Sunday, September 24, 2023
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पावरलूम कनेक्शन से चलाए जा रहे दूसरे उद्योग!

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  • बिजली विभाग के रिकॉर्ड में जनपद में चल रही है 30 हजार से अधिक छोटी-बड़ी इकाइयां
  • हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग में ज्यादातर ने नहीं कराया पंजीकरण
  • बिजली विभाग में रखे हैं धड़ाधड़ कनेक्शन

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: जनपद में 30 हजार से ज्यादा छोटी-बड़ी पावरलूम इकाइयों के कनेक्शन बिजली विभाग ने दे रखे हैं। जबकि इनमें से अधिकतर इकाइयां ऐसी हैं, जिनका हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग में पंजीकरण तक नहीं कराया गया है। हद तो यह है कि अपने ही दिए हुए बेतहाशा कनेक्शन के सत्यापन के लिए बिजली विभाग हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग से अपेक्षा कर रहा है।

ऐसा माना जा रहा है पावरलूम कनेक्शन के माध्यम से महानगर की बहुत सारी इकाइयों में दूसरे उद्योग चलाने का काम किया जा रहा है। हालांकि जियो टैग और अन्य सोर्स के माध्यम से पावर लूम इकाइयों के सत्यापन का कार्य किया जा रहा है लेकिन विभाग के लिए हर यूनिट को ढूंढ पाना आसान काम नहीं है।

वर्ष 2006 में मुलायम सिंह यादव ने अपने मुख्यमंत्री काल में बुनकरों को फ्लैट रेट पर बिजली देने की योजना लागू की थी। इस योजना के अंतर्गत पावर लूम इकाई लगाने के लिए किसी भी क्षमता तक के कनेक्शन लेने की सुविधा बुनकरों को दी गई थी। उत्तर प्रदेश में मेरठ के साथ साथ मऊ अयोध्या और वाराणसी ऐसे परिक्षेत्र हैं, जहां पावरलूम इकाइयों की संख्या 30 हजार से बहुत ऊपर है।

इन चार परिक्षेत्र में लागू फ्लैट रेट योजना के अंतर्गत जो आंकड़े विभाग के पास मौजूद है, उसके अनुसार समूचे उत्तर प्रदेश के शहरी क्षेत्र में आधा हॉर्स पावर की पावरलूम इकाइयों की संख्या एक लाख 76 हजार 66, एक हॉर्स पावर पावरलूम इकाइयों की संख्या 14 हजार115 है। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में आधा हॉर्स पावर इकाइयां 57 हजार 510 और 1 हॉर्स पावर इकाइयां 3131 हैं।

इकाइयों को फ्लैट रेट पर बिजली देने के लिए वर्ष 2015 से एक व्यवस्था की गई हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग के माध्यम से अनुदान राशि बिजली विभाग के अकाउंट में भेज दी जाती है। इस बीच जुलाई 2023 से अटल बिहारी वाजपेयी पावरलूम विद्युत फ्लैट रेट योजना लागू की गई है जिसमें अधिकतम 5 किलोवाट के कनेक्शन के लिए ही बुनकरों को फ्लैट रेट पर बिजली दिए जाने की व्यवस्था की गई है।

जबकि इससे अधिक के कनेक्शन पर अन्य स्लैब लागू किए गए हैं। हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग मेरठ परिक्षेत्र के सहायक आयुक्त मनोज कांत गर्ग बताते हैं कि प्रदेश भर में अभी तक जुटाई गई जानकारी के मुताबिक एक चौथाई से भी अधिक कनेक्शन ऐसे पाए गए हैं, जहां मौके पर पावरलूम इकाइयां ही नहीं लगी हुई हैं। मेरठ परिक्षेत्र की अगर बात की जाए तो बिजली विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक यहां 30 हजार से अधिक छोटी-बड़ी पावरलूम इकाइयां हैं।

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जबकि जियो टैग के दौरान इनमें से एक चौथाई से अधिक इकाइयां ऐसी पाई गई हैं, जहां पावरलूम मशीन ही नहीं लगी हुई हैं। अधिकारियों ने पावर लूम इकाइयां और बिजली विभाग के कनेक्शन की वास्तविकता का पता लगाने के लिए हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग और बिजली विभाग की संयुक्त टीम को भौतिक सत्यापन करने के आदेश जारी किए हैं।

