- 15 दिन कीमतें स्थिर रहीं, पांच दिन से रोज बढ़ रहीं कीमतें
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: एक तरफ लोग कोरोना की मार झेल रहे हैं और अब पांच दिन से पेट्रोल की कीमतें धीरे-धीरे बढ़ाकर लोगोंं की कमर तोड़ी जा रही है। 15 अगस्त से रोज 10 पैसे की वृद्धि हो रही है।
22 मार्च से लेकर एक जून तक तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर वृद्धि नहीं की थी। उस वक्त इंटरनेशल रेट भी 15 से 18 डालर प्रति बैरल चल रहा था, लेकिन सरकार ने लोगों को राहत नहीं दी थी।
जून के बाद डीजल की दरों में तेजी से वृद्धि होने लगी। इसके साथ ही पेट्रोल की कीमतें भी लगातार बढ़ाई जाती रही। जून के बाद कोरोना की रफ्तार तेजी से बढ़ने लगी और कीमत 80 रुपये तक पहुंच गई थी।
तेल कपंनियों ने एक अगस्त से 15 अगस्त तक पेट्रोल की कीमतों में कोई वृद्धि नहीं की, लेकिन 15 अगस्त से लेकर अब तक रोज 10 पैसे प्रतिदिन के हिसाब से बढ़ाना शुरू कर दिया।
15 अगस्त को 80.85 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल था। इसके बाद इस तरह से कीमतें बढ़ाई गई, जिससे लोगों को अहसास न हो सके। 19 अगस्त को 81.20 रुपये प्रति लीटर कीमत पहुंच गई जो हाल के वर्षों में इस स्तर पर नहीं गई थी।
हैरानी की बात यह है कि सरकार का ध्यान इस ओर नहीं है कि जब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर क्रूड आयल की कीमतों पर उछाल नहीं है, फिर तेल कंपनियां किस आधार पर तेल के दाम बढ़ा रही है। हालांकि डीजल के दाम इस वक्त स्थिर है, लेकिन तेल कंपनियां कब कीमतें बढ़ाने लगे, इसका अंदाज किसी को नहीं है।
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