Saturday, July 27, 2024
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ठेलों, ट्रकों के खड़े होने से लगता है जाम

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  • एनएच-58 स्थित खड़ौली में एनएचएआई के अफसरों ने मंूदी आंखें
  • राहगीर परेशान, पुलिस भी रहती है मूकदर्शक

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: ये तस्वीर खड़ौली एनएच-58 की हैं। हाइवे की सड़कों पर भी यहां ट्रक, ठेले वाले खड़े हैं। हाइवे जाम की स्थिति यहां हर समय बनी रहती हैं। हर रोज जनता हाइवे पर जाम से जूझती रहती हैं, फिर भी एनएचएआई के अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं। टोल की सड़क हैं। टोल भी प्रत्येक वाहन चालक से वसूला जा रहा हैै, लेकिन जो सुविधा टोल रोड पर मिलनी चाहिए, वो नहीं मिल रही हैं। टोल पूरा, सुविधा अधूरी। ये काम एनएच-58 पर हो रहा हैं।

खड़ौली में जो ठेले और ट्रक वालों ने बखेड़ा खड़ा कर रखा हैं, किसी दिन बड़ा बवाल करा देगा। इसके बाद ही एनएचएआई के अफसरों की नींद टूटेगी, तब जाकर खड़ौली में जो जाम लगता है, उस पर फोकस करेगा। हाइवे की इतनी खराब हालत कभी नहीं रही, जितनी वर्तमान में हैं। रोहटा फ्लाईओवर से जैसे ही दिल्ली की तरफ को चलते हैं, वहीं से जाम लगना आरंभ हो जाता हैं। क्योंकि खड़ौली में जितने ढाबे और ठेले लगे हैं, उनके आसपास वाहनों को खड़ा कर दिया जाता हैं, फिर जाम लगना शुरू हो जाता हैं।

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कई-कई वाहन यहां खड़े रहते हैं, लेकिन ये एनएचएआई को नहीं दिखते। जनता की सुविधा के लिए टोल रोड बनी थी, लेकिन यहां घंटों तक वाहन जरा सी लापरवाही के चलते रेंगते रहते हैं। हाइवे के सेंटर से नौ मीटर छोड़कर निर्माण होना चाहिए, लेकिन नौ मीटर के बाद ठेले व वाहन खड़े कर दिये जाते हैं। फिर जाम लगना तो लाजिमी हैं। ट्रैफिक पुलिस का फोकस तमाम चौराहे हैं, मगर खड़ौली में कोई जाम खुलवाने के लिए नहीं पहुंचता हैं। घंटों जाम लगा रहना यहां आम बात हो गई हैं।

एक विशेष सम्प्रदाय के लोगों ने ठेले लगाकर लोगों का जीना हराम कर दिया हैं। मस्जिद को पीछे तो हटाया गया, लेकिन मस्जिद और पीछे हटनी चाहिए, जिसके चलते ही जनता को खड़ौली में राहत मिल सकती हैं। इस बात को एनएचएआई के अफसर भी मानते हैं, लेकिन कार्रवाई करेगा कौन? ठेले वालों पर पुलिस की चाबुक चलते ही व्यवस्था पटरी पर आ जाएगी, लेकिन यहां तो पुलिस भी मूकदर्शक बनी रहती हैं। कोई कहने सुनने वाला नहीं हैं। खड़ौली हाइवे पर लगने वाले जाम से गलत संदेश हाइवे से जाने वालों पर भी पड़ रहा हैं।

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ये हालत तो दिन की हैं, लेकिन रात्रि में भी सरिया लदे ट्रक यहां पर खड़े कर दिये जाते हैं। सड़कों पर वाहनों के खड़े करने पर प्रतिबंध हैं, लेकिन फिर भी पुलिस ट्रकों को आधे सड़क पर आधे नीचे, कैसे खड़ा होने दे रही हैं। ये पूरी जिम्मेदारी पुलिस की हैं। आये दिन हाइवे पर सड़क हादसे भी सामने आ रहे हैं, फिर भी पुलिस का चाबुक ट्रक संचालकों पर नहीं लगाया जा रहा हैं।

खतरे में जान, लेकिन नहीं सुधरेंगे

एनएच-58 की पूरी जिम्मेदारी एनएचएआई के अफसरों की हैं। अवैध अतिक्रमण इस पर हो रहा हैं। अवैध होर्डिग्स तक एनएचएआई को हटाने चाहिए। ठेलों पर भी कार्रवाई करनी चाहिए। खड़ौली में सड़क संकरी हो गई हैं। इस तरफ से एनएचएआई आंखें मूंदे हैं। ये अवैध कट भी जानलेवा हैं।

खड़ौली में हादसा भी हो चुका हैं, जिसमें दो लोगों की जान भी चली गई थी, फिर भी अवैध कट से बाइक सवार निकलते रहते हैं, जो जानलेवा हो सकता हैं। इस बात को सभी जानते हैं, मगर इनको अवैध कट से बाइक निकालने की अनुमति एनएचएआई के अफसरों ने कैसे दी? इसमें कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही हैं? फिर से यहां हादसे का एनएचएआई के अफसरों को इंतजार हैं। जगह-जगह अवैध कट बन गए हैं।

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इन कट से वाहनों को निकाला जा रहा था, जिसको ‘जनवाणी’ के फोटोजर्नलिस्ट ने कैमरे में भी कैद कर लिया। पुलिस की मौजूदगी में ही अवैध कटों से वाहनों को निकाला जाता रहा हैं, फिर भी वाहनों का चालान तक नहीं किया जा रहा हैं। इसी वजह से यहां हादसे दर हादसे हो रहे हैं। आखिर एनएचएआई के अफसर अपनी जिम्मेदारी से क्यों बच रहे हैं?

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