इस योजना पर काम किया जा रहा है। इसके अलावा जियो टैगिंग का काम भी एक कंपनी के माध्यम से कराया जा रहा है। हालांकि जियो टैगिंग का काम अभी तक 10 प्रतिशत ही हो पाया है। सहायक आयुक्त के अनुसार आने वाले दिनों में पावरलूम इकाइयों के सत्यापन का काम तेजी से कराया जाएगा।

ये है अटल बिहारी वाजपेयी पावरलूम विद्युत फ्लैट रेट योजना

इसी वर्ष अप्रैल के पहले सप्ताह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में राज्य की अटल बिहारी वाजपेयी पावरलूम विद्युत फ्लैट रेट योजना को मंजूरी दी गई। इस योजना पर 400 करोड़ रुपये का खर्च आने की बात कही गई। योजना के अंतर्गत शहरी क्षेत्र में पांच किलोवाट कनेक्शन वाले पावरलूम कनेक्शन धारकों को आधे हार्स पावर पर 400 और एक हार्स पावर पर 800 रुपये देना होगा। जबकि ग्रामीण क्षेत्र में यह क्रमश: 300 और 600 रुपये होगा। इस योजना का लाभ एक अप्रैल 2023 से दिया जाएगा।

वहीं, हथकरघा पर 80 और पावरलूम लगाने पर 60 फीसदी तक अनुदान मिलेगा। पांच किलोवाट अधिक भार वाले पावरलूम कनेक्शन धारकों को 700 रुपये प्रति हार्स पावर और अधिकतम 9100 रुपये हर माह अनुदान राशि देय होगी। इसके अलावा सूक्ष्म, लघु उद्यम निर्यात प्रोत्साहन तथा खादी ग्रामोद्योग हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग की ओर से बाई कोरी हथकरघा एवं पावरलूम विकास योजना शुरू की गई है। बुनकरों को हथकरघा के दो अनुमानित मूल्यों पर 50 हजार और 80 हजार रुपये का अनुदान दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री सौर ऊर्जा योजना में मिलेगा 50 प्रतिशत अनुदान

हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग सहायक आयुक्त मेरठ परिक्षेत्र मनोज कांत गर्ग ने बताया कि मुख्यमंत्री सौर ऊर्जा योजना के अंतर्गत मेरठ में केडी प्रिंटर्स और हापुड़ में वृंदावन टेक्स फेब तथा जयभगवती ट्रेडर्स के यहां कुल तीन यूनिट लगाने का काम शुरू किया गया है। यह तीनों इकाई 25 किलो वाट क्षमता की लगेगी। इनमें प्रत्येक की लागत 42.12 लाख रुपये है।

जिनमें राज्य सरकार की ओर से 50 प्रतिशत अनुदान के रूप में 21.6 लाख रुपये प्रत्येक यूनिट के लिए दिए जा चुके हैं। सहायक आयुक्त ने बताया कि पांच किलोवाट से अधिक विद्युत धारक पावरलूम बुनकरों को उनके उत्पाद की लागत कम करने के लिए गैर पारम्परिक ऊर्जा-सौर ऊर्जा का लाभ दिलाने की यह योजना है। इसमें सौर ऊर्जा सयंत्र लीथियम बैटरी के साथ सामान्य पावरलूम बुनकरों को 50 प्रतिशत अनुदान की व्यवस्था की गई है।

जांच के बाद ही जुड़ेंगे कटे हुए कनेक्शन

बुधवार को बुनकरों का एक प्रतिनिधिमंडल हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग के सहायक आयुक्त मनोज कांत गर्ग से मिला उनको अवगत कराया कि वे लागू की गई नई व्यवस्था के अंतर्गत आधा किलो वाट और एक किलो वाट की मशीनें लगाकर तौलिया आदि बनाने का काम कर रहे हैं। लेकिन बिजली विभाग में इनको अधिक भार बताकर कनेक्शन को काट दिया है। प्रतिनिधिमंडल में मोहम्मद दिलशाद, मोहम्मद खुर्शीद, मोहम्मद आजाद, शफीक उद्दीन अंसारी, मोहम्मद मेराज आदि शामिल रहे।

सहायक आयुक्त ने उन्हें आश्वासन दिया गुरुवार को विभाग के इंस्पेक्टर और बिजली विभाग के अधिकारी निरीक्षण करके एक सर्वे रिपोर्ट पेश करेंगे। जिसके आधार पर अगला कदम उठाया। इस बीच शहर विधायक रफीक अंसारी ने बुनकरों की समस्याओं के संबंध में मनोज कांत गर्ग से मोबाइल के जरिये बात की। साथ ही बिजली विभाग के अधिकारी से बात करते हुए समाधान का अनुरोध किया है।

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