Monday, June 17, 2024
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धैर्य और लगन

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Amritvani 22


एक आदमी काफी दूर से पीने का पानी लाता था। एक बार उसका मित्र उससे मिलने आया, तो वह पानी लेने दूर के कुएं पर गया। मित्र ने उसे सुझाव दिया कि, ‘तुम इतनी दूर से पानी लाते हो, अपने घर के करीब ही एक कुआं क्यों नहीं खोद लेते? इससे हमेशा के लिए पानी की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।’

मित्र की सलाह मानकर उस आदमी ने कुआं खोदना शुरू किया। सात-आठ फीट खोदने के बाद उसे पानी तो क्या, गीली मिट्टी का भी चिन्ह नहीं मिला, तो उसने वह जगह छोड़कर दूसरी जगह खुदाई शुरू कर दी। वहां भी दस फीट खोदा, लेकिन उसमें पानी नहीं निकला।

उसने तीसरी जगह कुआं खोदा, लेकिन निराशा ही हाथ लगी। इस क्रम में उसने आठ-दस फीट के दस कुएं खोद डाले, पानी नहीं मिला। वह निराश होकर अपने मित्र के पास पहुंचा, जिसने कुआं खोदने की सलाह दी थी। उसे बताया कि मैंने दस कुएं खोद डाले, पानी एक में भी नहीं निकला।

उस व्यक्ति को आश्चर्य हुआ। वह खुद चलकर उस जगह पर आया, जहां उसने दस गड्ढे खोद रखे थे। उन गड्ढों की गहराई देखकर मित्र समझ गया। वह बोला, ‘दस कुएं खोदने की बजाए एक कुएं में ही तुम अपना सारा परिश्रम और पुरुषार्थ लगाते, तो पानी कब का मिल गया होता।

तुम सब गड्ढों को बंद कर दो, केवल एक को गहरा करते जाओ, पानी निकल आएगा।’ आज लोगों की स्थिति यही है। आदमी हर काम जल्दी करना चाहता है। किसी के पास धैर्य नहीं है। इसीलिए पचासों योजनाएं एक साथ चलाता है और पूरी एक भी नहीं हो पाती।


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