों को कोविड-19 मरीज देखभाल केंद्र बनाने के लिए खोले जाएं।
  7. केंद्र को राष्ट्रीय टीकाकरण मॉडल अपनाना चाहिए, क्योंकि गरीब टीके का मूल्य चुकाने में सक्षम नहीं होंगे।
  8. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस बात से सहमत हैं कि गत 70 साल के दौरान विरासत में जो हमें स्वास्थ्य अवसंरचना मिली, वह पर्याप्त नहीं है।
  9. न्यायालय ने दिल्ली सरकार से कहा कि कोई राजनीतिक झमेला नहीं होना चाहिए, उसे कोविड-19 की स्थिति से उबरने के लिये केंद्र के साथ सहयोग करना चाहिए।
  10. न्यायालय ने दिल्ली सरकार से कहा कि राजनीति चुनाव के लिए है, मानवीय संकट के इस समय में हर जिंदगी पर ध्यान दिये जाने की जरूरत है।
  11. न्यायालय ने दिल्ली सरकार से यह भी कहा कि कृपया हमारा संदेश शीर्ष स्तर पर पहुंचा दीजिए कि राजनीति एक तरफ रखें, केंद्र से बात करें।
  12. केंद्र सरकार ने न्यायालय को बताया कि देश में चिकित्सीय ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है, कोविड-19 से राहत के लिये आपूर्ति बढ़ाई जा रही है।
  13. केंद्र ने यह भी कहा कि देश में ऑक्सीजन का उत्पादन बढ़ा है, अगस्त 2020 में प्रतिदिन करीब 6000 मीट्रिक टन से आज की तारीख में 9000 मीट्रिक टन उत्पादन हो रहा है।
  14. केंद्र ने बताया कि उत्तर प्रदेश ने ऑक्सीजन की ढुलाई करने वाले टैंकरों में जीपीएस उपकरण लगवाया है, जिससे सुनिश्चित हो कि वाहन चल रहे हैं।
  15. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उच्च न्यायालयों को बिना सोचे समझे टिप्पणी करने से बचना चाहिए।
  16. कोर्ट ने कहा कि सुनवाई के दौरान की जाने वाली टिप्पणी सोशल मीडिया में जाती है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि हम किसी के खिलाफ हैं।
  17. बिना सोचे समझे टिप्पणी करने से बचने की सलाह देते हुए न्यायालय ने कहा कि इसका यह मतलब नहीं कि न्यायाधीश परिणाम से डरते हैं।
  18. दिल्ली-एनसीआर के अस्पतालों द्वारा पते का प्रमाण मांगे जाने पर न्यायालय ने केंद्र से कहा कि कोविड-19 मरीजों की भर्ती के लिए एक समान नीति बनाएं।
  19. न्यायालय ने केंद्र से कहा कि सुनिश्चित करें कि कोविड-19 मरीज के दाखिले के लिए अस्पताल द्वारा कोई स्थानीय पते का प्रमाण न मांगा जाए।
  20. न्यायालय ने कहा कि कोविड-19 को लेकर नए ढांचे या समितियां बनाने से किसी का भला नहीं होगा, हमें सभी उपलब्ध संसाधनों का इस्तेमाल करना होगा।
  21. कोविड-19 प्रबंधन के लिए एक राष्ट्रीय नीति बनाए जाने को लेकर स्वत: संज्ञान में लिए गए मामले पर न्यायालय अब 10 मई को सुनवाई करेगा।
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